Lt Commander Disha Amrith. (Photo Credit: @DefenceDirect)
'पुरुष या महिला अधिकारी नहीं, सिर्फ एक अधिकारी. मुझे बहुत खुशी होती है अगर लोग मुझे महिला अधिकारी की बजाय सिर्फ अधिकारी कहते हैं. क्योंकि मैं अपने साथी पुरुष अधिकारियों के बराबर हूं और मैंने उन्हें यह साबित कर दिया है.'
ये शब्द हैं लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत के. वो महिला अफसर जिन्होंने इस साल गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय नेवी का नेतृत्व किया. इस टुकड़ी में 144 नौसैनिक शामिल हुए. मार्च करने वाली टुकड़ी में पहली बार 3 महिला और 5 पुरुष अग्निवीर भी शामिल हुए.
इस बार नौसेना की थीम रही ‘नारी शक्ति’. कर्तव्य पथ पर भारतीय नौसेना ने अपनी झांकी में आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखाई.
कौन हैं दिशा अमृत?दिशा अमृत 2016 में नौसेना में शामिल हुई थीं. एक साल के प्रशिक्षण के बाद 2017 में उनकी तैनाती अंडमान और निकोबार में हुई. दिशा डॉर्नियर विमान की एविएटर हैं.
29 वर्ष की दिशा ने कर्नाटक के BMS कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है. दिशा मंगलुरु की रहने वाली हैं. दिशा ने बताया कि वो बचपन से ही सेना में शामिल होना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने NCC ज्वॉइन की.
वो साल 2008 में नेशनल कैडेट कोर (NCC) की गणतंत्र दिवस परेड टीम का हिस्सा थीं. यहीं से उन्होंने तीनों सेनाओं में से किसी एक दल के लिए मार्चिंग करने का सपना देखा था.
दिशा मानती हैं कि ये एक अद्भुत अवसर है, जो नेवी की वजह से ही उन्हें मिल पाया. इसके लिए दिशा अपने माता-पिता और सभी टीचर की शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने दिशा को प्रेरित किया. दिशा के पिता भी सशस्त्र बल का हिस्सा बनना चाहते थे लेकिन नहीं बन सके. उनके इस सपने को दिशा ने पूरा कर दिखाया.
दिशा से जब सेना में महिलाओं के सामने आने वाली मुसीबतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि महिला अफसर फिजिकली और इमोशनली ज्यादा मज़बूत हो गई हैं और अब ज्यादा सेल्फ मोटिवेटेड महसूस करती हैं.
नेवी चीफ एडमिरल आर हरी कुमार ने कहा था कि नौसेना 2023 से महिलाओं के लिए अपनी सभी ब्रांच खोलने का विचार कर रही है. इसके अलावा 30 महिला अधिकारी फ्रंट-लाइन युद्धपोतों पर तैनात हैं.
वीडियो: 26 जनवरी परेड में कैसे चुना जाता है चीफ गेस्ट, जिसे दी जाती है 21 तोपों की सलामी