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जोमाटो ने 'कचरा' को लेकर बेहूदा ऐड बनाया, बड़े डायरेक्टर समेत जनता ने भरपूर लताड़ लगाई

लोग कह रहे हैं कि कोई इतना अमानवीय कैसे हो सकता है?

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लोग 'जोमाटो' के ऐड की कड़ी आलोचना कर रहे हैं. कह रहे हैं कि कोई इतना टोन डेफ कैसे हो सकता है.

Zomato का नया ऐड आया. आप उसे जोमाटो कहें या जोमैटो. मसला वो नहीं. मसला है उनका नया ऐड और उसकी टोन. आमिर खान की फिल्म आई थी ‘लगान’. वहां अंग्रेज़ों के खिलाफ मैच जिताने वाला खिलाड़ी था कचरा. कथित पिछड़ी जाति से आने वाला वो आदमी, जिसके साथ कोई उठना-बैठना नहीं चाहता. उसके साथ खेलने में कोई सहज नहीं. फिर आमिर का किरदार भुवन उसे अपनी टीम में खिलाता है. मैच खत्म. पिक्चर खत्म. फिल्म में कचरा का किरदार निभाया था आदित्य लाखिया ने. अब जोमाटो ने आदित्य के किरदार कचरा को लेकर नया ऐड बनाया है. ऐड आया और उसे लोग कॉल आउट करने लगे. सब उसे अमानवीय बता रहे हैं. 

जोमाटो ने ऐड में दिखाया कि वो कैसे कचरे को रिसाइकल कर रहे हैं. उसका सही इस्तेमाल कर रहे हैं. ताकि पर्यावरण को नुकसान न हो. उन्होंने ऐड में आदित्य को कचरा के रोल में कास्ट किया. उनके किरदार कचरा को लिटरल कचरे की तरह दिखाया. जैसे एक जगह वो टेबल बने हुए हैं. एक जगह तौलिया बने हुए हैं, जिस पर कोई अपनी नाक पोंछ कर जा रहा है. एक जगह लैम्प बने हुए हैं, जिसके नीचे कोई लड़की किताब पढ़ रही है. किसी जगह गमला बने हुए हैं, तो किसी जगह कागज़. जोमाटो दिखाना चाहता था कि कैसे कचरे को रिसाइकल कर अलग-अलग चीज़ों में इस्तेमाल किया जा सकता है. बस वो ये भूल गए कि ‘लगान’ में कचरा एक दलित आदमी था. उसे लिटरली कचरे की तरह दिखाने का क्या पॉइंट था? यही बात लोग भी कॉल आउट करने लगे. 

एक यूज़र ने कमेंट किया,

तो आप पहले से एक अमानवीय किरदार को लेकर उसे बिन आवाज़ की वस्तु के रोल में कास्ट करते हैं? क्या ये दिखाने का कोई संवेदनशील और स्मार्ट तरीका नहीं था? ये सब शर्मिंदगी भरा है. 

दूसरे यूज़र ने लिखा,

बेहूदा ऐड. कचरा ने ऐसे शोषित तबके को दिखाया, जिसे नॉर्मलाइज़ करने की ज़रूरत है. ये ऐड उन लोगों को नीचा दिखाता है. बहुत ही असंवेदनशील. 

एक और यूज़र ने लिखा,

ये बेहूदा जातिवाद है. ये ऐड देखकर यकीन नहीं होता कि ऐडवरटाइज़िंग टीम बैठी होगी और उन्होंने सोचा होगा कि ये कितना फनी आइडिया है! इंडिया में रहने वाला हर एक इंसान कचरे का मतलब समझता है, ‘लगान’ के किरदार कचरा का मतलब समझता है और ऐसे अमानवीय चित्रण का मतलब समझता है. ये जातिवाद को बढ़ावा देने वाला एजेंडा है. 

जोमाटो के इस ऐड की आलोचना सिर्फ जनता ही नहीं कर रही थी. ट्विटर पर भी क्लास लगाई जा रही थी. ‘मसान’ बनाने वाले नीरज घेवान ने भी जोमाटो के ऐड पर आपत्ति जताई. उन्होंने लिखा,

‘लगान’ का कचरा सिनेमा में दिखाए जाने वाले दलित किरदारों में से सबसे अमानवीय था. जोमाटो ने उसी किरदार का इस्तेमाल कर बेहूदा जातिवादी ऐड बनाया है. एक इंसानी स्टूल? क्या आप सीरियस हैं? बेहद असंवेदनशील. 

इतने हंगामे के बाद Zomato के अपना स्टेटमेंट जारी किया. अपने हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ऐड को डिलीट कर दिया. ट्वीट किया,

विश्व पर्यावरण दिवस पर हमारा मकसद प्लास्टिक कचरे के प्रति जागरूकता जगाने का था. अनजाने में शायद हमने किसी समुदाय की भावनाएं आहत कर दी हैं. हम वीडियो हटा रहे हैं.

इसके बाद जोमाटो ने ऐड सब जगह से हटा लिया है. 

वीडियो: खर्चा पानी: जोमैटो ने रेस्तरां मालिकों से क्या मांग रख दी?