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कर्नाटक की जनता ने येदियुरप्पा, खरगे और कुमारस्वामी जैसे दिग्गजों के बेटों के साथ क्या किया?

एक सीट पर तो पूर्व सीएम के दो बेटे आमने-सामने थे.

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येदियुरप्पा, मल्लिकार्जुन खरगे और कुमारस्वामी जैसे दिग्गजों के बेटों ने लड़ा चुनाव. (फाइल फोटो: PTI)

कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 (Karnataka Election) के नतीजे 13 मई को सामने आ गए. कांग्रेस को बहुमत मिला. 224 में से 135 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है. वहीं BJP 66 और JD(S) को सिर्फ 19 सीटें मिलीं. इस चुनाव में कई बड़े नेताओं के बेटे भी चुनावी मैदान में थे. इनमें बीएस येदियुरप्पा, एचडी कुमारस्वामी, एस बंगारप्पा और मल्लिकार्जुन खरगे जैसे दिग्गज नेताओं के बेटे शामिल हैं. कर्नाटक की जनता ने किन नेताओं के बेटों पर भरोसा जताया है, आपको बताते हैं.

पूर्व CM बीएस येदियुरप्पा के बेटे

नाम:  विजयेंद्र येदियुरप्पा

सीट का नाम: शिकारीपुरा

पार्टी: BJP

जीते या हारे: विजयेंद्र येदियुरप्पा जीत गए हैं. निकटतम प्रतिद्वंदी JD(S) के एसपी नागराज गौड़ा को 11008 वोटों से हराया है.

पूर्व CM एस बंगारप्पा के दो बेटे आमने-सामने

नाम: मधु बंगारप्पा और एस कुमार बंगारप्पा. 

सीट का नाम: सोराब

पार्टी: इस सीट पर मधु बंगरप्पा ने कांग्रेस और एस कुमार बंगारप्पा ने BJP की तरफ से चुनाव लड़ा.

कौन जीता: मधु बंगारप्पा जीत गए हैं. अपने बड़े भाई और निकटतम प्रतिद्वंदी एस कुमार बंगारप्पा को 44262 वोटों से हराया है. इस सीट पर पिछली बार 2018 में कुमार बंगारप्पा ने जीत हासिल की थी.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे 

नाम:  प्रियांक खरगे

सीट का नाम: चित्तपुर

पार्टी: कांग्रेस

जीते या हारे: प्रियांक खरगे जीत गए हैं. निकटतम प्रतिद्वंदी BJP के मणिकांत राठौड़ को 13640 वोटों से हराया है.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की प्रतिष्ठा जहां फंसी, वहां BJP जीती या कांग्रेस?

एचडी कुमार स्वामी के बेटे

नाम: निखिल कुमारस्वामी

सीट का नाम: रामनगर

पार्टी: जनता दल (सेक्युलर)

जीते या हारे: कांग्रेस उम्मीदवार से हारे. कांग्रेस के एचए इकबाल हुसैन ने 10715 वोटों से हराया है.

क्या थे कर्नाटक के चुनावी मुद्दे?

• भ्रष्टाचार का मुद्दा. कांग्रेस ने अख़बारों में ऐड देकर कमीशन के रेट जारी कर भ्रष्टाचार चरम पर होने का दावा किया था. बीजेपी ने भी जवाब में अखबारों में ऐड जारी कर पहले और अब में तुलना का आंकड़ा जारी किया था.

• बसवराज बोम्मई सरकार ने मार्च में ओबीसी आरक्षण में बदलाव किया. सरकार ने ओबीसी आरक्षण से मुस्लिम कोटे को बाहर कर दिया. ओबीसी आरक्षण में मुस्लिम कोटा 4 फीसदी का था. उन्हें हटाकर वीरशैव-लिंगायत और वोक्कालिगा को शामिल किया गया. इस फैसले के खिलाफ SC में सुनवाई चल रही है.

• अली बजरंग बली का मुद्दा. BJP ने बजरंग दल को बैन करने के कांग्रेस के घोषणापत्र के मुद्दे को बजरंग बली की तरफ मोड़ा था. हालांकि, इस पर कांग्रेस ने अपनी सफाई पेश की है.

• फ्री और छूट का मुद्दा. कांग्रेस ने फ्री बिजली, बुजुर्गों और बेरोज़गारों को भत्ता देने, बसों में महिलाओं की मुफ्त यात्रा और राशन जैसी घोषणाएं की हैं. वहीं बीजेपी ने इसे चुनावी रेवड़ी करार देते हुए विकास को आगे कर चुनाव लड़ने की बात कही.

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