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PM ने कही गुजरात के खिलाफ साजिश रचे जाने की बात, CM ने मेधा पाटकर को अर्बन नक्सल बताया

प्रधानमंत्री ने भुज में पांच हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का ऐलान करते हुए कहा कि गुजरात ने सभी साजिशों को नाकाम कर दिया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: PTI)

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 28 अगस्त को गुजरात (Gujarat) के भुज में कहा कि राज्य को बदनाम करने की साजिश की गई. उन्होंने कहा कि जब राज्य प्राकृतिक आपदाओं से लड़ रहा था, तब राज्य को बदनाम करने की साजिश की गई. उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश रोकने की कोशिशें की गईं. उन्होंने कहा कि गुजरात ने ना केवल इन साजिशों को नाकाम किया, बल्कि विकास के जरिए देश के लिए उदाहरण बना. प्रधानमंत्री ने कहा, 

“एक समय ऐसा था जब गुजरात एक के बाद एक आपदाओं का सामना कर रहा था. जब गुजरात प्राकृतिक आपदाओं से लड़ रहा था, तब राज्य के खिलाफ एक के बाद एक साजिशें रची गईं. ना केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गुजरात को बदनाम करने की कोशिश की गई. इनवेस्टमेंट रोकने की कोशिश की गई.”

प्रधानमंत्री ने भुज में ये बातें तब कहीं, जब उन्होंने पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट्स का ऐलान किया. इन प्रोजेक्ट्स के तहत 'स्मृति वन' को भी बनाने का ऐलान हुआ है. ये साल 2001 में कच्छ में आए भूकंप में मारे गए लोगों की याद में बनाया जाएगा. इस भूकंप में 15 हजार से अधिक लोगों की जान गई थी. इस भूकंप के एक साल बाद यानी 2002 में गुजरात में दंगे हुए थे. इसे लेकर राज्य सरकार की काफी आलोचना हुई थी.

Medha Patkar को Urban Naxal बताया

इसी दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी को मेधा पाटकर के नेतृत्व वाले नर्मदा बचाओ आंदोलन का भी सामना करना पड़ा था. ये आंदोलन सरदार सरोवर डैम के विरोध में शुरू किया गया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात ने सभी साजिशों को पीछे छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि राज्य में एक नई औद्योगिक नीति लाई गई और विकास का नया रास्ता खुला, जिसका सबसे ज्यादा फायदा कच्छ को हुआ. 

इधर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मेधा पाटकर को अर्बन नक्सल कहा. प्रधानमंत्री द्वारा भुज-मांडवी नर्मदा नहर का उद्घाटन करने के बाद पटेल ने कहा,

“अब जब नर्मदा का पानी कच्छ पहुंचा है, हमें याद रखना चाहिए कि कई लोग थे जिन्होंने पांच दशकों तक कच्छ से इस पानी को दूर रखा. सब जानते हैं कि नर्मदा बांध परियोजना का विरोध करने वाले अर्बन नक्सल कौन थे. और ये भी जानते हैं कि ये लोग किस राजनीतिक दल से जुड़े थे. इनमें से एक अर्बन नक्सल का नाम मेधा पाटकर है. इन लोगों ने राज्य के लोगों को गुमराह करके की कोशिश की. लेकिन गुजरात के लोगों ने उन्हें सफल नहीं होने दिया.”

मेधा पाटकर; क्रेडिट्स - इंडिया टुडे 

राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को साल २०१४ में आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव लड़ने की टिकट दी थी. हालांकि, वो तब चुनाव हार गई थीं. आम आदमी पार्टी का जिक्र ना करते हुए सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि एक पार्टी ने मेधा पाटकर को चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था. वहीं प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए पटेल ने कहा कि कच्छ में पानी लाने के लिए उन्होंने नर्मदा विरोधी और गुजरात विरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया.

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