मुकेश अंबानी की जियोमार्ट ने 1000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, और ये बस शुरुआत है

09:42 PM May 23, 2023 | प्रदीप यादव
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मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऑनलाइन होलसेल प्लेटफार्म जियोमार्ट (JioMart) ने एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. खबर है कि आने वाले दिनों में कंपनी बड़े पैमाने पर छंटनी की योजना बना रही है. इसकी वजह से हजारों लोगों की नौकरी जा सकती है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक जियोमार्ट में छंटनी की ये अभी बस शुरुआत भर है. आने वाले वक्त में कंपनी अपने 15,000 कर्मचारियों में से करीब एक तिहाई कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना रही है.

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इकोनॉमिक टाइम्स ने एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि जियोमार्ट ने पिछले कुछ दिनों में अपने कॉर्पोरेट ऑफिस में 500 अधिकारियों समेत 1000 लोगों से इस्तीफा देने के लिए कहा है. इसके साथ ही कंपनी ने 100 से अधिक कर्मचारियों को परफॉर्मेंस इंप्रूवमेंट प्लान यानी PIP पर रखा है. इसके अलावा, सेल्स डिवीजन में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों की फिक्स्ड पे सैलरी कम करने के साथ ही उन्हें वेरिएबल पे स्ट्रक्चर पर रखा है. सूत्र ने अखबार से कहा कि जियोमार्ट परफार्मेंस इंप्रूवमेंट प्लान के तहत पहले से ही सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना रही है.

जियोमार्ट में कर्मचारियों की छंटनी क्यों?

दरअसल पिछले साल रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने जर्मन कंपनी मेट्रो कैश एंड कैरी के भारतीय कारोबार को 2850 करोड़ रुपये में खरीद लिया था. इस डील के बाद मेट्रो कैश एंड कैरी के 3500 स्थायी कर्मचारी भी रिलायंस रिटेल का हिस्सा बन गए थे. इसके चलते कंपनी में एक ही तरह का काम करने वाले एक से ज्यादा कर्मचारी हो गए थे. जियोमार्ट के एक अधिकारी ने ईटी को बताया कि मेट्रो कैश एंड कैरी के 3500 कर्मचारी जुड़ने के बाद से कई लेवल पर कर्मचारियों के रोल ओवरलैप हो गए, इसके चलते छंटनी की गई है.

जियोमार्ट ने ऑनलाइन किराना बाजार में 'डीप डिस्काउंट' का रास्ता अपनाकर बड़ी बाजार हिस्सेदारी हासिल की है. अब कंपनी मार्जिन में सुधार और घाटे को कम करने की कोशिश में है. इसी के तहत कंपनी ने अपने कुछ गोदामों को भी बंद करने का भी फैसला किया है. जियोमार्ट अपने 150 से अधिक गोदामों में से आधे से ज्यादा सेंटर को बंद करने की योजना बना रही है. ये गोदाम गली-मोहल्ले के स्टोरों को किराने के सामान की सप्लाई का काम करते हैं.

आपको बता दें कि पिछले हफ्ते, मेट्रो कैश एंड कैरी ने रिलायंस रिटेल के साथ अपने 31 स्टोरों की बिक्री पूरी करने की घोषणा की थी. इसके बावजूद भारत में संगठित खुदरा और थोक बिजनेस अभी भी एफएमसीजी की बिक्री का केवल 10 से 15 फीसदी है. इसमें रिलायंस जैसी कंपनियों का 50 फीसदी हिस्से पर कब्जा है. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, रिलायंस रिटेल ने 3300 से अधिक नए स्टोर खोलने के साथ अपने ऑफलाइन स्टोर नेटवर्क का विस्तार किया है. 31 मार्च तक देश में रिलायंस रिटेल कुल स्टोर की संख्या 18 हजार के पार पहुंच गई है.

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