Naseeruddin Shah ने कुछ दिन पहले Filmfare Awards को लेकर बात की थी. कि वो उन्हें दरवाज़ों के हत्थे की तरह इस्तेमाल करते हैं. ‘द लल्लनटॉप’ के एडिटर सौरभ द्विवेदी से बात करते हुए नसीर ने बताया कि उन्होंने नया फार्महाउस बनवाया. वहां बाथरूम के दरवाज़े के हत्थे की जगह उन्होंने दो-दो फिल्मफेयर अवॉर्ड लगाए हैं. नसीर ने बात की. इंटरव्यू खत्म हुआ. उसके बाद मीडिया वालों ने सुभाष घई और मनोज बाजपेयी जैसे कलाकारों से फिल्मफेयर अवॉर्ड्स पर उनकी राय मांगी.
मीडिया ने छापा मनोज बाजपेयी ने नसीरुद्दीन शाह को फटकारा, मनोज बोले - "मेरी औकात नहीं..."
मनोज बाजपेयी उनके बारे में फर्ज़ी खबरें छापने वालों को ढूंढ-ढूंढकर कॉल आउट कर रहे हैं.
मनोज बाजपेयी ने बताया कि वो फिल्मफेयर देखते हुए बड़े हुए हैं और उन्हें इस अवॉर्ड फंक्शन में मज़ा आता है. उन्होंने कहा कि लोगों को अवॉर्ड के ज़रिए पहचान मिलती है. और ये कमाल की बात है. मनोज ने अपनी बाइट दी और बात खत्म. गड़बड़ उसके बाद शुरू हुई. मीडिया में खबरें चलने लगी कि मनोज बाजपेयी ने नसीरुद्दीन शाह को जवाब दिया है. उनको फटकार दिया है. फलां-फलां बात. मनोज बाजपेयी ने किसी भी पॉइंट पर नहीं कहा कि वो नसीर को जवाब दे रहे हैं. उन्होंने बस फिल्मफेयर अवॉर्ड पर अपनी राय रखी थी. एक मीडिया आउटलेट ने लिखा कि मनोज बाजपेयी ने नसीर को फटकार लगा दी है. मनोज बाजपेयी ने इसे कॉल आउट करते हुए लिखा,
मेरी औकात नहीं कि मैं नसीर भाई से ऊंची आवाज़ में भी बात कर पाऊं. क्या-क्या समाचार कहां-कहां से!
एक और मीडिया आउटलेट ने भी इसी तरह खबर चलाई थी. कि मनोज ने जवाब दिया है. उनको रिप्लाई करते हुए मनोज बाजपेयी ने लिखा,
क्या यार! प्लीज़ सुनिए कि मैंने क्या कहा जब मुझसे फिल्मफेयर से जुड़ी याद पूछी गई. वो किसी को जवाब नहीं था.
बता दें कि नसीरुद्दीन शाह ने इंटरव्यू में कहा था कि एक पॉइंट पर वो फिल्मी अवॉर्ड्स को बहुत मानते थे. आगे कहा,
पहली वाली ट्रॉफी मिली तो बहुत खुश हुआ था. फिर मुझे अवॉर्ड पर अवॉर्ड मिलते गए. तब मेरा करियर शुरू हुआ था. लेकिन मुझे ये पता चला कि ये अवॉर्ड लॉबीइंग का नतीजा हैं. अनिवार्यतः ये आपकी मेरिट की वजह से नहीं मिल रहे हैं. तो मैंने उन अवॉर्ड्स को कहीं रख दिया.
नसीर ने कहा कि उन्हें कॉम्पिटेटिव अवॉर्ड से बहुत समस्या है. इसके बारे में वो बताते हैं,
जो कॉम्पिटेटिव अवॉर्ड होते हैं, मुझे इनसे सख़्त नफरत है. क्योंकि कोई भी एक्टर, जिसने अपनी जान लगाकर काम किया है, वही सबसे अच्छा एक्टर है न साल भर का. आप टोकरी में से एक बंदे को निकालते हो कि ये सबसे अच्छा है, तो ये कहां से जायज़ हुई बात. मुझे कोई गर्व नहीं है उन अवॉर्ड्स पर. जो पिछले दो अवॉर्ड मिल रहे थे, मैं उन्हें लेने भी नहीं गया. मैंने फार्म हाउस जब बनाया, तो सोचा कि इनको यहां लगा देते हैं कि जो भी बाथरूम जाएगा उनको दो-दो मिलेंगे. दोनों हाथ से दरवाजा खोलना पड़ता है न. दो फिल्मफेयर अवॉर्ड.
इससे पहले बात बढ़ती और मनोज बाजपेयी को मिसकोट किया जाता, उन्होंने खुद ही बात क्लियर कर दी.
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