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जब शाहरुख ने कान में चूड़ी पहनी, नाक पर सिंदूर रगड़ा और डायरेक्टर घबरा गए

शाहरुख की उस हिट फिल्म के किस्से, जिसके किरदार को मीडिया ने 'दलाल' कहा था. जिसकी शूटिंग 'मन्नत' के सामने हुई और बाद में शाहरुख ने उसे खरीद लिया.

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शाहरुख ने इसी फिल्म के सेट पर गुलशन ग्रोवर को ऐसी सलाह दी जिसने उनका हॉलीवुड करियर शुरू कर दिया. फोटो - स्क्रीनशॉट

साल था 1997. भारत वैश्वीकरण का स्वागत कर चुका था. उसका असर हमारे पैसा खर्च करने के पैटर्न पर दिख रहा था. हमारे सपनों पर दिख रहा था. सपनों को बनाने और उड़ान देने का काम सिनेमा भी करता आया है. मेनस्ट्रीम हिंदी सिनेमा में एक फिल्ममेकर उसी Liberalisation को परदे पर दिखाना चाहता था. कैसे उसने इंडियन मिडल क्लास की उम्मीदों, सपनों को बदल कर रख दिया. उन्हें दिखाया कि वो बहुत ऊंची उड़ान भर सकते हैं. 

अज़ीज़ मिर्ज़ा की फिल्म ‘राजू बन गया जेंटलमैन’ भी Liberalisation का बैकड्रॉप लेकर रची गई कहानी थी. सपनों के शहर में बाहर से आया लड़का. जो हर संभव तरीके से अपने ऊंचे ख़्वाबों तक पहुंचना चाहता है. शाहरुख खान ने ये किरदार निभाया. उनका काम और फिल्म दोनों खासे पसंद किए गए. अज़ीज़ और शाहरुख इससे पहले ‘सर्कस’ में भी साथ काम कर चुके थे. अब दोनों नई फिल्म लाने जा रहे थे. 18 जुलाई, 1997 की तारीख को ‘यस बॉस’ नाम की फिल्म रिलीज़ हुई. फिल्म में छह गाने थे. जावेद अख्तर ने बोल लिखे और जतिन-ललित ने उसके लिए संगीत बनाया. गानों की बात इसलिए क्योंकि उस समय में फिल्में गानों के नाम पर भी बिकती थीं. फिल्मों की लंबाई आज की तुलना में ज़्यादा होती थी. इसलिए भी फिल्ममेकर्स को ज़्यादा गाने डालने को कहा जाता. कि इस बीच जनता समोसे लेने बाहर आ सके. या वॉशरूम ब्रेक लेकर उठ सके. 

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साल 1997 में शाहरुख की चार बड़ी फिल्में रिलीज़ हुई. फोटो - ट्विटर 

लोग ‘यस बॉस’ का फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने पहुंचे. एक घंटे 16 मिनट की फिल्म गुज़र जाने के बाद एक गाना आना था. कुछ लोग उठकर बाहर निकलने लगे. चलते-चलते देख रहे थे कि परदे पर क्या घट रहा है, सफेद कुर्ता पहने शाहरुख शीशे के सामने बैठे हैं. अपने अंदर की धधक को दबाए हुए. सामने रखे चूड़ियों के स्टैंड से एक चूड़ी उतारते हैं. उसे अपने कान पर सजा लेते हैं. उंगली से एक बिंदी उतारकर अपनी आंख के नीचे चिपका लेते हैं. सिंदूर की डिबिया से सिंदूर निकालकर नाक को रंग लेते हैं. उनके हावभाव जोकर जैसे हो गए हैं. बाहर निकलने के लिए सीट से उठे लोग बाहर नहीं निकल पाए. स्तब्ध रह गए. समझ नहीं पा रहे थे कि उनका हीरो आखिर कर क्या रहा है. 

शाहरुख ने सिर्फ फिल्म देखने आए लोगों को ही हैरान नहीं किया था. फिल्म के डायरेक्टर अज़ीज़ मिर्ज़ा भी उन्हें ऐसा करते देख घबरा गए थे. फिल्म के स्क्रीनप्ले और डायलॉग राइटर संजय छैल ने एक इंटरव्यू में ये किस्सा साझा किया. शाहरुख का ये सीन स्क्रिप्ट में लिखा हुआ नहीं था. उसके बाद ‘चूड़ी बजी है’ गाना आना था. शाहरुख उस गाने से पहले कुछ करना चाहते थे. तो वो खुद कैमरे के सामने चूड़ी कान पर पहनने लगे. सिंदूर लगाने लगे. सेट पर मौजूद लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि ये हो क्या रहा है. अज़ीज़ और संजय भी इसके पक्ष में नहीं थे. लेकिन शाहरुख ऐसा कुछ करना चाहते थे. उन्होंने इस सीन को चमकाने की ज़िम्मेदारी खुद पर ले ली. सबकी राय के विपरीत जाते हुए ये सीन किया. 

फिल्म के एकदम मिडल में ये सीन आता है. लेकिन इससे पहले और इसके बाद भी बहुत कुछ घटता है. फिल्म में भी और उसे बनाने वालों के साथ भी. शाहरुख खान और जूही चावला की हिट फिल्म ‘यस बॉस’ के कुछ सुने-अनसुने और कमसुने किस्सों के बारे में आपको बताएंगे. 

# “जो भी चाहूं वो मैं पाऊं, ज़िंदगी में जीत जाऊं”

‘यस बॉस’ का पहला गाना था ‘चांद तारे’. वो गाना जिसकी धुन बनाने में जतिन-ललित को 20 दिन लग गए. वो गाना जो इस जनरेशन तक को महत्वाकांक्षा का आइडिया बेच रहा है. क्रिकेटर श्रेयस अय्यर ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि इस गाने ने उन पर गहरा असर छोड़ा था. खैर, इस गाने में एक घर नज़र आता है. जब शाहरुख चार्ली चैपलिन की तरह एक गाड़ी पर जम्प करते हैं. सामने बोल रहे होते हैं ‘यार तू भी सुन ज़रा’. बैकग्राउंड में जो सफेद मटमैली बिल्डिंग दिख रही होती है, उसका नाम था Villa Vienna. 

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गाने के बैकग्राउंड में दिख रहा घर ‘मन्नत’ बना. फोटो - स्क्रीनशॉट 

Yes Boss ऐसी पहले फिल्म नहीं थी जहां वो घर दिखा हो. 1988 में अनिल कपूर की फिल्म आई ‘तेज़ाब’. उसमें एक गाना था ‘एक दो दिन’. . उसकी शूटिंग भी Villa Vienna के सामने ही हुई. फिर उसके चार साल बाद जैकी श्रॉफ की फिल्म ‘अंगार’ आई. वहां भी उस बिल्डिंग को खूब यूज़ किया गया. कहा जाता है कि जब शाहरुख ‘यस बॉस’ की शूटिंग कर रहे थे, तब उनकी इस घर पर नज़र पड़ी. वो इसे खरीदने का मन बना चुके थे. लेकिन तब इतने पैसे नहीं थे. ये पैसे रेडी हुए फिल्म आने के चार साल बाद. साल 2001 में शाहरुख ने Villa Vienna को खरीद लिया. Housing.com की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने करीब 13 करोड़ रुपए में ये घर खरीदा. साल 2005 में जाकर इसका नाम ‘मन्नत’ पड़ा. शाहरुख अपने एक पुराने इंटरव्यू में कहते हैं कि चाहे वो भविष्य में कितनी भी तंगहाली में आ जाएं, वो कभी भी ‘मन्नत’ नहीं बेचेंगे. 

# किस हॉलीवुड फिल्म से ‘यस बॉस’ की कहानी आई?

नाइंटीज़ वो दौर था, जब प्रोड्यूसर या डायरेक्टर राइटर को अपने ऑफिस बुलाते. उनके हाथ में किसी हॉलीवुड फिल्म की डीवीडी थमा देते. और कहते कि इसे कागज़ पर छाप डालो. दीपक तिजोरी भी अब्बास-मुस्तन के पास किसी हॉलीवुड फिल्म की डीवीडी लेकर गए थे और ऐसे बनी थी ‘बाज़ीगर’. खैर ‘यस बॉस’ का भी हॉलीवुड कनेक्शन निकलता है. कई जगह पढ़ने को मिलता है कि ये For Love or Money नाम की हॉलीवुड फिल्म से प्रेरित है. लेकिन ऐसा नहीं है. 

फिल्म के डायरेक्टर अज़ीज़ मिर्ज़ा ने रेडिफ को दिए इंटरव्यू में बताया कि उन्हें कई साल पहले फिल्म का आइडिया आया था. वो बिली वाइल्डर की क्लासिक फिल्म The Apartment देखने गए थे. फिल्म उन्हें बहुत अच्छी लगी. खासतौर पर जैक लेमन का किरदार. उसी से उन्हें शाहरुख के कैरेक्टर राहुल की इंस्पिरेशन मिली थी. हालांकि अज़ीज़ का कहना है उन्होंने एक भी सीन हॉलीवुड फिल्म से नहीं उठाया है. 

# “शाहरुख की वजह से मेरा हॉलीवुड करियर बना”

‘यस बॉस’ में शाहरुख, जूही चावला और आदित्य पंचोली ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं. उनके अलावा फिल्म में कश्मीरा शाह और गुलशन ग्रोवर भी थे. दोनों भाई-बहन के किरदार में. एक दिन गुलशन शाहरुख के साथ शूट कर रहे थे. एक किस्म की कश्मकश से जूझ रहे थे. उन्हें हॉलीवुड फिल्म The Second Jungle Book: Mowgli & Baloo ऑफर हुई थी. मेकर्स चाहते थे कि गुलशन उनकी फिल्म के बैड मैन बनें. उनके पास आखिरी मौका था अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म साइन करने का. 

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The Second Jungle Book के एक स्टिल में गुलशन ग्रोवर. फोटो - IMDB 

उन्होंने शाहरुख को ये सारी कहानी बताई. शाहरुख का कहना था कि दिक्कत क्या है. जाओ और फिल्म शूट करो. गुलशन को डर था कि ‘यस बॉस’ की चलती हुई शूटिंग से जाएंगे, तो अज़ीज़ मिर्ज़ा बिगड़ेंगे. प्रोड्यूसर पैसे काट लेगा. उन पर केस ठोक देंगे. शाहरुख का साफ कहना था, 

तू जा, अगर तेरेको किसी का फोन आया भी, तो तू मुझे आकर पकड़ लेना. यहां मैं सब कुछ संभाल लूंगा. तू हॉलीवुड फिल्म कर और हम सबका नाम ऊंचा कर.

गुलशन ग्रोवर ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा कि उनके हॉलीवुड करियर का पूरा श्रेय शाहरुख खान को जाता है. अगर वो उस रात गुलशन को फ्लाइट लेने को नहीं कहते, तो आज कहानी कुछ और होती. 

# “हम में से कौन दलाल नहीं है?”

साल 1997 शाहरुख खान का साल था. उनकी चार फिल्में रिलीज़ हुईं – ‘यस बॉस’, ‘कोयला’, ‘परदेस’ और ‘दिल तो पागल है’. सभी को ऑडियंस की तरफ से पॉज़िटिव रिस्पॉन्स मिला. फिर भी एक बात शाहरुख को भीतर-ही-भीतर चुभ रही थी. उनके किरदार को मीडिया ने Glorified Pimp कहा था. यानी ऐसा दलाल, जिसका महिमामंडन किया गया हो. ये बात ‘यस बॉस’ में उनके कैरेक्टर राहुल के लिए कही गई. राहुल अपने बॉस की जी हुज़ूरी करता है. उसे लालच है अपनी ऐड एजेंसी का. उसके चलते वो बॉस की हर गलती पर पर्दा डालता है. चाहे वो उसका अफेयर छुपाना हो, या दूसरी लड़की को धोखा देना. 

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‘द अपार्टमेंट’ फिल्म से अज़ीज़ मिर्ज़ा को आइडिया आया था.  

शाहरुख के एक पुराने इंटरव्यू में इस बात का ज़िक्र किया गया. कि उन्हें उनके कैरेक्टर को दलाल कहने पर कैसा लगता है? इस पर शाहरुख ने लंबा-चौड़ा जवाब दिया. जो उनकी नाराज़गी को दर्शाता है. उन्होंने कहा,

अगर मैं एक लड़की को छत से धक्का दे सकता हूं, तो दलाल का किरदार क्यों नहीं निभा सकता? हम में से कौन दलाल नहीं है? अगर आप मदर टेरेसा नहीं हो, तो आप अपने लिए ही जी रहे हो. मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगता कि एक 25 साल का लड़का दुनिया जीतने का ख्वाब रखता है. हम सभी अमीर बनना चाहते हैं. राहुल भी यही चाहता है. वो अमीर बनना चाहता है. अपनी पसंद की लड़की चाहिए. लेकिन फिर तय करता है कि उसे पैसा चाहिए. मुझे लगता है कि ये एक ईमानदार फैसला था. हम सभी ऐसे फैसले लेते हैं. बस उन्हें कुबूल नहीं करते. मैंने सिर्फ ईमानदारी को ग्लोरिफाई किया है. मैंने कभी ऐसा किरदार नहीं निभाया, जो फिल्म की शुरुआत में कॉलेज जाती लड़कियों को छेड़े और एंड तक देश के लिए शहीद हो जाए. 

शाहरुख ने कहा कि राहुल का किरदार अज़ीज़ मिर्ज़ा पर आधारित था. अज़ीज़ और वो नहीं मानते कि वो एक दलाल था. उनका कहना था कि राहुल ने गलत रास्ता भले ही चुना, लेकिन वो बुरा आदमी नहीं था. Yes Boss अपने म्यूज़िक, अज़ीज़ मिर्ज़ा, शाहरुख और जूही चावला की वजह से क्लासिक फिल्म में तब्दील हो गई.

वीडियो: शाहरुख खान के मन्नत को गौरी खान से डिजाइन कराने का ये किस्सा सुना क्यों वायरल हुए?