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स्पोर्ट्स में कैसे बनाएं करियर, जानें यहां

स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में जानें के लिए क्या रास्ता अपनाएं.

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स्पोर्ट्स में कैसे बनाए कैरियर

पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में जब हमने नीरज चोपड़ा को जब पोडियम पर गोल्ड मेडल के साथ देखा तो बहुत सारे लोगों ने सर्च करना शुरू कर दिया कि जैवलिन थ्रो की ट्रेनिंग कहां से और कैसे होती है. फिलहाल बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स चल रहे हैं. वहां भी हमारे खिलाड़ी रोज देश का नाम ऊंचा कर रहे हैं. हम में बहुत सारे ऐसे बच्चे हैं जो खेल में अपना करियर बनाना चाहते हैं लेकिन जरूरी संसाधन या गाइडेंस न मिलने या की वजह से बहुत सारे बच्चों का ये सपना अधूरा रह जाता है. तो आज हम आपको स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की उन स्कीम्स के बारे में बताएंगे जिनके जरिए आपको ट्रेनिंग सेंटर्स में एंट्री मिल सकती है और देश का प्रतिनिधित्व करने का आपका सपना पूरा हो सकता है.  


सबसे पहले बात स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की

साल 1982 की बात है, जब दिल्ली में  IXवें एशियाई खेलों का आयोजन किया गया. खेलों की ये विरासत साल दर साल आगे ऐसे ही बढ़ती रहे इसके लिए साल 1984 में भारतीय खेल प्राधिकरण यानी SAI की स्थापना की गई. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लेवल पर खेल को बढ़ावा देना है.  SAI में एथलीट्स को Training देने के साथ ही युवाओं की प्रतिभाओं को निखारने का काम भी किया जाता है. साई के इंस्टीट्यूट पूरे देश में फैले हैं जहां स्पोर्ट्स में इंट्रेस्ट रखने वालों को बेहतर ट्रेनिंग दी जाती है. इसके अलावा, साई द्वारा फिजिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स से जुड़े कई डिग्री और डिप्लोमा प्रोग्राम भी कराए जाते हैं. 


SAI के ट्रेनिंग सेंटर्स में कैसे मिलती है एंट्री? 

अप्लाई करने के लिए आपको तीन आसान से स्टेप्स फॉलो करने की जरूरत है

  • सबसे पहले आपको साइट पर जाकर खुद को रजिस्टर करना होगा. 
  • फिर खुद की प्रोफाइल बनानी है. जिसके बाद SAI scheme के लिए अप्लाई कर सकते हैं. 
  • स्कीम में अप्लाई करने के लिए eligiblity क्राइटेरिया पर ध्यान दें और फिर अप्लाई कर दें. 

 

अब एक- एक करके उन स्कीम के बारे में जान लेते हैं

1- SAI Training Centre

इसके जरिए 12-18 साल के जूनियर लेवल के खिलाड़ियों को तैयार किया जाता है. देश भर में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी SAI के करीब 62 सेंटर हैं जहां 28 से खेलों की ट्रेनिंग दी जाती है. SAI ट्रेनिंग सेंटर में एडमिशन के लिए खिलाड़ियों को ट्रायल देना होता है. ट्रायल के लिए जो एलिजबिलिटी चाहिए वो इस तरह है- 


एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया 

1. मान्यता प्राप्त नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा आयोजित होने वाले सब-जूनियर और जूनियर लेवल के नेशनल चैम्पियनशिप में 8वें स्थान तक के खिलाड़ी 

2. एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज, स्कूल गेम्स फेडरेशन द्वारा आयोजित होने वाली इंटर यूनिवर्सिटी चैम्पियनशिप में 6ठवें स्थान तक के खिलाड़ी 

3. मान्यता प्राप्त स्टेट स्पोर्ट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित स्टेट चैम्पियनशिप, नॉर्थ ईस्ट गेम्स या प्रधानमंत्री युवा खेल क्रीड़ा अभियान में पहले 3 स्थान के खिलाड़ी.

4. किसी भी मान्यता प्राप्त चैम्पियनशिप या टूर्नामेंट में इंडिया को रिप्रजेंट कर चुके खिलाड़ी

5. पब्लिक स्कूल, CBSE, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और प्रधानमंत्री युवा खेल क्रीड़ा अभियान द्वारा आयोजि डिस्ट्रिक्ट चैम्पियनशिप, इंटर एजुकेशन डिस्ट्रिक्ट लेवल स्माल कॉम्प्टीशन में पहले 3 स्थान के खिलाड़ी 

 

2- Centre of Excellence

सब-जूनियर और जूनियर खिलाड़ियों को ट्रेन करने के लिए साल 1997 में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की शुरूआत हुई. इसके अंतर्गत  सीनियर नेशनल लेवल के कॉम्प्टीशन्स में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को SAI के रीजनल सेंटर्स में 330 दिन की साइंटिफिक ट्रेनिंग दी जाती है. ये एक्सीलेंस सेंटर्स, देश के बेस्ट टैलेंट्स के लिए रेगुलर कोचिंग कैंप की तरह ऑपरेट करते हैं.  ये सेंटर 14 शहरों में हैं और इनमें 18 खेलों की ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें 12 से 25 साल की उम्र के खिलाड़ी ट्रेनिंग कर सकते हैं. 

 

एलिजबिलिटी क्राइटेरिया क्या है? 

  • नेशनल गेम्स, चैम्पियनशिप में पहले 4 स्थान के खिलाड़ी
  • इंटर यूनिवर्सिटी चैम्पियनशिप में तीसरे स्थान तक के खिलाड़ी
  • किसी भी मान्यता प्राप्त चैम्पियनशिप या टूर्नामेंट में इंडिया को रिप्रजेंट कर चुके खिलाड़ी

3- Special Area Games

स्पेशल एरिया गेम्स योजना का उद्देश्य देश के दूर-दराज के आदिवासी, ग्रामीण और तटीय इलाकों से टैलेंट को सामने लाना और उन्हें मॉडर्न स्पोर्ट्स के लिए तैयार करना है. इसके अंतर्गत 12-18 साल की उम्र के खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जाता है. इसके ट्रेनिंग सेंटर 21 शहरों में हैं जहां 25 खेलों की ट्रेनिंग दी जाती है. 

 

सेलेक्शन क्राइटेरिया 

1. मान्यता प्राप्त नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा आयोजित होने वाले सब-जूनियर और जूनियर लेवल के नेशनल चैम्पियनशिप में 8वें स्थान तक के खिलाड़ी 

2. एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज, स्कूल गेम्स फेडरेशन द्वारा आयोजित होने वाली इंटर यूनिवर्सिटी चैम्पियनशिप में 6ठवें स्थान तक के खिलाड़ी 

 3. मान्यता प्राप्त स्टेट स्पोर्ट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित स्टेट चैम्पियनशिप, नॉर्थ ईस्ट गेम्स या प्रधानमंत्री युवा खेल क्रीड़ा अभियान में पहले 3 स्थान के खिलाड़ी.

4. किसी भी मान्यता प्राप्त चैम्पियनशिप या टूर्नामेंट में इंडिया को रिप्रजेंट कर चुके खिलाड़ी

5. पब्लिक स्कूल, CBSE, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और प्रधानमंत्री युवा खेल क्रीड़ा अभियान द्वारा आयोजि डिस्ट्रिक्ट चैम्पियनशिप, इंटर एजुकेशन डिस्ट्रिक्ट लेवल स्माल कॉम्प्टीशन में पहले 3 स्थान के खिलाड़ी 

 

यहां हमने आपको 3 स्कीम्स के बारे में बताया. जिनके जरिए आप स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के ट्रेनिंग सेंटर्स में एंट्री ले सकते हैं. सबसे जरूरी बात ये है कि SAI के ट्रेनिंग सेंटर्स में एंट्री के लिए आपको ट्रायल्स देने होते हैं और इन ट्रायल्स में सफल होने के बाद ही आपको यहां एंट्री मिलती है. इन 3 स्कीम्स के आलावा SAI National Sports Academies, Ext. Centre of STC/SAG, Army Boys Sports Companies, NSTC Regular Schools, STC Akharas , NSTC IGMA जैसी स्कीम्स के जरिए भी आप स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के ट्रेनिंग सेंटर्स में एंट्री ले सकते हैं. 

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