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आम आदमी पार्टी को बंद करवाओ - चुनाव आयोग पहुंचे 57 नौकरशाह, ये शिकायत की!

"उन्होंने अपने राजनीतिक फायदे के लिए अधिकारियों का इस्तेमाल किया है."

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अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द करने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया है, credits India Today

“आम आदमी पार्टी यह भूल गई है कि सरकारी कर्मचारियों की राजनीतिक दलों के प्रति कोई निष्ठा नहीं हो सकती. उनकी जिम्मेदारी जनकल्याण के लिए काम करने की होती है.”

ये बात कई नौकरशाह अपनी चिट्ठी में कह रहे हैं. दरअसल नौकरशाहों ने आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द करने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. और ऐसे नौकरशाहों की संख्या है 57. और मांग ये भी की है कि आम आदमी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव न लड़ने दिया जाए.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 सितंबर को यह चिट्ठी भेजी गई है. चिट्ठी में इन अधिकारियों ने केजरीवाल पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने अपने राजनीतिक फायदे के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों का इस्तेमाल किया है. और ये इस्तेमाल करने के लिए आम आदमी पार्टी के लोग भोला बनने का दिखावा करते हैं.

इस लेटर पर हस्ताक्षर करने वालों में एम मदन गोपाल (पूर्व एसीएस, कर्नाटक), आनंद बोस (पूर्व सीएस केरल), आर डी कपूर (पूर्व खाद्य और वितरण सचिव) सहित कई सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शामिल हैं.

खबरों के मुताबिक, चिट्ठी में कहा गया है, 

"हम चुनाव आयोग से अनुरोध करते हैं कि चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश 1968 के आदेश 16A के उल्लंघन के मद्देनजर AAP पार्टी की मान्यता को रद्द किया जाए. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट का उल्लंघन किया है. यह जनप्रतिनिधि कानून 1951 (Representation of People Act 1951 ) का भी उल्लंघन है."

AAP के खिलाफ Election Commission को भेजी गई चिट्ठी में क्या है?

पत्र के अनुसार, अरविंद केजरीवाल ने पुलिसकर्मियों, होमगार्डों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (Anganwadi workers), स्टेट ट्रांसपोर्ट के ड्राइवरों और कंडक्टरों और मतदान केंद्र अधिकारियों से विधानसभा चुनावों में पार्टी की मदद करने का आह्वान किया है. 

इस महीने की शुरुआत में केजरीवाल ने राज्य परिवहन चालकों से अपील की थी कि वे राज्य में लोगों से आप को वोट दिलवाएं. चिट्ठी लिखने वाले नौकरशाह कह रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल लोगों को गुमराह कर रहे हैं. चिट्ठी में ये भी लिखा गया है, वोटों के बदले, आम आदमी पार्टी उन्हें मुफ्त बिजली, मुफ्त शिक्षा देने और महिलाओं के बैंक खातों में "हजारों रुपये" ट्रांसफर करने का वादा कर रही है जो उचित नहीं है.

इस चिट्ठी में धारा 6A और 123 के तहत Representation of People Act 1951 का उल्लेख किया गया है. ये धाराएं राजनीतिक कारणों से सरकारी मशीनरी के उपयोग जैसे भ्रष्ट आचरण आदि पर रोक लगाती हैं. चिट्ठी लिखने वाले नौकरशाहों के समूह ने 'भ्रष्ट आचरण' करने के लिए आम आदमी पार्टी को अयोग्य ठहराने की मांग की है.

उन्होंने लिखा है कि केजरीवाल की अपील चुनावी लोकतंत्र को नष्ट कर देती है. और जनसेवा को कमजोर करती है. कहते हैं कि हम उम्मीद करते हैं कि बाकी कर्मचारी इस तरह की बात में नहीं आएंगे.

इस मामले पर अभी तक आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. आती है, तो हम आपसे साझा करेंगे. 

वीडियो : केजरीवाल खाना खाने पहुंचे तो ऑटोवाले क्या बोले?