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नई लैंग्वेज सीखने की सोच रहे हैं, यहां आइए

अगर आपको स्पेनिश गाना सुनना अच्छा लगता है या कोरियन ड्रामा देखना पसंद है तो आप ये भाषाएं सीख कर करियर भी बना सकते हैं. भारत में विदेशी भाषाओं को सीखने और उसमें कोर्स करने के लिए कई संस्थान हैं.

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सांकेतिक तस्वीर(सोर्स-आज तक)

क्या आप अपने सीवी (CV) में कुछ ऐसा जोड़ना चाहते हैं जिससे आपका सीवी औरों से अलग दिखे? या कोई ऐसी नौकरी करना चाहते हैं जिसमें आप घूम सकें, Vlogs बना सकें या Blogs लिख सकें? या किसी विदेशी दूतावास मे काम कर सकें और देश-विदेश के अलग-अलग लोगों से कनेक्ट कर सकें? सोशल मीडिया के इस जमाने में जहां सब कुछ हाईपर-कनेक्टेड है, लैंग्वेज सीखना और उसमे करियर तलाशना एक अच्छा और अनोखा विकल्प हो सकता है. किसी भी विदेशी भाषा में कमांड होना आपको भीड़ से अलग करता है और नये आयामों को तलाशने मे भी मदद करता है.

#JNU

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (Jawaharlal Nehru University) में साल 1969 में स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज (SLL&CS) की स्थापना की गई थी. इस स्कूल में विदेशी भाषा में BA (Hons), MA और MPhil/PhD किया जा सकता है. इसके लिए छात्र के पास नौ भाषाओं के विकल्प हैं. ये हैं-
1. अरेबिक
2. चाइनीज
3. फ्रेंच
4. जर्मन 
5. जापानीज
6. कोरियन
7. पर्शियन
8. रशियन
9. स्पेनिश
इन कोर्सेज के अलावा यूनिवर्सिटी कुछ ऑप्शनल कोर्स भी कराती है जो ग्रीक, हीब्रू और टर्किश भाषा मे किए जा सकते हैं.

एलिजिबिलिटी- JNU से लैंग्वेज  मे BA (Hons) या MA करने के लिए इस साल से CUET परीक्षा देनी होगी. BA के लिए 12वीं पास होना जरूरी है वो भी 45 प्रतिशत अंको के साथ. MA करने के लिए किसी भाषा में BA, कोई डिप्लोमा या कोई सर्टिफिकेट कोर्स किया होना चाहिए. वहीं MPhil/PhD करने वालों को MA पास होना जरूरी है, वो भी 55 प्रतिशत मार्क्स के साथ. 

#BHU

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (Banaras Hindu University) से लैंग्वेज मे ग्रेजुएशन, पोस्ट-ग्रेजुएशन, PhD और डिप्लोमा किया जा सकता है. यहां चाइनीज और रशियन भाषा में BA (Hons), MA और PhD का कोर्स अवेलेबल है. इनके अलावा BHU से छात्र करीब सात भाषाओं मे डिप्लोमा भी कर सकते हैं. ये भाषाएं हैं- 
1. चाइनीज 
2. रशियन 
3. इटैलियन 
4. जापानीज
5. स्पेनिश  
6. सिंहली
7. पोलिश

एलिजिबिलिटी- BHU से BA(Hons) या MA करने के लिए इस साल से CUET की परीक्षा देनी होगी. अगर PhD में एडमिशन लेना चाहते हैं तो लैंग्वेज में 55 प्रतिशत अंक के साथ MA होना जरूरी है. इसके अलावा एक रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट (RET) भी पास करना होगा. ये तीन स्टेज का टेस्ट होता है. डिप्लोमा कोर्स उन्हीं स्टूडेंट्स के लिए है जो BHU के रेगुलर स्टूडेंट हैं.

#जामिया मिलिया इस्लामिया

जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) का डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेन लैंग्वेज विभिन्न भाषाओं मे अलग-अलग कोर्सेज कराता है. अगर बात ग्रेजुएशन की जाए तो छात्र BA (Hons) फ्रेंच, टर्किश और कोरियन भाषा मे कर सकते हैं. इसके अलावा फ्रेंच और टर्किश भाषा मे 'एडवांस्ड डिप्लोमा प्रोग्राम' भी किया जा सकता है. डिप्लोमा करने के इच्छुक छात्रों के पास इन भाषाओं के विकल्प भी मौजूद हैं-  
1. चाइनीज
2. कोरियन
3. उजबेक
4. टर्किश
5. फ्रेंच
ऊपर दी गई भाषाओं मे सर्टिफिकेट कोर्स भी किये जा सकते है.

एलिजिबिलिटी- लैंग्वेज मे BA (Hons) करने के लिए CUET क्वालिफाई करना होगा. जबकि सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 12वीं पास होना जरूरी है वो भी 45 प्रतिशत अंकों के साथ. इसके साथ ही इंटरव्यू और रिटेन टेस्ट भी क्वालिफाई करना होगा. डिप्लोमा कोर्स की बात करें तो सर्टिफिकेट कोर्स किया होना जरूरी है और वो भाषा बोलनी भी आनी चाहिए. रिटेन टेस्ट और इंटरव्यू भी देना होगा.

#दिल्ली यूनिवर्सिटी(DU)

दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) 6 भाषाओं मे सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स और एडवांस डिप्लोमा कोर्स कराती है. ये 6 भाषाएं हैं- रशियन, क्रोएशियन, बल्गेरियन, चेक, हंगेरियन और पोलिश. इसके अलावा यूनिवर्सिटी से छात्र रशियन स्टडीज मे MA, MPhil और PhD भी कर सकते हैं. 

इसके अलावा यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ जर्मेनिक स्टडीज से 5 भाषाओं में सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स और एडवांस डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते है. ये 5 भाषाएं हैं- स्पेनिश, फ्रेंच, इटेलियन, पोर्टगीज और रोमेनियन.

बात एलिजिबिलिटी की करें तो सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 45 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास होना जरूरी है. वहीं डिप्लोमा कोर्स के लिए सर्टिफिकेट कोर्स किया होना जरूरी है. अगर सर्टिफिकेट कोर्स किए हुए एक साल से ज्यादा हुआ है तो रिटेन टेस्ट भी देना होगा. एडवांस डिप्लोमा कोर्स के लिए डिप्लोमा किया होना आवश्यक है. अगर डिप्लोमा किए हुए एक साल से ज्यादा हो गया है तो रिटेन टेस्ट भी देना होगा.

इसके अलावा जिन छात्रों को कोई कॉलेज नही मिल पाता है वो भारत मे मौजूद दूसरे देशों के दूतावासों से भी लैंग्वेज कोर्स कर सकते हैं. जैसे-

# फ्रेंच लैंग्वेज के लिए फ्रेंच दूतावास जा सकते हैं. फ्रेंच दूतावास ने भारत मे 28 ब्रांच भी खोल रखी है जो कि अलग-अलग शहरों मे मौजूद है.

# जर्मन भाषा सीखने के लिए गोएथे-इंस्टीट्यूट जाया जा सकता है. यह 6 शहरों (नई दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई और पुणे) में स्थित है. इसके अलावा 250 से अधिक केंद्रीय विद्यालय की शाखाएं अपने छात्रों को जर्मन भाषा पाठ्यक्रम प्रदान करती हैं.

 # जापानी भाषा सीखने के लिए जापान फाउंडेशन से जुड़ा जा सकता है. इसकी सिर्फ एक ही ब्रांच है वो भी नई दिल्ली में.

# रशियन भाषा सीखने के लिए रूसी विज्ञान और संस्कृति केंद्र , नई दिल्ली जा सकते हैं.

करियर ऑप्शन क्या है? 

1. ट्रांसलेटर- अनुवादक. एक भाषा के कंटेंट को दूसरी भाषा में बदलने वाले लोग. लैंग्वेज कोर्स करके छात्र ट्रांसलेटर के रुप मे काम कर सकते हैं. जैसे, किसी के लिए कोई किताब ट्रांसलेट करना या किसी नेता की स्पीच ट्रांसलेट करना. सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर में ट्रांसलेटर्स की काफी डिमांड होती है.

2. इंटरप्रेटर- अगर आपने कभी दो देशों के प्रधानमंत्री को बातचीत करते देखा होगा तो ये भी देखा होगा कि उनके बीच एक इंटरप्रेटर होता है. इंटरप्रेटर का मुख्य काम अलग-अलग भाषा बोलने वाले दो लोगों को कनेक्ट करना होता है. ये लोग सार्वजनिक कार्यक्रमों जैसे- अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, खेल के मैदानों, कंपनी मीटिंग्स, मीडिया हाउस, पर्यटन केंद्रों और संगठनों में काम करते है.

3. कॉलेज में लेक्चरर- आजकल यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में असिसटेंट प्रोफेसर और लेक्चरर की बहुत डिमांड रहती है. किसी भाषा में अच्छी समझ अगर आपके पास है तो ये भी एक करियर ऑप्शन हो सकता है.

4. टूर गाइड- किसी भी विदेशी भाषा मे अच्छी पकड़ अगर आपके पास है तो टूरिज्म के क्षेत्र में भी काम की कमी नहीं है. मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म इसके लिए लाइसेंस भी प्रदान करती है. यानी आप सरकारी लाइसेंस लेकर ये काम कर सकते हैं.

5.दूतावास मे नौकरी- विदेशी भाषा में अपने कौशल के साथ आप दूतावास मे काम कर सकते हैं. सपोर्ट ऑफिसर, एडमिनिस्ट्रेटिन ऑफिसर, कस्टमर एक्जिक्यूटिव के रुप मे दूतावासों मे काम करने के अनेक मौके हैं.

6. अंतर्राष्ट्रीय संगठन में नौकरी- संयुक्त राष्ट्र संगठन की एजेंसियां ​​हैं जो दुनिया भर में काम करती हैं. वे हमेशा ऐसे लोगों की तलाश में रहती हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकें. उनमें से बहुत से ऐसे लोगों की जरूरत है जो कई भाषाएं बोलते हैं. WHO, UNESCO, ILO, UNICEF, WWF, WTO जैसे संस्थानों मे काम किया जा सकता है. इन सब करियर ऑप्शन के अलावा कई और भी ऑप्शन हो सकते है. जैसे फील्ड रिसर्चर, ब्लॉगर, दूसरे देश मे टीचर, कंटेंट राइटर, फ्लाइट अटेंडेंट आदि.