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NIRF Rankings 2022: IIT मद्रास देश फिर से टॉप पर, यूनिवर्सिटी कैटेगरी में JNU दूसरे पर

पिछले साल यानी 2021 की रैंकिंग में भी IIT मद्रास को पहला स्थान मिला था.

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केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जारी की NIRF 2022 रैंकिंग(आज तक)

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Education Minister Dharmendra Pradhan) ने आज NIRF रैंकिंग्स (NIRF Ranking 2022) की घोषणा की. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (IIT Madras) को देश भर के संस्थानों की ओवर ऑल रैंकिंग में पहला स्थान मिला है. पिछले साल यानी 2021 की रैंकिंग में भी आईआईटी मद्रास को पहला स्थान मिला था. दूसरे स्थान पर आईआईएससी बेंगलुरु (IISc Bengluru) है. तीसरे स्थान पर आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay), चौथे स्थान पर आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi), पांचवे स्थान पर आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) है. ओवरऑल इंस्टीट्यूट्स की टॉप-10 लिस्ट में सात आईआईटी शामिल हैं. दो यूनिवर्सिटी आईआईएससी बेंगलुरू, जेएनयू दिल्ली और एक मेडिकल कॉलेज एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi) शामिल हैं. 

कैटेगरी वाइज बात करें तो आईआईटी मद्रास इंजीनियरिंग कैटेगरी में टॉप पर है. इंजीनियरिंग के टॉप-10 इंस्टीट्यूट्स की लिस्ट आप यहां देख सकते हैं.

रैंकइंस्टिट्यूट
1आईआईटी मद्रास
2आईआईटी दिल्ली
3आईआईटी बॉम्बे
4आईआईटी कानपुर
5आईआईटी खड़गपुर
6आईआईटी रुड़की
7आईआईटी गुवाहाटी
8एनआईटी तिरुचिरापल्ली
9आईआईटी हैदराबाद
10एनआईटी सुरथकल

कॉलेज कैटेगरी में मिरांडा हाउस पहले स्थान पर है. हिंदू कॉलेज दूसरे और प्रेसिडेंसी कॉलेज तीसरे स्थान पर है. 

रैंकइंस्टिट्यूट
1मिरांडा हाउस, दिल्ली 
2हिंदू कॉलेज, दिल्ली 
3प्रेसिडेंसी कॉलेज, चेन्नई
4लोयोला कॉलेज, चेन्नई
5लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर विमेन, दिल्ली 
6पीएसजीआर कॉलेज फॉर विमेन, कोयम्बटूर
7आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज, दिल्ली
8सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता
9रामकृष्ण मिशन विद्यामंदिर, हावड़ा
10किरोड़ी मल कॉलेज, दिल्ली

यूनिवर्सिटी रैंकिंग में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस पहले, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी दूसरे स्थान पर है. पूरी लिस्ट देखिए-

रैंकइंस्टिट्यूट
1इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरू
2जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली
3जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली
4जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता
5अमृता विश्व विद्यापीठम, कोयम्बटूर
6बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
7मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, मणिपाल
8कलकत्ता यूनिवर्सिटी, कोलकाता
9वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
10यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद, हैदराबाद

 मेडिकल कैटेगरी में AIIMS दिल्ली ने एक बार फिर से टॉप किया है. पूरी लिस्ट इस प्रकार है- 

रैंकइंस्टिट्यूट
1अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली
2पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़
3क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
4राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू
5बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी 
6जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पुडुचेरी
7संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ
8अमृता विश्व विद्यापीठम, कोयम्बटूर
9श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम
10कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मनिपाल
आखिर ये NIRF है क्या?

NIRF का फुलफॉर्म होता है नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रैंकिंग फ्रेमवर्क. इसके अंतर्गत भारत सरकार देश भर के हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स की परफॉरमेंस के आधार पर उनकी रैंक तय करती है. यानी हमें ये बताती है कि पढ़ाई के लिए देश के टॉप इंस्टीट्यूट्स कौन-कौन से हैं. इंजीनियरिंग के लिए कौन सी IIT है सबसे बढ़िया और किस मेडिकल कॉलेज से तैयार होते हैं सबसे बढ़िया डॉक्टर.

साल 2016 में इसकी शुरुआत हुई थी. 2016 से पहले देश में प्राइवेट एजेंसीज या मीडिया द्वारा ही हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स की रैंक तय की जाती थी. अब जब बात यहां तक आई है तो ये भी बता देते हैं कि इसके शुरू होने के पीछे की कहानी क्या है? 

इसकी शुरुआत होती है ग्लोबल रैंकिंग्स से. अब तक हम खबरों में यही पढ़ते आए थे कि भारत का कोई भी इंस्टीट्यूट, दुनिया के टॉप-200 या टॉप-300 में नहीं है. फिर वो बात चाहे QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी की रैंकिंग हो या टाइम्स हायर एजुकेशन की.

इसके पीछे जो सबसे बड़ी वजह बताई जाती है वो ये कि इन एजेंसीज द्वारा रैंकिंग तैयार करने में जो क्राइटेरिया अपनाई जाती है वो चुनिंदा लोगों के परसेप्सन पर आधारित होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए साल 2015 में भारत सरकार ने तय किया कि वो अपने संस्थानों की रैंकिंग खुद तय करेगा और ये रैंकिंग भारतीय संस्थानों के लिए उपयुक्त पैरामीटर्स पर तय की जाएगी. 

ठीक इसी तरह से 2003 में चीन ने भी शंघाई रैंकिग्स शुरू की थी. हालांकि NIRF और शंघाई रैंकिंग्स में अंतर ये है कि शंघाई रैंकिंग में दुनिया भर के 500 संस्थान शामिल होते हैं जबकि NIRF में केवल भारतीय संस्थान शामिल होते हैं.

कैसे तय होती है रैंकिंग?

रैंकिंग तय करने के लिए NIRF ने सीधे और सपाट नियम बना रखे हैं. कुछ पैरामीटर्स हैं हर इंस्टीट्यूट को उन पैरामीटर्स पर परखा जाता है. जिसका जितना स्कोर बनता है उसी हिसाब से उसकी रैंकिंग तय की जाती है. इन पैरामीटर्स में सबसे पहले आता है टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज यानी TLR .इसमें फैकल्टी-स्टूडेंट रेशियो, फैकल्टी एक्सपीरियंस, फाइनेंसियल रिसोर्सेज और उनका उपयोग जैसी चीजें शामिल हैं. 

दूसरा है रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस. इसके अंतर्गत संस्थान को रिसर्च, पब्लिकेशन मीट्रिक, IPR और पेटेंट्स के आधार पर परखा जाता है.

तीसरा पैरामीटर है ग्रेजुएशन आउटकम्स. इसमें यूनिवर्सिटी के एग्जाम्स और PhD स्कॉलर्स की संख्या को देखा जाता है.

चौथा पैरामीटर है आउटरीच एंड इन्क्लूसिविटी. इसमें देखा जाता है कि कितने छात्र दूसरे राज्यों से विदेश से पढ़ने के लिए आए हैं. कैंपस में महिलाओं की कितनी भागीदारी है? आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े छात्रों की क्या संख्या है? शारीरिक रूप से अक्षम छात्रों के लिए क्या व्यवस्था है?

पांचवा और आखिरी पैरामीटर है पीयर परसेप्सन. इसमें एकेडमिक पीयर और एम्प्लायर्स के आधार पर इंस्टीट्यूट की रैंक तय की जाती है.

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