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BJP सांसद वरुण गांधी ने उठाए अग्निपथ योजना पर सवाल, पूछा- 4 साल बाद युवाओं का क्या होगा?

वरुण गांधी ने रक्षा मंत्री को चिट्ठी लिख कर अग्निपथ योजना पर कई सवाल उठाए हैं.

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वरुण गांधी ने लिखा कि अग्निवीरों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ सकता है(सोर्स-आज तक)

14 जून 2022. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए 'अग्निपथ स्कीम' की घोषणा की. इस योजना के तहत युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा. 4 साल के बाद 25 फीसद को ही सेना में स्थायी जॉइनिंग मिलेगी. केंद्र सरकार के इस फैसले का कहीं स्वागत किया गया तो कहीं विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. अब पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने एक चिट्ठी लिख कर 'अग्निपथ स्कीम' पर कई सवाल उठाए हैं. 

सरकार नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे

वरुण गांधी ने कहा कि युवाओं को असमंजस की स्थिति से युवाओं को बाहर निकाले और अपना पक्ष स्पष्ट करे. उन्होंने कहा, 

आदरणीय राजनाथ सिंह जी, 

अग्निपथ योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं. युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रखकर अपना पक्ष साफ करें. जिससे देश की युवा ऊर्जा का सकरात्मक उपयोग सही दिशा में हो सके. 

वरुण गांधी ने रक्षा मंत्री को लिखी चिट्ठी में कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने पूछा है कि सेना में 15 साल की नौकरी के बाद रिटायर होने वाले सैनिकों को नौकरी देने में कॉरपोरेट सेक्टर दिलचस्पी नहीं दिखाते. ऐसे में 4 साल बाद नौकरी से निकलने वाले सैनिकों का क्या होगा? वरुण गांधी ने अग्निपथ स्कीम के तहत सेवा देने वाले युवाओं के भविष्य के बारे में सवाल पूछते हुए लिखा, 

चार साल सेना में सेवा देने के दौरान इन युवाओं की पढ़ाई भी बाधित होगी. इसके अलावा उन्हें अपने साथ के छात्रों की तुलना में ज्यादा उम्रदराज होने के कारण शिक्षण संस्थानों में शिक्षा लेने और नौकरी पाने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है.

वरुण गांधी ने एक और सवाल पूछते हुए लिखा कि किसान परिवार व मध्यवर्ग से आने वाले अग्निवीरों को सरकार जो वेतन देने का वादा कर रही है उससे घर चलाने में परेशानियां आ सकता हैं. यानी अग्निवीरों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ सकता है.

स्पेशल ऑपरेशन कैडर बाधित होंगे

सवालों की इस लिस्ट में वरुण गांधी ने एक और सवाल पूछते हुए लिखा है, 

अग्निवीरों को सिर्फ 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी. इससे पुरानी रेजिमेंटल संरचना बाधित हो सकती है. क्योंकि स्पेशल ऑपरेशन के समय स्पेशलिस्ट कैडर वाले सैनिकों की जरूरत होती है.

उन्होंने लिखा कि इस योजना से प्रशिक्षण लागत की बर्बादी होगी, क्योंकि 4 साल बाद सिर्फ 25 प्रतिशत प्रशिक्षित जवानों का ही उपयोग किया जाएगा. इससे रक्षा बजट पर बोझ बढ़ेगा.

ओवरएज युवाओं का क्या होगा

कोरोना वायरस के कहर और भर्ती सही समय पर न होने के कारण जो युवा उम्र सीमा को पार कर गए हैं उनके बारे में सरकार को सोचना होगा. वरुण गांधी ने लिखा कि इस योजना के लागू होने के बाद हर साल 75 प्रतिशत युवा पुनः बेरोजगार होंगे. हर साल ये संख्या बढ़ती जाएगी. जिसके कारण देश के युवाओं में और अधिक असंतोष पनपेगा.

बीजेपी नेता ने इन्ही कुछ सवालों को सामने रखते हुए सरकार से तथ्यों को सामने रखने की बात की.

अग्निपथ योजना को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी

अग्निपथ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आज हिंसक हो गया. सेना की तैयारी में लगे उम्मीदवारों ने लगातार दूसरे दिन बिहार के कई हिस्सों में रेल और सड़क यातायात को बाधित कर दिया. भभुआ रोड रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन के शीशे तोड़ दिए और एक डिब्बे में आग लगा दी. "भारतीय सेना प्रेमी" कहते हुए एक बैनर पकड़े हुए, उन्होंने नई भर्ती योजना को खारिज करने के नारे लगाए.

वहीं आरा में रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. इसके अलावा जहानाबाद, नवादा, सहरसा, छपरा और मुंगेर जैसी जगहों पर भी बवाल देखने को मिला.

अग्निपथ योजना


अग्निपथ योजना के तहत 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के लगभग 45,000 लोगों को चार साल के कार्यकाल के लिए सेवाओं में शामिल किया जाएगा. इस अवधि के दौरान उन्हें 30,000-40,000 रुपये सैलरी का भुगतान किया जाएगा. वे चिकित्सा और बीमा लाभों के भी हकदार होंगे.

चार साल बाद इन सैनिकों में से केवल 25 प्रतिशत को ही रखा जाएगा और वे गैर-अधिकारी रैंकों में पूरे 15 साल तक सेवा करेंगे. शेष 11 लाख रुपये से 12 लाख रुपये के पैकेज के साथ सेवाओं से बाहर हो जाएंगे, लेकिन पेंशन लाभ के लिए एलिजिबल नहीं होंगे.