दावा
देश की लाइफलाइन कही जाने वाली भारतीय रेलवे से हर रोज लाखों लोग सफर करते हैं. सफर करने वालों में बच्चे-बूढ़े, महिलाएं सभी शामिल हैं और अब बच्चों को लेकर सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हो रहा है. दावा है कि अब रेलवे में एक साल के बच्चे का भी फुल टिकट लगेगा.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीटकर लिखा, (आर्काइव)
1 साल के बच्चों पर फ़ुल रेल टिकट लगानेवाली भाजपा सरकार का शुक्र मनाइए कि उसने ये नहीं कहा कि गर्भवती महिला से रेल में अतिरिक्त टिकट वसूला जाएगा. रेल अब ग़रीबों की नहीं रही. अब जनता भाजपा की फ़ुल टिकट काटेगी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्टलिख 1-5 साल के बच्चों के लिए फुल टिकट वाले किराये का दावा किया है.
दैनिक जागरण की वेबसाइट ने इस दावे को प्रमुखता से अपनी रिपोर्ट में जगह दी और अब दैनिक जागरण की खबर का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल है.
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने वायरल स्क्रीनशॉट ट्वीटकर लिखा, (आर्काइव)
दैनिक जागरण के अलावा zee newsने भी अपनी अंग्रेजी वेबसाइट पर इसी दावे के साथ रिपोर्टपब्लिश की थी. हालांकि रिपोर्ट पब्लिश होने के कुछ देर बाद दैनिक जागरणऔर zee newsदोनों ने अपनी रिपोर्ट की हेडिंग बदल दी.
पड़ताल
'दी लल्लनटॉप' ने जब वायरल दावे की पड़ताल की तो दावा भ्रामक निकला. 5 साल से कम उम्र वाले बच्चे अभी भी रेल में बिना किसी किराये के यात्रा कर सकते हैं.
वायरल दावे से जुड़ी जानकारी सर्च करने के दौरान हमें PIB Fact Check का एक ट्वीट मिला. 17 अगस्त, 2022 को ट्वीट करते हुए PIB Fact Check ने ज़ी न्यूज़ की खबर को भ्रामक बताया और 5 साल से छोटे बच्चों के लिए किराया देने वाली बात को वैकल्पिक बताया.
आगे पीआईबी ने अपनी वेबसाइट पर इस दावे को लेकर प्रेस रिलीजभी जारी की है. प्रेस रिलीज के मुताबिक,
ट्रेन में यात्रा करने वाले बच्चों के लिए टिकट बुकिंग संबंधी नियम में कोई बदलाव नहीं हैं.
यात्रियों के लिए टिकट खरीदना और 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बर्थ बुक करना वैकल्पिक है.
5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मुफ्त यात्रा की अनुमति है, अगर कोई बर्थ बुक नहीं है.
इस प्रेस रिलीज में रेलवे के 6 मार्च, 2020 के एक सर्कुलर का जिक्र है. कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमें ये सर्कुलररेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर मिला. सर्कुलर में बच्चों के ट्रेन में यात्रा करने और उनके किराया संबंधी कुछ निर्देशों का जिक्र है. सर्कुलर की माने तो,
- पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टिकट खरीदने की बाध्यता नहीं है.
- यदि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए स्वैच्छिक आधार पर सीट मांगी जाएगी तो 1) पूरा किराया लिया जायेगा; 2) अगर बच्चा दिव्यांग है तो रेलवे के नियमों के मुताबिक किराए में छूट दी जाएगी.
बच्चों के लिए रेलवे का ये नियम आरक्षित और अनारक्षित दोनों तरह की श्रेणियों में लागू होता है.
नतीजा
हमारी पड़ताल में 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों के लिए रेलवे में फुल टिकट को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक साबित हुआ. यह एक वैकल्पिक सुविधा है. अगर आपको अपने बच्चे के लिए सीट चाहिए, तो पूरा किराया दीजिए और अगर आप किराया नहीं देना चाहते हैं तो बिना किराए के भी आपका बच्चा आपके साथ सफर कर सकता है.
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