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गोल्ड के शौकीन हैं और मालामाल होना चाहते हैं? इन्वेस्टमेंट के तरीके हमसे जानिए

एक आशंका में दुनियाभर के बैंक सोना खरीद रहे हैं

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गोल्ड खरीदने की चाह रखने वाले लोग इन विकल्पों में भी निवेश कर सकते हैं

दुनिया भर में जिस कदर महंगाई बढ़ी है और मंदी की आशंका तेज हुई है. इससे भारत और दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने गोल्ड की ताबड़तोड़ खरीदारी की है. आलम ये रहा कि मई 2023 में सोना उछाल मारकर 61,490 प्रति 100 ग्राम के भाव पर पहुंच गया, जो इसका अब तक का सबसे महंगा भाव है. हालांकि, बीते एक सप्ताह के दौरान कीमतें नीचे आई हैं. और अब आप भी इन्वेस्ट करने के बारे में सोच सकते हो. 

क्लाइंट असोसिएट्स के को-फाउंडर हिमांशु कोहली बिजनेस टुडे को बताते हैं,

‘निवेश के लिहाज से गोल्ड कई मायनों में फायदेमंद है. एक तो आपके निवेश में विविधता आती है. मुश्किल हालात में निवेश की रकम में ज्यादा उतार चढ़ाव नहीं आता. लंबे समय में आप इस निवेश के जरिए अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं. ऐसे में अगर आपका भी गोल्ड से लगाव है और कम भाव का फायदा उठाते हुए खरीदारी करना चाहते हैं तो इन विकल्पों पर नजर दौड़ा सकते हैं. इनमें ऐसे विकल्प भी हैं जो गोल्ड पर कुछ पर्सेंट अधिक ब्याज भी कमा सकते हैं.'

सालों पुराना तरीका..जूलरी, सिक्के और बिस्किट

सबसे पहला तरीका है- सालों से चला आ रहा सोने के गहने, सिक्के या बिस्किट खरीदने का चलन. हालांकि इनके साथ दिक्कत ये रहती है इन्हें सुरक्षित रखने की टेंशन. मिलावट का डर और कई अन्य चार्जेज. सोने से बनी चीजें खरीदने पर जीएसटी भी लगती है. लॉकर में रखने पर उसके चार्जेज भी देने होते हैं. लेकिन, फायदे ये हैं कि किसी विषम परिस्थिति में गोल्ड के बदले लोन भी उठाया जा सकता है. कर्जदाता कम ब्याज दर पर गोल्ड की कीमत के 80 फीसदी तक का लोन दे सकता है.

डिजिटल गोल्ड भी है चलन में

आजकल डिजिटल माध्यम में भी गोल्ड की खरीदारी मुमकिन है. आप जितनी रकम या जितने वजन का चाहें गोल्ड खरीद सकते हैं. बाजार में ऐसे ढेरों ऐप मौजूद हैं जो डिजिटल गोल्ड खरीदने का ऑप्शन दे रहे हैं. यहां गोल्ड की शुद्धता की गारंटी मिलती है. जवेरी बाजार में जैसे-जैसे गोल्ड की कीमत घटती बढ़ती है, उसी हिसाब से आपके डिजिटल गोल्ड की कीमत भी तय होती है. खरीदार जब चाहें तब बेच सकते हैं और पैसा सीधे आपके खाते में आ जाएगा. इसके अलावा अगर खरीदार डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड मे बदलना चाहता है तो इसका विकल्प भी उसे दिया जाता है. हालांकि यहां आपको 3 फीसदी जीएसटी के अलावा कुछ अन्य चार्जेज भी देने पड़ सकते हैं.

एक्स्ट्रा रिटर्न के लिए सरकारी गोल्ड स्कीम रहेगी बेहतर

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम. ये गोल्ड खरीदने का सबसे सस्ता रास्ता है. इसके जरिए कोई खरीदार कम से कम 1 ग्राम सोना खरीद सकता है. जबकि एक आम आदमी अधिकतम 4 किलो, जबकि ट्रस्ट या कंपनियां 20 किलो तक खरीद सकती हैं. इन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करता है. सरकारी स्कीम होने के कारण निवेश पूरी तरह सुरक्षित होता है. इस स्कीम में खरीदार को सिर्फ गोल्ड की कीमत चुकानी होती है. ना कोई जीएसटी लगता है और ना कोई मेकिंग और ना कोई अन्य चार्ज देना होता है.

SGB में निवेश 8 साल तक के लिए करना होता है. हालांकि, 5 साल पूरा होने के बाद जब चाहें तब अपनी हिस्सेदारी बेच सकते हैं. बेचते समय गोल्ड के मौजूदा भाव के हिसाब से आपके निवेश की वैल्यू तय होगी, साथ में उतने सालों के लिए ढाई फीसदी सालाना रिटर्न भी दिया जाता है. SGB के तहत खरीदे गए गोल्ड को बेचने से हुए फायदे पर कोई टैक्स भी नहीं लगता.

गोल्ड वाला म्यूचुअल फंड भी तो है

अगर आपको शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड पसंद है तो भी ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड के जरिए कुछ निवेश गोल्ड में डाल सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ में निवेश बिल्कुल शेयरों की तरह ही होता है. इसे डीमैट खाते में रख सकते हैं. इसलिए इसे कभी भी बेच और खरीद सकते हैं. कुछ फंड हाउस आपको गोल्ड की फिजिकल डिलीवरी कराने की भी सुविधा देते हैं. हालांकि, ध्यान रखें कि जरूरी नहीं जितना ईटीएफ आपने बेचा है, उतने ही वजन का सोना आपको हाथ में मिले. ईटीएफ की एक यूनिट, गोल्ड के एक ग्राम के बराबर मानी जाती है.

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