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‘तुम्बाड’ के राइटर ने 'कांतारा' में कमी निकाली, लोगों ने क्लास लगा दी!

वासन बाला और अनुराग कश्यप जैसे फिल्ममेकर्स ने भी ‘तुम्बाड’ के को-राइटर आनंद गांधी को कॉल आउट किया है.

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बात मैसेजिंग पर शुरू हुई थी, लेकिन पहुंच गई क्रेडिट तक.

Ship of Thesus के डायरेक्टर आनंद गांधी ने ‘कांतारा’ और ‘तुम्बाड’ के बीच बड़ा फर्क बताया. नतीजतन एक नई बहस छिड़ गई है. ‘कांतारा’ आने के बाद उसके हॉरर एलिमेंट्स की तुलना 2018 में आई ‘तुम्बाड’ से हो रही थी. इस पर आनंद गांधी ने ट्वीट किया,

‘कांतारा’ बिल्कुल भी ‘तुम्बाड’ जैसी नहीं है. ‘तुम्बाड’ में हॉरर इस्तेमाल करने के पीछे मेरा आइडिया था कि उसे संकीर्ण मानसिकता और टॉक्सिक मैस्क्युलेनिटी के रूपक के तौर पर दिखाया जाए. ‘कांतारा’ इन्हीं चीज़ों को सेलिब्रेट करती है. 

आनंद गांधी की इस तुलना को मिक्स्ड रिएक्शन मिला. किसी ने उनकी राय का समर्थन किया, तो किसी ने उनकी राजनीति पर सवाल उठाए. एक यूज़र ने लिखा,

मुझे हैरानी है कि लोग ‘तुम्बाड’ और ‘कांतारा’ को कम्पेयर कर रहे हैं. इन दोनों में कोई तुलना नहीं. ‘तुम्बाड’ का बेंचमार्क बहुत ऊंचा है. 

एक यूज़र ने लिखा,

‘तुम्बाड’ ऊंचे दर्जे की फिल्म है. लेकिन आपकी तुलना गैर ज़रूरी है. ‘कांतारा’ फाइन फिल्म है. 

अज़ीम नाम के यूज़र ने लिखा,

आनंद, मुझे लगता है कि आपने फिल्म को गलत समझ लिया. ‘कांतारा’ भूत कोला की परंपरा को सेलिब्रेट करती है. कन्नड़ गांवों की ज़िंदगी दर्शाती है. मर्दानगी वहां की दुनिया का हिस्सा है. उसके बिना उस कहानी को कैसे बताया जा सकता था. 

कोई तुलना पर ऑफेंस ले रहा था तो कोई उसे जायज़ ठहरा रहा था. इस बीच आया वासन बाला का ट्वीट. ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ और ‘मोनिका ओ माय डार्लिंग’ जैसी फिल्में बनाने वाले वासन बाला. उन्होंने आनंद के ट्वीट को क्वोट करते हुए लिखा,

‘तुम्बाड’ राही का आइडिया था. खैर आपका पॉइंट समझ आ गया. 

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अनुराग कश्यप की इंस्टाग्राम स्टोरी का स्क्रीनशॉट. 

आनंद ने अपने ट्वीट में ‘तुम्बाड’ पर बात करते ‘मेरा आइडिया’ का इस्तेमाल किया था. वासन ने वही पॉइंट आउट करते हुए लिखा कि ये राही अनिल बर्वे का आइडिया है, आपका नहीं. अनुराग कश्यप ने वासन के ट्वीट का स्क्रीनशॉट अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर भी शेयर किया. जिन राही अनिल बर्वे के नाम पर ये असहमति शुरू की, उन्होंने ही ‘तुम्बाड’ को लिखा और डायरेक्ट किया था. उन्होंने एक ब्लॉग को दिए इंटरव्यू में बताया कि साल 1997 में उन्होंने फिल्म की कहानी लिख ली थी. आनंद गांधी के शुरू किए डिसकोर्स के बीच राही का भी ट्वीट आया. उन्होंने किसी का नाम लिए बिना वासन के ट्वीट का जवाब दिया,

लोगों को काम करना चाहिए. अपने काम को बोलने देना चाहिए. 

राही अनिल बर्वे ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें फिल्म के लिए प्रोड्यूसर नहीं मिल रहे थे. 2008 में फिल्म पर काम शुरू होना था, लेकिन कोई फिल्म पर पैसा लगाने को राज़ी नहीं हुआ. उनका कहना था कि फिल्म में आइटम सॉन्ग डालो, उसे एंटरटेनिंग बनाओ. राही इस पर सहमत नहीं हुए. वो बताते हैं कि कुछ साल बाद उन्हें वो लोग मिले जिन्होंने ‘तुम्बाड’ बनाने में उनकी मदद की. अनुराग कश्यप आगे आए. सोहम शाह फिल्म को प्रोड्यूस करने और उसमें एक्टिंग करने के लिए तैयार हो गए. आनंद गांधी ने क्रिएटिव डायरेक्टर के तौर पर फिल्म जॉइन की. हालांकि फिल्म के राइटर्स में भी उनका नाम है. क्रेडिट्स के मुताबिक राही अनिल बर्वे, आनंद गांधी, मिथेश शाह और आदेश प्रसाद ने मिलकर ये फिल्म लिखी. 

‘तुम्बाड’ को लेकर ये पूरी बहस घूमी आइडिया वाली बात पर. आनंद गांधी ने लिखा कि फिल्म ने हॉरर यूज़ करने के लिए जो रूपक बनाए, वो उनका आइडिया था. इसी पर उन्हें वासन बाला ने कॉल आउट किया. चूंकि क्रिएटिव लेवल पर ‘तुम्बाड’ से इतने लोग जुड़े थे, इसलिए फिल्म की फिलॉसफी पर बाकी लोगों को क्रेडिट न देने पर उन्होंने नाराज़गी जताई होगी. अगर आइडिया के स्तर पर भी क्रेडिट दिया जाए तो सबसे पहला नाम राही अनिल बर्वे का आना चाहिए, क्योंकि ओरिजनल कहानी का आइडिया उन्हीं का था.    

वीडियो: 'कांतारा' ने क्या बड़ा रिकॉर्ड बना दिया?