जिस भारतीय शॉर्ट फिल्म ने इस बार ऑस्कर जीतकर इतिहास बनाया है, उसके किरदारों ने अभी तक वो फिल्म नहीं देखी है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्यूमेंट्री में फिल्माए गए बोमन ने बताया कि उन्हें फिल्म देखने का वक्त नहीं मिला है. भारतीय फिल्म 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' (The Elephant Whisperers) को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म का ऑस्कर अवॉर्ड मिला है. 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री है. इस कैटेगरी की फिल्में बनाने के लिए लोगों की असल जिंदगी को फॉलो किया जाता है.
ऑस्कर जीतने वाली The Elephant Whisperers जिनके ऊपर बनी है, उन्होंने अब तक उसे देखा ही नहीं है
बोमन ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें ऑस्कर के बारे में कुछ नहीं पता.
'द एलीफैंट विस्परर्स' की कहानी एक आदिवासी जोड़े बोमन और बेली के बारे में है. बोमन और बेली मधुमलाई टाइगर रिज़र्व में रहने वाले हाथी के एक अनाथ बच्चे को गोद ले लेते हैं. वो उसका नाम रखते हैं, रघु और पाल-पोसकर उसे बड़ा करते हैं. वो हाथी कैसे उन दोनों की ज़िंदगी बदल देता है, 'द एलीफैंट विस्परर्स' इसी बारे में बात करती है.
'डॉक्यूमेंट्री देखने का वक्त नहीं मिला'
जब 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' को ऑस्कर अवॉर्ड मिला, उस समय बोमन हाथी के दो बच्चों का रेस्क्यू कराने तमिलनाडु के धर्मापुरी गए थे. 54 साल के बोमन ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में बताया कि वो हाथियों की देखभाल में व्यस्त हैं और उन्हें अभी तक डॉक्यूमेंट्री देखने का वक्त नहीं मिला है. उन्होंने कहा,
मैं अब भी इसके (ऑस्कर) बारे में कुछ नहीं जानता हूं. लेकिन मैं समझता हूं कि यह बहुत अहम है क्योंकि हर कोई मुझसे कह रहा है कि इससे भारत का गौरव बढ़ा है. तो ये हमारे लिए बहुत मायने रखता है.
बोमन ने बताया कि 7 मार्च को तीन हाथियों को बिजली का करंट लग गया था. इसलिए उन्हें धर्मापुरी निकलना पड़ा. बोमन ने बताया,
यहां एक हथिनी की मौत हो गई थी. हम हथिनी के दो बच्चों को खोजने गए थे, लगता है कि अपनी मां को खोजते हुए वे जंगल में अंदर चले गए थे.
हाथियों के रेस्क्यू के लिए मदुमलाई से बाहर आए बोमन ने बताया कि उन्होंने सोमवार, 13 मार्च की सुबह बेली से बात की थी. बोमन के मुताबिक ऑस्कर की खबर आने के बाद उन्हें काफी फोन कॉल आ रहे हैं. बेली ने कहा कि भले ही वो ऑस्कर जीतने का मतलब नहीं समझ पा रही हैं, लेकिन वो खुश हैं.
कैसे हुई थी डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग?
बोमन ने बताया कि उन्होंने लगभग 84 हाथियों की देखभाल की है. डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग के बारे में बोमन ने बताया कि शूटिंग के दौरान फिल्म के सेट जैसा कुछ नहीं था. पांच लोग आते थे, एक हफ्ते उनके काम को शूट करते थे और चले जाते थे. इसके बाद वो फिर वापस आते थे. बोमन के मुताबिक उन्हें बड़े ही सादे तरीके से शूट किया गया.
The Elephant Whisperers को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था. इसे Kartiki Gonsalves ने डायरेक्ट किया है. Guneet Monga की सिख्या एंटरटेनमेंट ने इसे प्रोड्यूस किया है. ये पहला मौका है, जब किसी इंडियन फिल्म ने इस कैटेगरी में ऑस्कर जीता है.
वीडियो: आरवम: ऑस्कर में पहुंची 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' की असल कहानी क्या है?