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एम. एम. कीरवानी ने बताया, 'नाटु-नाटु' के लिए अवॉर्ड लेते समय अधूरी स्पीच में क्या कहना चाहते थे

उन्होंने ये भी बताया कि जिस दिन उन्हें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड मिला, उसी से ठीक 36 साल पहले, 10 जनवरी 1987 को ही उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी.

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'नाटु-नाटु' सॉन्ग को बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग की कैटेगरी में गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड मिला है.

राजामौली की फिल्म RRR के गाने Naatu Naatu को गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड मिला. इसे बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग अवॉर्ड्स की कैटेगरी में अवॉर्ड दिया गया. इसके कम्पोज़र एम. एम. कीरवानी ये अवॉर्ड लेने स्टेज पर गए थे. लेकिन उनकी पूरी बात खत्म होने से पहले ही म्यूज़िक बज गया. उनकी स्पीच का समय पूरा हो गया था. अब रिसेंटली एक इंटरव्यू में कीरवानी साहब ने बताया है कि वो अपनी विनिंग स्पीच में क्या कहना चाहते थे. जिसे समय की पाबंदी की वजह से नहीं कह सके.

कीरवानी ने बताया कि वो अपनी अधूरी स्पीच में अपनी मां को धन्यवाद कहना चाहते थे. एम. एम. कीरवानी की मां का निधन 12 दिसंबर 2022 को हुआ. ये वही दिन था जब गोल्डन ग्लोब के नॉमिनेशन्स अनाउंस किए गए थे. एक ज़ूम इंटरव्यू में कीरवानी ने कहा,

''गोल्डन ग्लोब में नॉमिनेशन मिलना वो आखिरी खबर थी, जिसे मैंने अपनी मां के साथ साझा किया था. वो बहुत खुश थीं. वो आखिरी बात थी, जो मैंने उनके निधन से पहले उन्हें बताई थी.''

उन्होंने ये भी बताया कि जिस दिन उन्हें ये गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड मिला उसी से ठीक 36 साल पहले 10 जनवरी 1987 को ही उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा,

''मैं यही बताना चाहता था कि ये दोनों ही तारीखें मेरे लिए बहुत मायने रखती हैं. लेकिन मैं नहीं कह पाया और समय खत्म हो गया था.''

एम. एम. कीरवानी ने अपनी विनिंग स्पीच में कहा था,

''इस अवॉर्ड के लिए HFPA यानी हॉलीवुड फॉरेन प्रेस असोसिएशन का शुक्रिया. ये जो लम्हा यहां बीत रहा है इसमें मैं बता नहीं सकता कि मैं कितना खुश हूं. अपनी ये खुशी मैं अपनी वाइफ के साथ बांटना चाहूंगा. वैसे सालों से ये प्रथा चली आ रही है जब लोग अवॉर्ड्स देते हुए कहते हैं कि ये अवॉर्ड मेरी नहीं किसी और की वजह से है. मगर मुझे माफ करिए मैं फिर से यही प्रथा दोहराना चाहूंगा.''

वो आगे कहते हैं,

''ये अवॉर्ड बिलॉन्ग करता है मेरे भाई और फिल्म के डायरेक्टर राजामौली को. जिन्होंने मुझपर विश्वास किया और मुझे सपोर्ट किया. मिस्टर प्रेम रक्षित को, जिन्होंने 'नाटु-नाटु' की कोरियोग्राफी की. उनके बिना ये हो ही नहीं सकता था. Kaala Bhairava को, जिन्होंने इस गाने के लिए बढ़िया अरेंजमेंट्स किए और मिस्टर चंद्रबोस को जिन्होंने गाने के बढ़िया लिरिक्स लिखे. जूनियर एनटीआर और रामचरण को जिन्होंने फुल स्टैमिना के साथ गाने पर डांस किया. थैंक्यू सो मच टू ऑल.''

एम. एम. कीरवानी ने Annamayya नाम की तेलुगु फिल्म, ‘इस रात की सुबह नहीं’, ‘क्रिमिनल’, ‘ज़ख्म’, ‘साया’, ‘जिस्म’ और ‘सुर’ जैसी हिंदी फिल्मों के लिए म्यूज़िक बनाया. ‘तुम आए तो आया मुझे याद, गली में आज चांद निकला’, ‘जादू है नशा है’, ‘आ भी जा, आ भी जा’ जैसे बनाए उनके गाने आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं.

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