100 यूनिट फ्री बिजली का भार कंपनियां कैसे उठाएंगी? CM गहलोत ने दिलचस्प जवाब दिया

07:28 PM Jun 07, 2023 | सुरभि गुप्ता
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में ऐलान किया कि राजस्थान में 100 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी. कुछ चार्जेज़ जो पहले वसूले जा रहे थे, वो भी नहीं लिए जाएंगे. इस ऐलान पर उन्हें विपक्ष ने घेर लिया. ये कहा कि अशोक गहलोत ने चुनाव जीतने के लिए मुफ्त बिजली का ऐलान किया है. साथ में सवाल पूछा कि पहले से ही घाटे में चल रही राजस्थान की बिजली कंपनियां ये बोझ कैसे उठाएंगी. 

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लल्लनटॉप के पॉलिटिकल इंटरव्यू शो ‘जमघट’ में संपादक सौरभ द्विवेदी ने राजस्थान के CM अशोक गहलोत से विपक्ष का यही सवाल पूछा. इस पर अशोक गहलोत ने जवाब दिया,

बिजली कंपनियां जब से बनी हैं, तब से घाटे में ही हैं. ये कंपनियां घाटे में ही होती हैं. इनको चलाने की सामाजिक जिम्मेदारी सरकार की होती है. यह केवल राजस्थान की बात नहीं है. अधिकांश राज्यों में बिजली कंपनियां घाटे में चलती हैं. इनकी घाटा पूर्ति सरकार करती है. 15 साल पहले हमने बिजली की रेट किसानों के लिए 90 पैसे प्रति यूनिट रखी थी. हमने वादा किया कि 5 साल तक रेट नहीं बढ़ाएंगे. ऐसा किया गया. फिर बीजेपी की सरकार आई तो उन्होंने भी रेट नहीं बढ़ाए. फिर हमारी सरकार आई तो हमने भी रेट नहीं बढ़ाया. ये फैसले लोकहित में सोच-समझकर किए जाते हैं. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल भी कर रहे हैं. ये घोषणा हमारे बजट की है. उसमें कुछ कन्फ्यूजन था, जिसे अब दूर किया गया है.

CM अशोक गहलोत ने बीती 31 मई की रात घोषणा की थी कि हर महीने 100 यूनिट तक की बिजली फ्री होगी. उन्होंने बताया कि महंगाई राहत शिविरों के अवलोकन और जनता से बात करने पर फीडबैक आया कि बिजली बिलों में मिलने वाली स्लैबवार छूट में थोड़ा बदलाव किया जाए. 

उन्होंने जानकारी दी कि 200 यूनिट बिजली खर्च करने पर 100 यूनिट माफ रहेगी. बाकी पर चार्ज लगेगा. साथ ही 200 यूनिट तक की बिजली पर पहले वसूले जाने वाला फ्यूल चार्ज भी नहीं देना पड़ेगा. 

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