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UPSC एक्स्ट्रा अटेम्प्ट की मांग कर रहे थे छात्र, रात को पुलिस पहुंची, कपड़ा, चादर, टेंट सब फेंक दिया

शांतिपूर्ण प्रदर्शन था, दिल्ली पुलिस ने स्टूडेंट्स को घसीट-घसीटकर भगा दिया

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प्रदर्शन करते UPSC के अभ्यर्थी (फोटो- स्पेशल अरेंजमेंट)

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन यानी UPSC. कमीशन देश में IAS और IPS के पदों पर भर्ती के लिए एक एग्जाम कराता है. एग्जाम का नाम है सिविल सर्विस एग्जाम (CSE). इस एग्जाम की तैयारी कर रहे कुछ उम्मीदवार पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर (Old Rajendra Nagar) इलाके में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन था एक्स्ट्रा अटेम्प्ट (UPSC Extra Attempt) को लेकर. लेकिन, मंगलवार, 20 दिसंबर की रात दिल्ली पुलिस ने उम्मीदवारों को हिरासत में ले लिया और बल का इस्तेमाल कर उन्हें वहां से हटा दिया.

तीन दिन से चल रहा था प्रदर्शन

सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कर रहे उम्मीदवार रविवार, 18 दिसंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. मंगलवार, 20 दिसंबर होते-होते प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ने लगी. एक प्रदर्शनकारी छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर लल्लनटॉप को बताया,

“हम लोग कंबल, चादर और किताबें लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. हम अपनी मांगों के साथ भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे भी लगा रहे थे. लेकिन रात 10 बजे के बाद पुलिस ने हमें मारपीट कर वहां से भगाया. पुलिस ने छात्रों के ऊपर लाठियां भी बरसाईं”

अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों के मुताबिक उन्होंने दिल्ली पुलिस को पहले ही प्रदर्शन के बारे में सूचना दी थी. इसके लिए पुलिस को लेटर भेजा गया था. फिर भी पुलिस ने वहां आकर प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों को जबरदस्ती हटाया और हिरासत में ले लिया.

UPSC की तैयारी कर रही एक अन्य प्रदर्शनकारी ने बताया,

“हम शांतिपूर्वक अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने आकर हमारे टेंट उखाड़ दिए और कंबल हटा कर फेंक दिए. लड़कियों को पुरुष पुलिसकर्मियों ने घसीटा और उनके साथ गलत बर्ताव किया.”

दिल्ली पुलिस ने क्या जवाब दिया?

इस मामले पर डीसीपी सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट श्वेता चौहान ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया,

'दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में बीती रात यूपीएससी उम्मीदवार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों के ग्रुप ने एनओसी यानी प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, जिसे खारिज कर दिया गया था. प्रदर्शनकारियों को वहां से हटने के लिए कई बार लाउडस्पीकर पर बोला गया. इस पर वो लोग आक्रामक होकर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. प्रदर्शनकारियों को समझाने के कई प्रयास किए गए, इसके बावजूद वे अपनी बात पर अड़े रहे.'

डीसीपी श्वेता चौहान ने आगे कहा कि इसके बाद पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को धरना स्थल से हटा दिया. डीसीपी के मुताबिक राजेंद्र नगर पुलिस स्टेशन में करीब 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया.

एक्स्ट्रा अटेम्प्ट की मांग क्यों?

विरोध प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों का कहना है कि कोविड-19 की वजह से देशभर में कई प्रतियोगी परीक्षा देने वाले उम्मीदवार प्रभावित हुए हैं. कई उम्मीदवार 2021 में हुए UPSC एग्जाम में भी नहीं बैठ पाए थे. किसी के घरवाले कोरोना पॉजिटिव थे. तो कई उम्मीदवार खुद ही कोरोना से पीड़ित थे. प्रदर्शनकारियों का ये भी कहना है कि कई ऐसी परीक्षाएं हैं, जिनमें उम्मीदवारों को एक्स्ट्रा अटेम्प्ट दिए गए हैं, इसलिए उन्हें भी दिए जाएं.

एक्स्ट्रा अटेम्प्ट पर सरकार का रुख

इस मामले को लेकर उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी. जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए केंद्र सरकार ने कहा था कि उम्मीदवारों को एक्स्ट्रा अटेम्प्ट देना संभव नहीं है. सरकार ने ये भी कहा था कि अगर UPSC में बैठने वाले छात्रों को मौका दिया गया तो देशभर में अन्य परीक्षा के उम्मीदवार भी इसी तरह की मांग करेंगे. हर परीक्षा के लिए ऐसा करना संभव नहीं हो पाएगा.  

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली संसदीय स्थायी कमेटी ने एक्स्ट्रा अटेम्प्ट देने की मांग को माना था. कमेटी ने अपनी 112वीं रिपोर्ट में सरकार से ये सिफारिश की थी कि अभ्यर्थियों को एक्स्ट्रा अटेम्प्ट और आयु में छूट दी जाए. कमेटी ने ये भी कहा था कि सरकार इसके लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन करे.   

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