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12वीं में कॉमर्स के साथ मैथ्स नहीं पढ़ पाए तो BCom के अलावा इन कोर्सेज में ले सकते हैं एडमिशन

12वीं की पढ़ाई बिना मैथ्स के कॉमर्स से करने वाले छात्रों के पास BCom के साथ-साथ और भी कई सारे कोर्सेज में एडमिशन के ऑप्शन हैं.

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12वीं में कॉमर्स लेने वाले छात्र B.Com, BBA, LLB, CA आदि में करियर बना सकते हैं. (सांकेतिक तस्वीर - India Today)

हमारे एक दोस्त हैं रवि. रवि ने 12वीं में कॉमर्स से पढ़ाई (Commerce Stream) करने का फैसला किया. रवि के कुछ दोस्तों ने कॉमर्स के साथ मैथ्स भी लिया था. लेकिन रवि को मैथ्स (Maths) में इंट्रेस्ट नहीं था तो उसने बिना मैथ्स के ही पढ़ाई करने का फैसला किया. अब रवि 12वीं पास कर चुके हैं और ग्रेजुएशन (Commerce Graduation Course) में एडमिशन की तैयारी में हैं. अब रवि के मन में एक सवाल है. 12वीं की पढ़ाई बिना मैथ्स के कॉमर्स से करने के बाद अब कॉलेज में एडमिशन के लिए उनके पास क्या ऑप्शन है? ये सवाल केवल रवि का नहीं है. 12वीं में बिना मैथ्स के कॉमर्स (Courses after 12th Commerce without Maths) की पढ़ाई करने वाले लाखों छात्रों के मन में ये सवाल जरूर आता है. 

कॉमर्स विदआउट मैथ्स का क्या स्कोप है?

यहां हम आपको कॉमर्स के कुछ कोर्सेज के बारे में बता रहे हैं जो आप 12वीं के बाद कर सकते हैं. 

# B.Com (Bachelor of Commerce)

बैचलर ऑफ कॉमर्स एक ऐसी डिग्री है जो हार्डकोर कॉमर्स के छात्रों के लिए ही बनी है. तीन साल के इस कोर्स में छात्र फाइनेंस, अकाउन्टिंग, बिजनेस और कॉमर्स से जुड़े बेसिक कंसेप्ट को पढ़ सकेंगे. कॉमर्स के सब्जेक्ट्स के अलावा कॉरपोरेट लॉ (Corporate law), कंपनी लॉ (Company law), फाइनेंशियल अकाउन्टिंग (Financial accounting) जैसे कई और सब्जेक्ट्स पढ़ने का भी मौका मिलेगा. कॉमर्स विदआउट मैथ्स वाले छात्रों के लिए ये एक बेहतर विकल्प है. करियर ऑप्शन्स (Commerce Career Options) की बात करें तो B.Com करके फाइनेंस, इंश्योरेंस और अकाउन्टिंग के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं  

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# B.Com(Hons) (BCom Honours)

 कई छात्रों के मन में ये सवाल भी आता है कि B.Com और B.Com (Hons) में क्या अंतर है (difference between bcom and bcom honours)? 

दरअसअल ऑनर्स यानी किसी सब्जेक्ट में स्पेशलाइजेशन की डिग्री. B.Com(Hons) में डिग्री लेकर छात्र किसी एक सब्जेक्ट में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं यानी किसी एक सब्जेक्ट में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं. चाहे B.Com हो या B.Com(Hons) दोनों में कॉमर्स के फंडामेंटल सब्जेक्ट्स पढ़ाए जाते हैं. अगर कोई छात्र 12वीं के बाद कॉमर्स के किसी सब्जेक्ट में स्पेशलाइजेशन करना चाहता है तो B.Com(Hons) एक बेहतर विकल्प है. इसके लिए 12वीं में मैथ्स का होना भी जरूरी नही है. B.Com(Hons) में कुछ पॉपुलर सब्जेक्ट्स में स्पेशलाइजेशन किया जा सकता है, जैसे-

1.मार्केटिंग (B.Com (Hons.) Marketing)

2.इकोनॉमिक्स (B.Com (Hons.) Economics)

3.इंटरनेशनल बिजनेस (B.Com (Hons.) International business)

4.मैनेजमेंट (B.Com (Hons.) Management)

5.अकाउंट्स (B.Com (Hons.) Accounts)

6.टैक्सेशन (B.Com (Hons.) Taxation)

# BBA (Bachelor of Business Administration)

अगर आपका पसंदीदा सब्जेक्ट बिजनेस स्टडीज (Business Studies) है और आप इसी में करियर बनाना चाहते हैं तो ये डिग्री आपके लिए ही है. BBA आपको कॉरपोरेट सेक्टर में लीडरशिप के लिए तैयार करता है. तीन साल की इस बैचलर डिग्री में मैनेजमेंट और बिजनेस मेथड्स के बारे में बताया जाता है. भविष्य में अगर आप MBA करने का प्लान कर रहे हैं तो ये डिग्री आपके लिए एक स्ट्रांग फाउंडेशन का काम करेगी. BBA कोर्स आपको MBA के बहुत सारे बेसिक कॉन्सेप्ट्स से भी रूबरू कराती है. BBA में छात्र के पास स्पेशलाइजेशन के कई विकल्प हैं- 

1. फाइनेंस (BBA Finance) 

2. बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA Business Administration)

3. इंटरनेशनल बिजनेस (BBA International business)

4. अकाउन्टिंग (BBA Accounting)

5. स्पोर्ट्स मैनेजमेंट (BBA Sports Management)

6. रिटेल (BBA Retail)

7. टूरिज्म (BBA Tourism)

#LLB (Bachelor of Law)

कॉमर्स की पढ़ाई करते करते समय अगर आपको कानूनी पढ़ाई पसंद आ गई है तो आप LLB भी कर सकते हैं. B.Com+LLB की इंटिग्रेटेड डिग्री के लिए भी ट्राई कर सकते हैं. इसके अलावा BBA+LLB का भी विकल्प आपके पास खुला हुआ है. LLB के बाद आगे अगर आप मास्टर्स करना चाहें तो उसके लिए भी जा सकते हैं. इसमें टैक्स लॉ, कांट्रैक्ट लॉ, कॉरपोरेट लॉ जैसे कई  सब्जेक्ट्स को पढ़ाया जाता है. इसमें प्रमुख हैं- 

 1.पब्लिक लॉ (Public Law)

2.कॉरपोरेट लॉ (Corporate Law)

3.इंटरनेशनल लॉ (Internation Law)

4.बिजनेस लॉ (Business Law)

#CA (Chartered Accountants)

कॉमर्स की पढ़ाई करने वाले छात्रों में CA का खूब क्रेज होता है. इसके लिए तीन स्टेज की परीक्षा पास करनी होती है. पहला फाउंडेशन कोर्स, दूसरा इंटरमीटिएट कोर्स और तीसरा होता है CA फाइनल. इतना सब पास करने के बाद 2.5 साल की इंटर्नशिप करने के बाद CA का सर्टिफिकेट दिया जाता है. यूनीक जॉब प्रोफाइल होने के कारण CA की मार्केट में डिमांड बहुत रहती है. CA बनने के लिए 12वीं में मैथ्स को होना भी जरूरी नही होता.

#CS (Company Secretary)

कंपनी सेक्रेटरी. सुनने में भौकाली सा लगने वाला ये शब्द काम के मामले में बड़ा अलग सा है. कॉमर्स बैकग्राउंड के छात्रों के लिए ये एक अच्छा करियर विकल्प हो सकता है. कंपनी सेक्रेटरी का मुख्य काम होता है कंपनी को सारे नियमों का पालन कराना. इसके लिए इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेट्रीज ऑफ इंडिया (ICSI) देश भर में एग्जाम और कोर्सेज करवाता है. एक अच्छे करियर के साथ-साथ ये एक बेहतरीन पैकेज देने वाली नौकरी है.

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