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REET, JEN, SI: राजस्थान में एक के बाद एक पेपर क्यों लीक हो रहे?

शिक्षा मंत्री कह रहे ये उत्सव है, विपक्ष को पच नहीं रहा.

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राजस्थान में REET, NEET और सब इंस्पेक्टर भर्ती के बाद अब राजस्थान VDO का पेपर लीक हो गया है.
राजस्थान से बीते दिनों लगातार पेपर लीक होने की खबरें सामने आईं. करीब एक महीने के भीतर तीन बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक हो गए. इसमें मेडिकल एंट्रेंस के लिए होनी वाली परीक्षा NEET से लेकर REET 2021 और SI भर्ती की परीक्षा भी शामिल थी. REET को सकुशल आयोजित कराने के लिए सरकार की ओर खूब तैयारियां की गई थीं. बड़े-बड़े दावे किए गए थे. लेकिन धांधली करने वालों के आगे सब धराशायी हो गए. पेपर लीक मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है, आइए जानते हैं. REET 2021 सबसे पहले बात REET की. REET यानी Rajasthan Eligibility Examination for Teachers (राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा). इस परीक्षा के जरिए ही तय होता है कि आप शिक्षक बनने के योग्य हैं या नहीं. 26 सितंबर 2021 को राजस्थान की सबसे बड़ी परीक्षा REET आयोजित की गई. इसमें करीब 16.5 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. परीक्षा देने आए करीब 13 लाख. इतनी बड़ी संख्या में परीक्षा देने जा रहे अभ्यर्थियों को दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार की ओर से रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा की घोषणा की गई थी. इधर सरकारी महकमा बसों के इंतजाम में लगा रहा और दूसरी तरफ पेपर लीक हो गया.
चप्पल में डिवाइस लगाकर नकल करते पकड़े गए लोग. (PTI)
चप्पल में डिवाइस लगाकर नकल करते पकड़े गए लोग. (PTI)

रात में ही आउट हो गया पेपर परीक्षा 10 बजे शुरू होनी थी लेकिन कुछ लोगों के पास सुबह साढ़े आठ बजे ही पेपर पहुंच गया. सवाई माधोपुर के गंगापुर सिटी में चार ऐसी महिलाओं को पुलिस ने पकड़ा, जिनके पास परीक्षा से पहले ही पेपर आ चुका था. इनमें से एक कॉन्स्टेबल की पत्नी है और दूसरी हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी. दोनों ही पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. परीक्षा वाले दिन पूरे राजस्थान में सुबह 6 बजे इंटरनेट बंद था. इसलिए माना गया कि पेपर रात में ही लीक हो गया था. बीकानेर में डेढ़ करोड़ में नक़ल करने का सौदा छात्रों से किया गया था. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस वाली चप्पल साढ़े सात लाख रुपये में बेची गई थी. एक अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र तक पहुंच गया था लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले ही पकड़ लिया गया. बीकानेर से तीन परीक्षार्थियों सहित पांच लोग गिरफ्तार हुए. REET पेपर लीक मामले में अब तक 100 से अधिक गिरफ्तारी हो चुकी हैं. एक प्रशासनिक सेवा अधिकारी, दो पुलिस अधिकारी, एक शिक्षा अधिकारी, 12 शिक्षक और तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका है. लेकिन अब तक ये जानकारी सामने नहीं आई है कि पेपर लीक कैसे हुआ? अब तक ये पता नहीं चल सका है कि मास्टरमाइंड बताए जा रहे बत्ती लाल मीणा के पास पेपर कैसे पहुंचा? बत्ती लाल मीणा की कांग्रेस नेताओं और मंत्रियों से करीबी का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थी सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. सीबीआई जांच की मांग को लेकर राजस्थान के कई शहरों में प्रदर्शन हुए. जयपुर में अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज भी हुआ. सब इंस्पेक्टर भर्ती राजस्थान लोक सेवा आयोग ने सब-इंस्पेक्टर (SI) के 857 पदों के लिए वैकेंसी निकाली थी. इसके लिए करीब 8 लाख अभ्यर्थियों ने अप्लाई किया था. परीक्षा 13, 14 और 15 सितंबर को आयोजित की गई. अभ्यर्थी परीक्षा देकर बाहर निकले तो पता चला कि परीक्षा केंद्र के अंदर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वायरल वीडियो में परीक्षार्थी नकल करते देखे जा सकते हैं. साथ ही साथ सोशल मीडिया पर एक ऑन्सर शीट भी खूब वायरल हुई. इसी के साथ ही ये सवाल भी उठा कि आखिर परीक्षा केंद्र के अंदर फोन कैसे पहुंचा? इसके अलावा राजस्थान पुलिस ने बीकानेर से एक प्राइवेट स्कूल प्रिंसिपल समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया. दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, परीक्षा में नकल कराने के लिए प्रिंसिपल ने दोनों पारी के पेपर की फोटो खींची. पहली पारी का पेपर पाली में परीक्षा दे रहे अभ्यर्थी तक पहुंच गया, जबकि दूसरी पारी का पेपर जिस शख्स को भेजा, वह पुलिस के कब्जे में था. प्रिंसिपल ने नकल कराने के लिए 15 लाख रुपए की डील की थी. जयपुर से पुलिस ने एक टीचर और एक प्रोफेसर समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया. ये लोग 20 लाख रुपए लेकर डमी कैंडिडेट बैठाते थे और परीक्षा पास कराते थे. NEET 14 सितंबर को पूरे देश में मेडिकल एंट्रेस टेस्ट की NEET परीक्षा आयोजित की गई थी. इसका पेपर भी राजस्थान में लीक हो गया. परीक्षा शुरू होने के 35 मिनट के भीतर ही जयपुर के एक सेंटर पर ऑन्सर की पहुंच गई. जिसका प्रिंट आउट निकालकर ऐसे छात्रों को दे दिया गया, जिन्होंने सेंटर के परीक्षा प्रबंधकों को पैसे दिए थे. पुलिस ने 4 जगह छापेमारी कर छह मेडिकल छात्रों सहित कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया. ये लोग 35 लाख रुपए में परीक्षा पास कराने की गारंटी देते थे.
NEET पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपी
NEET पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपी

अब असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा में भी धांधली के आरोप JEN, SI और REET के बाद अब असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा में भी गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं. राजस्थान लोक सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर के 918 पदों पर भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली थी. 22 सितंबर से 9 अक्टूबर तक अलग-अलग विषयों की परीक्षा हुई. 29 सितंबर को राजनीति विज्ञान की परीक्षा थी. परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने दावा किया है कि परीक्षा में पूछे गए 70 फीसदी सवाल, जोधपुर विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर और कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाने वाले उनके एक शिष्य की किताब से आए हैं.
अभ्यर्थियों का दावा है कि परीक्षा में पूछे गए कई सवाल (बाएं) हूबहू गाइड (दाएं) से लिए गए हैं.
अभ्यर्थियों का दावा है कि परीक्षा में पूछे गए कई सवाल (बाएं) हूबहू गाइड (दाएं) से लिए गए हैं.


ये किताब परीक्षा के सिलेबस का महज 30 फीसदी ही कवर करती है लेकिन 70 फीसदी सवाल इसी से आए हैं. परीक्षार्थियों का दावा है कि 300 में से 220 सवाल इसी किताब से आए हैं जबकि 148 सवाल हूबहू इसी गाइड से हैं. एक के बाद एक भर्ती परीक्षाओं में धांधली से परेशान युवाओं ने जब प्रदर्शन करना शुरू किया तो राजस्थान लोक सेवा आयोग ने एक जांच कमेटी गठित की. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी. अब तक ये परीक्षाएं हो चुकी हैं लीक REET और SI से पहले पिछले 7 सालों में राजस्थान में ये पेपर भी लीक हो चुके हैं-
# राजस्थान प्रशासनिक सेवा के 978 पदों के लिए आयोजित RPSC 2013 की परीक्षा को पेपर लीक होने के चलते 2014 में रद्द कर दिया गया था.
# 7 हजार पदों के लिए जनवरी 2014 में भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी लेकिन 2015 में अचानक इसे रद्द कर दिया गया.
# 17 मार्च 2018 को 15 हजार पदों के लिए हुई कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने की वजह से रद्द कर दी गई.
# 7 हजार पदों के लिए होने वाली लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा 29 दिसंबर 2019 को रद्द कर दी गई थी. वजह- पेपर लीक.
# 6 दिसंबर 2020 को आयोजित जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा (JEN) को भी पेपर लीक होने की वजह से रद्द करना पड़ा था. विपक्ष धांधली तो सरकार बता रही उत्सव रीट और दूसरी परीक्षाओं में हुई धांधली की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं. परीक्षा रद्द करने और सीबीआई जांच की मांग हो रही है. लेकिन सरकार परीक्षा रद्द करने को तैयार नहीं है. 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट कहा कि परीक्षा रद्द नहीं होगी. उन्होंने कहा,
जो इसमें शामिल हैं, सरकार उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेगी. ये मानकर चलो. एक सेंटर, दो सेंटर पर पेपर आउट हो गया है. हम वहां-वहां फिर से एग्जाम करवा देंगे. उसकी आड़ में आप चाहो कि परीक्षा रद्द कर दो. लाखों लोगों को फिर से बुलाओ, परीक्षा करवाओ, ये कहां की समझदारी है?
दूसरी तरफ बीजेपी सीबीआई जांच की मांग पर अड़ी हुई है. बत्तीलाल मीणा को कांग्रेस पार्टी का पंजीकृत कार्यकर्ता बताते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अशोक गहलोत सरकार पर नकल माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा,
मुख्यमंत्री ने भी माना है कि नकल हुई है. (शिक्षा मंत्री) डोटासरा जी ने भी माना है. नकल हुई है तभी तो कार्रवाई हुई है. अब यह कहना कि दो-चार जगह हुई है. यह खीज मिटाने जैसा है. हम चाहते हैं कि सीबीआई जांच हो और डोटासरा जी इस्तीफा दें. राजस्थान के बेरोजगारों का एसओजी पर भरोसा नहीं है. सीबीआई से जांच होगी तो सब सामने आ जाएगा.
दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा रीट परीक्षा के आयोजन को उत्सव बताते हुए कहते हैं कि परीक्षा का सकुशल हो जाना बीजेपी को नहीं पच रहा है. 7 अक्टूबर को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा,
SOG जांच कर रही है. पहली बार हमने ऐसा फैसला लिया है कि अगर कोई कार्मिक इसमें शामिल मिलता है तो बर्खास्त करेंगे. पहली बार फैसला लिया है कि अगर कोई प्राइवेट स्कूल शामिल मिलेगा तो मान्यता समाप्त कर दी जाएगी. 10-12 FIR हो चुकी हैं. इनको केवल राजनीति करनी है. राजस्थान की सरकार बेरोजगारों के लिए भर्तियां निकाल रही है ये इनको पच नहीं रहा है. दूध का दूध पानी का पानी होगा. दोषी कोई भी होगा, बख्शा नहीं जाएगा.
सिस्टम वीक, पेपर लीक बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक हैशटैग खूब चला. #सिस्टम_वीक_पेपर_लीक. सिस्टम के वीक यानी कमजोर होने पर क्या-क्या हो सकता है, इसकी बानगी हमें राजस्थान की भर्ती परीक्षाओं में देखने को मिलती है. बीते कुछ सालों में शायद ही कोई ऐसी परीक्षा हुई हो, जो बिना किसी विवाद के शांतिपूर्ण तरीके से पूरी हो गई हो. जिसमें धांधली, भ्रष्टाचार की शिकायतें न आई हों, तकनीकी खामियों के चलते मामला हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट तक न पहुंचा हो या फिर पेपर न लीक हुआ हो. ऐसा नहीं है कि भर्ती परीक्षाओं में होने वाला भ्रष्टाचार, चुनाव में मुद्दा नहीं बनता. हर बार बनता है. हर पांच साल पर सरकार भी बदल जाती है. लेकिन सिस्टम में मौजूद लोगों के साथ सांठ-गांठ कर सिस्टम को कमजोर कर रहे लोगों के लिए कुछ भी नहीं बदलता. राजस्थान बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वालों के खिलाफ सख्त कानून की मांग कर रहे हैं जिसमें दोषियों की संपत्ति जब्त करने और कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान हो. उपेन यादव कहते हैं,
सरकार कोई भी रही हो, सिस्टम इतना वीक हो गया कि पेपर लीक होते जा रहे हैं. कुछ माफिया हैं जिन्होंने इसे अपना धंधा बना लिया है. उनमें कोई खौफ नहीं है. वो कहते हैं कि हम करोड़ों कमाते हैं और पांच-सात लाख खर्च करके जेल से छूट जाते हैं. ये जेल जाते हैं और फिर वापस छूट जाते हैं. इनके खिलाफ कड़ा कानून बनाने की जरूरत है. अगर इसकी कायदे से जांच हो तो इसमें कई बड़े लोगों का नाम भी सामने आ सकता है.
उपेन कहते हैं कि इससे सबसे ज्यादा नुकसान उन बच्चों का होता है जो सालों-साल मेहनत करते हैं और निष्पक्ष व पारदर्शी व्यवस्था की उम्मीद करते हैं. लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. उपेन कहते हैं,
हर परीक्षा का यही हाल है. इसकी वजह से वो युवा जो मेहनत करता है, अवसाद में चला जाता है. उसको लगता है कि मेहनत करने से कुछ नहीं होगा तो फिर वो भी अपराध की तरफ बढ़ने लगता है. वो भी सोचता है कि मैं भी पांच-सात लाख रुपए खर्च कर लेता हूं. मेरा नंबर तो वैसे भी नहीं आ रहा है.
जिन छात्रों को परीक्षाओं की तैयारी में होना चाहिए, वे सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. लाठी खा रहे हैं. आयोग, कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे हैं. सरकार बहादुर की ओर से भी हमेशा की तरह बयान आ रहे हैं कि जो भी दोषी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. जांच चल रही है. लेकिन सवाल यही उठता है कि आखिर कब तक? कब तक हर परीक्षा के बाद इसी तरह के बयान आते रहेंगे? जो पिछली परीक्षाओं में पकड़े गए थे, उनके खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई हुई? आखिर कैसे हर बार नकल माफिया परीक्षाओं की गोपनीयता में सेंध लगाने में कामयाब हो जाते हैं? एक के बाद एक जिस तरह से पेपर लीक हो रहे हैं, वो सरकार की क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं कि क्या सरकार का तंत्र इतना कमजोर हो गया है कि एक भी परीक्षा कायदे से नहीं पूरा करा सकता?