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नदाव लैपिड ने कल स्टेज पर जो किया, ठीक वैसा ही एक सीन उनकी अपनी फिल्म में है

नदाव लैपिड ने स्टेज पर अपनी ही फिल्म Ahed's Knee का क्लाइमैक्स सीन रीक्रिएट कर डाला है.

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फिल्म 'अहद्स नी' का एक सीन. दूसरी तरफ IFFI के स्टेज पर नदाव लैपिड.

IFFI 2022 में इज़रायली फिल्ममेकर Nadav Lapid ने The Kashmir Files की आलोचना की. लैपिड की आखिरी फिल्म थी Ahed's Knee. 2021 में आई इस फिल्म में ठीक वैसा ही एक सीन है, जो नदाव लैपिड ने इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के दौरान असल जीवन में किया.

'अहद्स नी' यान अहद का घुटना. इस फिल्म का नाम एक असल घटना से प्रेरित है. दिसंबर 2017 में एक फिलिस्तीनी लड़की अहद तमीमी  (Ahed Tamimi) ने इज़रायली सेना के जवान को थप्पड़ मार दिया था. इसका वीडियो खूब वायरल हुआ था. इसके मामले में उस अहद को 8 महीने जेल की सज़ा दी गई. इसी बीच इज़रायल के एक मंत्री ने ट्वीट किया. उनका कहना था कि उन्हें अफसोस है कि अहद तमीमी को सिर्फ गिरफ्तार किया गया है.

''मेरी इच्छा थी कि कम से कम उसके घुटनों में गोली मारी जानी चाहिए थी. इसके बाद वो जीवन भर अपने घर में बंद रहती.''

नदाव लैपिड की फिल्म 'अहद्स नी' एक फिल्ममेकर की कहानी थी, जो अहद तमीमी पर फिल्म बनाना चाहता था. इस फिल्म में Y नाम का ये हॉटशॉट फिल्ममेकर अहद के किरदार के लिए कास्टिंग कर रहा होता है. मगर इसी बीच उसकी एक फिल्म के प्रीमियर के लिए उसे एक रिमोट गांव में बुलाया जाता है. वहां पहुंचने पर उसकी मुलाकात याहालोम (Yahalom) नाम की महिला से होती है. वो Y के बनाए फिल्मों की फैन है. मगर वो इज़रायल की कल्चरल मिनिस्ट्री के लिए काम करती है. उसी ने Y की फिल्म का प्रीमियर ऑर्गनाइज़ करवाया है.

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फिल्ममेकर Y और उसकी फिल्म का प्रीमियर ऑर्गनाइज़ करने वाली याहालोम.

याहालोम फिल्म का प्रीमियर शुरू होने से पहले Y को फॉर्म भरने के लिए देती है. इसमें Y को ये टिक करना होता है कि वो किन मसलों पर बात करेगा. इसमें उन तमाम बातों का ज़िक्र था, जिसके बारे में इज़रायली सरकार चाहती थी कि Y बात करे. मगर इस फॉर्म में कोई ज़रूरी या गंभीर मसला नहीं था, जिसके बारे में Y बात करना चाहता था. ये देखकर वो चिढ़ जाता है. मगर वो याहालोम को कुछ नहीं कह पाता. क्योंकि याहालोम खुद अपनी नौकरी से खुश नहीं है. क्योंकि उसका काम सेंसरशिप का है.

Y को जो लगता है वो याहालोम से कहता है. मगर फिर उसके भीतर बहुत सारी आग रह जाती है. वो अपनी फिल्म का प्रीमियर खत्म होने के बाद स्टेज पर जाता है. और एक के बाद एक तमाम उन मसलों पर बात करना शुरू कर देता है, जिसके बारे में बात करने की मनाही थी. ये फिल्म आज के समय में ही घटती है. फिल्म में आगे हमें ये देखने को मिलता है कि स्टेज से Y जो कुछ भी कहता है, वो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल जाता है. सोशल मीडिया पर पहुंचते ही ये राष्ट्रीय मसला बन जाता है. खबरें बनने लगती हैं. हर ओर इसी बारें में बात होने लगती है. 

ये बहुत मेटा रेफरेंस है. क्योंकि ठीक ऐसी ही चीज़ नदाव लैपिड ने खुद इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में की है. 'द कश्मीर फाइल्स' एक ऐसा टॉपिक है, जिसके बारे में लोग बात करने से बचते रहे. क्योंकि सबके ऊपर दबाव था. फिल्म को देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री तक ने प्रमोट किया था. नदाव लैपिड को IFFI 2022 की ज्यूरी का चेयरमैन बनाया गया था. इस फिल्म फेस्टिवल के क्लोज़िंग सेरेमनी ने उन्होंने 'द कश्मीर फाइल्स' को केंद्रीय मंत्रियों के सामने 'अश्लील और प्रोपगैंडा' फिल्म बता दिया. उनका ये क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. और तब से इंडिया और इज़रायल दोनों देशों में इसी मसले पर बात हो रही है. 

वीडियो देखें: ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर इजराइली फिल्म मेकर नदाव लैपिड के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया