The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

Impact Feature: ZEE5 ओरिजिनल अभय के 3 केस जो आपको ज़रूर देखने चाहिए

रोमांचक अनुभव देने वाली कहानियां जो सच के बेहद जाकर अपराधियों के पागलपन, जुनून और लालच से दो-चार करवाती हैं.

post-main-image
इस क्राइम थ्रिलर सीरीज़ में कुणाल खेमू लीड रोल में दिखाई देंगे.
भारतीय टेलिविज़न ने हमेशा वास्तविक क्रिमिनल केसेज़ से प्रेरणा लेकर शो बनाये हैं, जिसमें ज़रूरी तड़का लगाकर दर्शकों को लुभाया भी गया है. इंडियाज़ मोस्ट वांटेड, क्राइम पेट्रोल और गुमराह जैसे शोज़ रिलीज़ होने के साथ ही बड़े हिट साबित हुए और इन्होंने काफ़ी वक़्त तक हर तबके के लोगों का मनोरंजन किया. भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में OTT प्लेटफॉर्म्स के आने के बाद से वास्तविक जीवन से उठाई गई क्राइम-बेस्ड कहानियों का सिलसिला चल निकला. इस क्रम में सभी शोज़ सामूहिक रूप से एक ही लक्ष्य की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं – दर्शकों को रोमांचक अनुभव देने वाली कहानियां जो कि उन्हें सच के बेहद करीब ले जाकर अपराधियों के पागलपन, जुनून और लालच से दो-चार करवाती हैं. लेकिन सवाल ये भी है कि आख़िर कितनी ऐसी कहानियां हैं जो कि ऐसा सच में कर पाती हैं? अभय सच्ची घटनाओं पर आधारित एक ऐसी थ्रिलर सीरीज़ है जो असल में इस वादे पर खरी उतरती है और अंत तक आपको स्क्रीन के सामने से हिलने भी नहीं देती. ये शो उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फ़ोर्स के एक बहादुर और होनहार ऑफिसर अभय की कहानी है जिसका किरदार निभाया है कुनाल खेमू ने. अभय को खूंखार अपराधियों को पकड़ने का जूनून है और ज़रुरत पड़ने पर कानून को थोड़ा बहुत तोड़ने-मरोड़ने में भी उसे कोई ख़ास संकोच नहीं होता है. इस शो में दिखाई गई कहानियां देश में हुए कुछ जघन्य अपराधों से इंस्पायर होकर लिखी गई हैं जो कि उन घटनाओं का एक बदला हुआ रूप दिखाती हैं जिनकी पड़ताल बतौर चीफ़ इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर अभय को सौंपी जाती है. शो का पहला एपिसोड बैग्ड एंड टैग्ड घिनौने निठारी हत्याकांड पर आधारित है जो कि नोएडा में 2005 से 2006 के बीच हुआ था. हालाँकि इस शो में दिखाए गए केसेज़ में निठारी हत्याकांड सबसे ज़्यादा कुख्यात है, हम आपको इस शो के उन केसेज़ के बारे में बताएंगे जो उतने चर्चित नहीं हैं. 1. भोपाल ट्रिपल मर्डर । एपिसोड 2 : हू इज़ द डैडी नाओ? 2016 में उदयन दास ने अपनी गर्लफ्रेंड आकांक्षा शर्मा का मर्डर किया और उसकी लाश को कंक्रीट में दफन कर दिया. उदयन ने उसे इसलिए मार दिया था क्यूंकि उसे शक था कि आकांक्षा उसे धोखा दे रही थी. लेकिन ये पहली बार नहीं था जब उसने किसी की जान ली थी. उसके सबसे पहले दो शिकार उसके अपने ही मां-बाप थे. अपने कुबूलनामे में उसने बताया कि उसने अपने मां-बाप को इसलिए मारा था क्यूंकि वो उस पर मैथ्स पढ़ने के लिए ज़ोर डालते थे जबकि वो सोशल साइंस और आर्ट्स में रूचि रखता था. उसने बताया कि उसकी मां उसपर काफ़ी दबाव डालती थीं और उन्होंने उसे जीवन भर लगातार परेशान कर के रखा. उन्हें मारने के बाद उदयन ने उनकी लाश उनके ही घर के लॉन में गाढ़ दी. मर्डर के साथ-साथ उदयन पर जालसाजी के भी चार्ज लगे. तहकीकात के दौरान पुलिस को मालूम पड़ा कि वो अपनी मां के जाली दस्तख़त बनाकर उनकी पेंशन निकाला करता था. अभय में अदयन के अपराध और उसकी जांच की पूरी कहानी दिखाई गई है जिसने उसे जेल का रास्ता दिखाया. इस शो में दिखाया जाने वाला ये पूरा घटनाक्रम आपको आख़िरी मिनट तक बांधे रखेगा. 2. साइनाइड मल्लिका । एपिसोड 4: साइनाइड पॉइज़निंग के.डी. केमपम्मा, जिसे साइनाइड मल्लिका के नाम से भी जाना जाता है, भारत की पहली महिला सीरियल किलर के तौर पर कुख्यात है. मल्लिका एक लालची औरत थी जो कि भौतिक सुखों के पीछे भागती थी. लोगों के साथ हेराफेरी करने में माहिर मल्लिका ने धार्मिक और खुद को असुरक्षित महसूस करने वाली ऐसी महिलाओं को निशाना बनाया जो या तो निसंतान थीं या अपनी शादी से ख़ुश नहीं थीं. वो खुद को तंत्र-मन्त्र में माहिर बताती थी और ग़रीब महिलाओं से उनके दुःख दूर करने का वादा करती थी. लेकिन उसकी शिकार महिलाओं को ये नहीं पता था कि उस कर्म-कांड का फल उन्हें मौत के रूप में मिलेगा. मल्लिका अपने विक्टिम को एक सुनसान जगह पर बुलाती थी और साथ ही ये भी कहती थी कि वो महंगे कपड़े और गहने पहन कर आये. वो वहां पूजा पाठ करने का ढोंग करती थी और फिर उन औरतों से अपनी आंखें बंद करने को कहती थी. इसके बाद वो खाने या पीने की किसी चीज़ में साइनाइड मिला कर ज़बरदस्ती उन औरतों के गले उतार देती थी. मौत हो जाने के बाद वो उन औरतों के शरीर से गहने उतार कर फरार हो जाती थी. पकड़े जाने से पहले मल्लिका ने बैंगलोर के मंदिरों में 9 साल के दौरान कम से कम 6 ऐसे क़त्ल किये. 2010 में उसे मौत की सज़ा सुनाई गई जो कि बाद में आजीवन कारावास में बदल दी गई. अभय के चौथे एपिसोड में साइनाइड मल्लिका के इन अपराधों और उसके पकड़े जाने की पूरी कहानी दिखाई गई है. 3. सजल बरुई ट्रिपल मर्डर । एपिसोड 5: क्रॉसफायर और एपिसोड 6: बर्न 1993 की सर्दियों के दौरान सजल बरुई और उसके 5 दोस्तों ने बड़ी ही निर्ममता से सजल के पिता, उसकी सौतेली मां और सौतेले भाई को मौत के घाट उतार डाला. अपराधी बरुई परिवार के मिडल क्लास अपार्टमेंट में घुसे और पूरी तरह से सोच-समझ कर, योजनाबद्ध तरीके से उन तीन लोगों का क़त्ल कर दिया. इस काम को अंजाम देने के लिए उन्होंने कुछ घंटे लिए. इसके बाद उन्होंने फ्रिज से निकाल कर कुछ मिठाईयां खाईं और मेज पर कुछ सिक्के छोड़ कर चले गए जो कि उन मिठाइयों का दाम था. इस सब के बाद सजल ने अपने दोस्तों से कहा कि वो उसे कुर्सी से बांध कर चले जायें जिससे वो भी इस अपराध का शिकार दिखाई दे. सजल ने शुरुआती पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसे हमलावरों ने मार कर बेहोश कर दिया था. लेकिन बाद में ज़ोर दिए जाने पर उसने अपना अपराध क़ुबूल कर लिया और अपने साथियों के नाम भी बताये. उसने कहा कि अपने पिता और सौतेली मां के ग़लत व्यवहार और शारीरिक यातनाओं से परेशान होकर उसने ये कदम उठाया. अभय के दो एपिसोड्स इसी दर्द, गुस्से और दुर्दांत से भरी घटना की कहानी. देखिये अभय का सीज़न फिनाले सिर्फ ZEE5 पर. इसका ट्रेलर आप यहां देख सकते हैं: