“आम आदमी पार्टी यह भूल गई है कि सरकारी कर्मचारियों की राजनीतिक दलों के प्रति कोई निष्ठा नहीं हो सकती. उनकी जिम्मेदारी जनकल्याण के लिए काम करने की होती है.”
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ये बात कई नौकरशाह अपनी चिट्ठी में कह रहे हैं. दरअसल नौकरशाहों ने आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द करने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. और ऐसे नौकरशाहों की संख्या है 57. और मांग ये भी की है कि आम आदमी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव न लड़ने दिया जाए.