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बड़ा ऐलान! विदेश की डिग्री इंडिया में बैठे-बैठे मिलेगी, ये है नया प्लान

ये डुअल डिग्री, जॉइंट डिग्रीज़ होती क्या हैं?

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यूजीसी (UGC) रेग्यूलेशन 2022 के तहत भारतीय और विदेशी यूनिवर्सिटीज के बीच समझौता करने का रास्ता खुला था (फोटो- आज तक)

यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) जल्द ही डुअल डिग्री शुरू करने जा रहा है. इसके लिए UGC विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के साथ करार करेगा. UGC के इस समझौते के तहत बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU), जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया समेत 48 यूनिवर्सिटीज में अब विदेशी यूनिवर्सिटीज की डिग्री भी मिलेगी.

यूजीसी (UGC) रेग्यूलेशन, 2022 के तहत भारतीय और विदेशी यूनिवर्सिटीज के बीच समझौता हुआ. इसके तहत भारत की यूनिवर्सिटीज और विदेशी यूनिवर्सिटीज स्टूडेंट्स को डुअल और ज्वाइंट डिग्री दे सकेंगे. समझौते में इसके लिये एडमिशन फीस, करिकुलम, इंटर्नशिप, प्लेसमेंट से लेकर अन्य सारी शर्तें शामिल हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, UGC चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया,

इसको लेकर यूनिवर्सिटीज में काफी उत्साह देखने को मिला है. अभी तक 48 भारतीय यूनिवर्सिटीज ने विदेशी हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स (HEIs) के साथ एकेडमिक समझौता किया है या करने वाले हैं.

यहां ये साफ कर दें कि ये समझौते अलग-अलग प्रोग्राम्स के लिए हुए हैं. ज़रूरी नहीं है कि हर कोर्स में डुअल डिग्री दी जाए और ये भी ज़रूरी नहीं है कि एक यूनिवर्सिटी से एक ही विदेशी यूनिवर्सिटी का समझौता हो. उदाहरण के लिए, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ साइंसेज ने 2022-23 एकेडमिक सेशन के लिये आस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के साथ समझौता किया है. ये समझौता फील्ड ऑफ डेवलपमेंट प्रैक्टिस में डुउल डिग्री के लिये किया गया है. वहीं टाटा इंस्टिट्यूट ने UK की क्वीनमैरी यूनिवर्सिटी के साथ सोशल आंत्रप्रेन्योरशिप और इंटरनेशनल बिजनेस में डुअल डिग्री प्रोग्राम शुरू किया है.

इस साल मई के महीने में UGC ने भारतीय यूनिवर्सिटीज को विदेशी यूनिवर्सिटीज के साथ एकेडमिक समझौता करने की मंजूरी दे दी थी. इसके अंतर्गत तीन तरह के डिग्री प्रोग्राम किये जा सकते हैं, ये हैं-

# डुउल डिग्री- इसके तहत भारतीय और विदेशी यूनिवर्सिटी डिग्री की पढ़ाई कराएंगे. दोनों यूनिवर्सिटीज अलग-अलग डिग्री जारी करेंगी. प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को कम-से-कम 30 प्रतिशत क्रेडिट स्कोर भारतीय यूनिवर्सिटी से हासिल करना होगा. 

# ज्वाइंट डिग्री- इस डिग्री के लिये पढ़ाई भारतीय और विदेशी यूनिवर्सिटी दोनों मिलकर कराएंगे. लेकिन इसके तहत डिग्री भारतीय यूनिवर्सिटी की ही मिलेगी. डिग्री के तहत स्टूडेंट्स को कम-से-कम 30-30 प्रतिशत क्रेडिट दोनों यूनिवर्सिटीज से हासिल करना होगा.

# ट्विनिंग प्रोग्राम- इस प्रोग्राम में स्टूडेंट अपने कुछ सेमेस्टर की पढ़ाई विदेशी यूनिवर्सिटीज में जाकर करेंगे. यानी ये एक तरह का स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम होगा. इसके तहत अधिकतम 30 प्रतिशत कोर्स या क्रेडिट विदेशी यूनिवर्सिटी से करना होगा. स्टूडेंट को डिग्री भारतीय यूनिवर्सिटी द्वारा ही दी जायेगी.

UGC चेयरमैन प्रोफेसर जगदीश कुमार ने ये भी जानकारी दी कि 230 भारतीय यूनिवर्सिटीज और 1256 विदेशी हायर एजुकेश्नल इंस्टिट्यूट्स डुअल डिग्री प्रोग्राम के लिये एलिजिबल हैं.  

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