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मुख्यमंत्री फेलोशिप: UP सरकार देगी हर महीने 30 हजार रुपए और 10 हजार ट्रैवेल अलाउंस, ऐसे करें अप्लाई

इस प्रोगाम में कैंडिडेट्स को राज्य सकार की पॉलिसी, मैनेजमेंट और उसकी मॉनिटरिंग में काम करने का मौका मिलेगा. फेलोशिप के दौरान कैंडिडेट को हर महीने 30 हजार स्टाइपेंड और 10 हजार ट्रैवेल अलाउंस दिया जाएगा.

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इंटरव्यू में सेलेक्टेड कैंडिडेट्स को दो हफ्ते के ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिेय भेजा जायेगा (फोटो- सांकेतिक)

यूपी सरकार ने स्टूडेंट्स और रिसर्च स्कॉलर्स के लिये एक फेलोशिप प्रोग्राम लॉन्च किया है. इस फेलोशिप का नाम है चीफ मिनिस्टर फेलोशिप प्रोगाम (Chief Minister Fellowship Programme). इस प्रोगाम में कैंडिडेट्स को राज्य सकार की पॉलिसी, मैनेजमेंट और उसकी मॉनिटरिंग में काम करने का मौका मिलेगा. फेलोशिप के दौरान कैंडिडेट को हर महीने 30 हजार स्टाइपेंड और 10 हजार ट्रैवेल अलाउंस दिया जाएगा.

ये एक फुल टाइम प्रोग्राम है. प्रोग्राम में एग्रीकल्चर, एनर्जी, टूरिजम, डेटा साइंस, बायोटेक्नोलॉजी, बैंकिंग, पब्लिक पॉलिसी जैसी फील्ड के स्टूडेंट सेलेक्ट किये जायेंगे.

एलिजिबिलिटी जान लीजिये

इस प्रोग्राम में अप्लाई करने के लिये कैंडिडेट को ग्रेजुएशन फर्स्ट क्लास पास होना चाहिए. इसके अलावा- 

# कम से कम 60 प्रतिशत नंबर ग्रेजुएशन में होना चाहिए वो भी किसी प्रीमियर इंस्टिट्यूट या यूनिवर्सिटी से.

# हिंदी बोलनी और लिखनी आनी चाहिये.

# कैंडिडेट के पास उसकी फील्ड में वर्क एक्सपीरियंस होना चाहिये. ये वर्क एक्सपीरियंस उस फील्ड में पॉलिसी पेपर लिखने का हो सकता है, या रिसर्च पेपर लिखने का, या किसी स्कीम की मॉनिटरिंग का हो सकता है.

# फेलोशिप में अप्लाई करने की अधिकतम उम्र सीमा 40 साल रखी गई है.  

# कैंडिडेट के पास कंप्यूटर की नॉलेज भी होनी चाहिये. जिन कैंडिडेट्स के पास डेटा एनालिसिस में एक्सपीरियंस होगा उन्हें वरीयता दी जायेगी. 

पोस्ट-ग्रेजुएट और PhD पूरी करने वाले कैंडिडेट भी इस प्रोग्राम के लिये एलिजिबिल होंगे. ग्रेजुएट कैंडिडेट को 15 नंबर दिये जायेंगे, पोस्ट-ग्रेजुएट पूरा करने वालों को 20 नंबर, और जिन कैंडिडेट्स ने PhD किया हुआ होगा उन्हें 25 नंबर दिये जायेंगे. 

कैसे अप्लाई करें?

फेलोशिप में अप्लाई करने के लिये कैंडिडेट्स को ऑनलाइन अप्लिकेशन फॉर्म भरना होगा. इसके लिये ऑफिशियल वेबसाइट cmfellowship.upsdc.gov.in पर जाकर अप्लाई करना होगा. अप्लिकेशन फॉर्म भरते समय कैंडिडेट को 500 शब्दों का स्टेटमेंट ऑफ परपज (SOP) भी अपलोड करना होगा. SOP के बिना किसी भी एप्लिकेशन को वैलिड नहीं माना जायेगा.

इसके बाद एक स्क्रीनिंग कमेटी कैंडिडेट्स का आकलन करेगी. ये आकलन एजुकेशनल क्वालफिकेशन को देखकर किया जायेगा. जिसके बाद सेलेक्टेड कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के लिये बुलाया जायेगा. जो कैंडिडेट इंटरव्यू में सेलेक्ट होंगे उन्हें दो हफ्ते के ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिये भेजा जायेगा.

कितनी फेलोशिप मिलेगी?

सेलेक्टेड कैंडिडेट्स को हर महीने 30 हजार रुपये दिये जायेंगे. इसके अलावा कैंडिडेट्स को हर फील्ड विजिट के लिये 10 हजार रुपये दिये जायेंगे. इन सब के अलावा कैंडिडेट्स को स्कीम की मॉनिटरिंग और उसे इवैल्यूएट करने के लिये 15 हजार रुपये की राशि भी दी जायेगी. इससे वो मॉनिटरिंग के लिये टैबलेट खरीद सकेंगे. कैंडिडेट को जिस ब्लॉक में काम के लिये भेजा जायेगा वहां रहने की सुविधा भी दी जायेगी.

फेलोशिप के दौरान कैंडिडेट्स के पास एक साल में 12 दिन छुट्टी लेने का भी ऑप्शन होगा. फेलोशिप प्रोग्राम एक साल के लिये होगा. ये प्रोग्राम एक साल के लिये बढ़ाया भी जा सकता है, बशर्ते संबंधित डिपार्टमेंट इसकी अनुमति दे तो.   

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