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क्या Adani के चक्कर में LIC और भारत के बैंक डूब जाएंगे?

एक रिपोर्ट बताती है कि इन बैंकों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर वे सभी जरूरी कदम उठाएंगे. अडानी समूह पर बैंकों का 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज है

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गौतम अडानी (फाइल फोटो)

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह को पहले ही अरबों का फटका लग चुका है. लेकिन अब अडानी समूह को कर्ज देने वाले बैंकों ने भी अपने बांटे गए लोन का आकलन करना शुरू कर दिया है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि इन बैंकों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर वे सभी जरूरी कदम उठाएंगे. अडानी समूह पर बैंकों का 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज है. देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक के मुताबिक अडानी समूह के लिए बैंक का एक्सपोजर आरबीआई के मानकों जैसे लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क (एलईएफ) से कम है. लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क के तहत ये तय होता है कि एक कारपोरेट घराने को बैंक अधिकतम कितना कर्ज बांट सकते हैं. इसी तरह से दूसरा मानक मसलन टीआरए यानी ट्रस्ट और रिटेंशन अकाउंट से मिलान किया जाये तो बैंक की संपत्ति सुरक्षित है और अडानी समूह से उधार वसूलने में कोई दिक्कत नहीं होगी.

एसबीआई के एक अधिकारी ने कहा, “हम अडानी समूह के ऊपर लगे आरोपों पर नजर रख रहे हैं. इस मामले पर हमारी पलपल नजर बनी हुई है. जब भी इस तरह के मामले सामने आते हैं जो बैंक जोखिम को प्रभावित कर सकती हैं, तो हमारे पास उस कंपनी के वर्तमान जोखिम का मूल्यांकन करने और कुछ उपाय करने की प्रक्रिया होती है. हम कितने सुरक्षित हैं और इसका किस तरह का प्रभाव हो सकता है. अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं.” एसबीआई के प्रबंध निदेशक (कॉर्पोरेट बैंकिंग स्वामीनाथन जे इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि परसेंटवाइज देखें तो पिछले दो-तीन सालों में अडानी समूह भारत के बैंकों से कम कर्ज ले रहा है. इसी अवधि के दौरान अडानी समूह के कुल डेट टू इबिटा में सुधार आ रहा है. स्वामीनाथन ने कहा, "जैसा कि हमें पता है कि अडानी समूह ज्यादातर अधिग्रहण विदेशी बैंकों से कर्ज लेकर कर पूरे कर रहा है इसलिए कर्ज के मामले में भारत के बैंकिंग सिस्टम के लिए कोई जोखिम नहीं है." इनवेस्टमेंट फर्म सीएलएसए (CLSA) की एक रिपोर्ट के अनुसार अडानी समूह की टॉप 5 कंपनियों जैसे अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, अडानी पावर, अडानी ग्रीन और अडानी ट्रांसमिशन पर कुल 2.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. अडानी समूह का जितना कुल कर्ज है उसमें से सिर्फ 40 फीसदी कर्ज से भी कम लोन भारतीय बैंकों से लिया गया है.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है. पिछले तीन कारोबारी दिनों में अडानी समूह की कंपनियों का मार्केट कैप करीब 5.8 लाख करोड़ रुपये साफ हो चुका है. अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों जैसे अडानी टोटल गैस लिमिटेड और अडानी ट्रांसमिशन के शेयरों में आज (30 जनवरी) सबसे ज्यादा करीब 20 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली. इसका असर कंपनी के चेयरमैन गौतम अडानी की संपत्ति पर भी पड़ा है. फोर्ब्स के मुताबिक गौतम अडानी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में खिसककर आठवें नंबर पर आ गए हैं. अडानी समूह की कंपनियों में आई इस गिरावट की वजह से आम निवेशकों के अलावा देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी यानी LIC को भी अच्छा खासा नुकसान हुआ है. पिछले तीन दिनों में एलआईसी को करीब 19 हजार करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है.

दरअसल एलआईसी ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में अपना काफी पैसा निवेश कर रखा है.  30 सितंबर, 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक एलआईसी का कुल इक्विटी पोर्टफोलियो 10.27 लाख करोड़ रुपये का था. इसमें से अडानी ग्रुप की कंपनियों में एलआईसी का निवेश करीब सात फीसदी के आसपास था. हालांकि अडानी ग्रुप में मचे हाहाकार के बीच LIC ने सोमवार सफाई दी है. एलआईसी ने प्रेस रिलीज कर कहा कि अडानी ग्रुप की कंपनियों में उसका निवेश कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) का महज एक फीसदी के आसपास है. कंपनी ने कहा कि अडानी ग्रुप की कंपनियों में शेयर और डेट के रूप में उसकी कुल हिस्सेदारी दिसंबर अंत तक करीब 36 हजार करोड़ रुपये थी. आपको बता दें हिंडन बर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह की कंपनियां गले तक कर्ज में डूबी हुई हैं. साथ ही ये भी कहा गया है कि अडानी समूह दशकों से स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड में शामिल है. अडानी समूह ने 29 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का जवाब 413 पेज की रिपोर्ट जारी कर दिया है. वहीं हिंडनबर्ग रिसर्च ने भी अडानी समूह पर भी पलटवार किया है.

वीडियो: खर्चा पानी: हिंडनबर्ग रिसर्च ने अब तक 16 कंपनियों को डुबोया!