UPSC सिविल सर्विसेज 2022 में उत्तराखंड की मुद्रा गैरोला ने 53वीं रैंक हासिल की है. मुद्रा कर्णप्रयाग की रहने वाली हैं. उन्होंने पिछले साल हुई UPSC 2021 परीक्षा में 165 वीं रैंक हासिल की थी. फिलहाल वो हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पुलिस एकेडमी में IPS की ट्रेनिंग कर रही हैं.
बीमार पिता UPSC इंटरव्यू नहीं दे पाए थे, बेटी ने 53वीं रैंक लाकर मलाल दूर कर दिया!
पिछले साल IPS मिला था. इस साल रैंक और भी बेहतर आई है.
आजतक से बात करते हुए मुद्रा गैरोला के पिता अरुण गैरोला ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही टॉपर थी. मुद्रा ने 10वीं में 96 प्रतिशत व 12वीं क्लास में 97 प्रतिशत नंबर स्कोर किए थे. स्कूल खत्म करने के बाद मुद्रा ने मुंबई से डेन्टल की पढ़ाई की. BDS में भी मुद्रा गोल्ड मेडलिस्ट रहीं. डिग्री पूरी करने के बाद वो दिल्ली आईं और MDS में एडमिशन ले लिया. इसी बीच उन्होंने अपना ध्यान UPSC की तरफ लगाया और तैयारी शुरू की.
UPSC की 2018 परीक्षा में मुद्रा इंटरव्यू तक पहुंची लेकिन फाइनल सेलेक्शन नहीं हो पाया. साल 2019 के अटेम्प्ट में मुद्रा ने फिर से इंटरव्यू दिया. इस बार भी वो लिस्ट में जगह नहीं बना पाईं. मुद्रा 2020 की UPSC सिविल सर्विसेज एग्जाम में मेंस की स्टेज तक पहुंची. फाइनली साल 2021 की परीक्षा में मुद्रा ने 165 वीं रैंक हासिल की. वो IPS बनी. इस बार उनकी रैंक काफी अच्छी आई. संभवत: इस बार उन्हें मनपसंद सर्विस और कैडर दोनों मिल जाएं.
मुद्रा के पिता अरुण गैरोला बताते हैं कि उनका सपना था कि उनकी बेटी IAS बने. रिपोर्ट के मुताबिक मुद्रा के पिता अरुण भी सिविल सेवा में जाना चाहते थे. अरुण ने साल 1973 में UPSC की परीक्षा दी थी. उस वक्त वो इंटरव्यू में बाहर हो गए थे. अरुण ने 1974 में फिर से परीक्षा दी. लेकिन बीमारी के कारण वो इंटरव्यू नहीं दे पाए. अरुण कहते हैं कि उनकी बेटी ने उनका सपना पूरा किया है.
UPSC CSE 2022
UPSC की तरफ से परीक्षा की तीन स्टेज के बाद फाइनल रिजल्ट जारी किया जाता है. तीन स्टेज हैं प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू. साल 2022 की परीक्षा के लिए UPSC ने 1022 पोस्ट पर वैकेंसी निकाली थी.
सिविल सर्विसेज 2022 की परीक्षा के प्रिलिम्स एग्जाम में 5 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स बैठे थे. सितंबर 2022 में हुआ मेंस एग्जाम कुल 13 हजार 90 कैंडिडेट्स ने दिया था. इसमें कुल 2 हजार 529 कैंडिडेट्स सफल हुए थे. इन्हें इंटरव्यू यानी पर्सनैलिटी टेस्ट के लिए बुलाया गया था. ये टेस्ट इस साल जनवरी से मई के बीच आयोजित कराए गए थे.
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