The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

सेंसेक्स में भारी गिरावट, रुपया भी रिकॉर्ड लो पर

रुपया एक बार फिर से डॉलर के मुकाबले 80 का आंकड़ा पार कर गया. इधर बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयर्स में भयंकर गिरावट आई.

post-main-image
सांकेतिक फोटो.

भारतीय रुपये (Indian Rupee) में 29 अगस्त को डॉलर (Dollar) के मुकाबले रिकॉर्ड गिरावट देखी गई. भारतीय रुपया 31 पैसे टूटकर 29 अगस्त को डॉलर के मुकाबले 80 रुपये 11 पैसे पर पहुंच गया. इधर BSE सेंसेक्स (Sensex) में भी गिरावट देखी गई. 29 अगस्त को कारोबार खत्म होते-होते सेंसेक्स 861 प्वाइंट गिरकर 57,972 पर रुका. वहीं निफ्टी (Nifty) में भी 246 प्वाइंट की गिरावट देखी गई. निफ्टी 17,312 पर बंद हुई.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में ऊंची ब्याज दरों के बरकरार रहने की वजह से रुपये में लगातार गिरावट जारी रही. पिछले सेशन में भारतीय रुपया एक डॉलर के मुकाबले 79.87 पर बंद हुआ था. इससे पहले पिछले महीने भी रुपया ने 80 का आंकड़ा पार किया था. पिछले महीने भारतीय रुपया एक डॉलर के मुकाबले टूटकर 80 रुपये और 6 पैसे पर पहुंच गया था. रुपया के मुकाबले डॉलर की मजबूती की एक वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी भी बताई जा रही है.

शुरुआती कारोबार में टूटा Sensex

इससे पहले खबर आई कि 29 अगस्त को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में भारी गिरावट देखी गई. सुबह-सुबह 1,500 प्वाइंट की गिरावट की वजह से सेंसेक्स 57,300 के पास पहुंच गया. वहीं निफ्टी में करीब 400 प्वाइंट की गिरावट देखी गई और ये 17,150 पर पहुंच गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस समूह की वार्षिक बैठक के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में सुधार देखा गया. शुरुआती कारोबार में TCS, इन्फोसिस और विप्रो जैसी कंपनियों के शेयर काफी तेजी से लुढ़क गए. टेक मंहिद्रा, HCL, टाटा स्टील और पॉवर ग्रिड के शेयरों में भी गिरावट देखी गई. भारत के अलावा दूसरे शेयर मार्केट का हाल भी खराब रहा. टोक्यो, शंघाई, सिंगापुर और हांगकांग के शेयर बाजारों में भी अच्छी खासी गिरावट देखी गई.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के फेडरल चीफ जेरोम पॉवेल ने कहा कि जब तक महंगाई दर अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से घटकर सामान्य स्तर पर नहीं आ जाती, तब तक ब्याज दरें कम नहीं होंगी. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट जारी रहेगी. पिछले छह महीने में डॉलर भारतीय रुपया के मुकाबले 7 फीसदी मजबूत हुआ है.

इधर रुपये की गिरावट का असर आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर साफ दिखाई दे रहा है. कहा जा रहा है कि आम लोगों को तभी राहत मिलेगी, जब भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कुछ मजबूत होगा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीजों के दाम घटेंगे. हालांकि, अभी रुपये के मजबूत होने की कोई संभावना नहीं जताई जा रही है. रुपया बहुत दिनों से डॉलर के मुकाबले निचले स्तर पर चल रहा है.

(ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहीं शिवानी ने लिखी है.)

वीडियो- US डॉलर की मुद्राओं का ‘लीडर’ बनने की कहानी