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नए कोरोना वैरिएंट AY.4.2 की वजह से तीसरी लहर आने वाली है?

ब्रिटेन में कोरोना केस बढ़ाने वाला ये वैरिएंट भारत में मौजूद है.

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क्या कोरोना के इस नए वेरिएंट से भारत को चिंता करनी चाहिए? (फोटो-पीटीआई)
क्या कोरोना वायरस (Corona Virus ) की तीसरी लहर आने वाली है? ये ऐसा सवाल है जो भारत में हर शख्स कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता देखने के बाद पूछता रहा है. देश में दिन-ब-दिन गिरते केस और बढ़ते वैक्सीनेशन से कोरोना के केसेज में कमी जरूर आई है, लेकिन अब एक नए वैरिएंट का खतरा मंडराने लगा है. इस वैरिएंट का नाम है AY.4.2. दुनिया के कई देशों में इसकी वजह से केसेज बढ़ रहे हैं. कई जगह फिर से लॉकडाइन लगाना पड़ा है. बात करेंगे कि ये वैरिएंट कितना खतरनाक है, देश और विदेश में इसे लेकर क्या हालात हैं. क्या है वैरिएंट AY.4.2? जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि कोरोना वायरस लगातार अपना रूप बदल रहा है. विज्ञान के शब्दों में इसे म्यूटेशन कहते हैं. और म्यूटेशन के बाद किसी जीवाणु (या विषाणु) का जो बदला हुआ रूप आएगा, उसे कहेंगे स्ट्रेन.
नए कोरोना वायरस ने जितनी बार रूप बदला है, उतने नए रूप दुनिया के अलग-अलग देशों में फैल गए हैं. हालांकि, ये भी ज़रूरी नहीं है कि रूप बदलने के बाद हर बार कोरोना वायरस पहले से ज्यादा खतरनाक हो जाए. कई बार वायरस का नया स्ट्रेन बनता है और अपने आप खत्म भी हो जाता है. लेकिन कुछ स्ट्रेन रह जाते हैं और लोगों में तेज़ी से फैलते हैं.
AY.4.2 वैरिएंट असल में डेल्टा वैरिएंट से निकला है. वही डेल्टा वैरिएंट जिसने भारत में तबाही मचाई थी. ये स्पाइक प्रोटीन को प्रभावित करने वाला नया म्यूटेशन है. आपको लगेगा कि ये स्पाइक में ही बदलाव क्यों होता रहता है. असल में इन स्पाइक्स के जरिए ही कोरोना वायरस शरीर में अपनी मजबूत पैठ बनाता है. एंटीबॉडी इसी स्पाइक प्रोटीन पर हमला करके उसे कमजोर करते हैं.
एंटीबॉडी और वायरस के बीच ये चोर-पुलिस का खेल चलता रहता है. वायरस इस कोशिश में रहता है कि कैसे भी रूप बदल कर एंटीबॉडी को छकाया जाए. इसके लिए वो तरह-तरह के बदलाव करता रहता है. इसे ऐसे समझें कि डेल्टा वैरिएंट ही अब तक 45 तरह के बदलाव कर चुका है. मतलब उसके 45 वंशज बन चुके हैं. इसमें से ही एक AY.4.2 वैरिएंट है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इसे पहली बार जुलाई 2021 में पहचाना गया था, तब से ये धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
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कोरोना वायरस ने फिर एक बार रूप बदला है. नया वैरिएंट खतरा बरपा चुके डेल्टा वैरिएंट के वंश का ही सदस्य है. फोटो - पीटीआई
क्या ये पहले से ज्यादा खतरनाक है? फिलहाल ऐसी कोई जानकारी नहीं है. अभी तक इस बात का कोई संकेत नहीं है कि स्पाइक प्रोटीन में बदलाव से AY.4.2 का ट्रांसमिशन ज्यादा हो रहा हो. हालांकि अभी इसका अध्ययन किया जा रहा है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि AY.4.2 मूल डेल्टा वैरिएंट की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक ट्रांसमिसिबल हो सकता है. ऐसी ही बात WHO भी कह रहा है. लेकिन फाइनल निष्कर्ष आना अभी बाकी है.
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, 9 अक्टूबर को खत्म हुए पखवाड़े तक इंग्लैंड में कोरोना वायरस के जितने मामले दर्ज किए गए, उनमें से 10 प्रतिशत AY.4.2 से जुड़े थे. अब ये मामले 15 फीसदी तक बढ़ गए हैं. हालांकि, अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि AY.4.2 दूसरे वैरिएंट की तुलना में अधिक जानलेवा है. मतलब इसके मरीज बाकी वैरिएंट्स के मरीजों से ज्यादा तेजी से मर रहे हैं.
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रोफेसर फ्रेंकोइस बलौक्स ने बीबीसी से कहा है,
"ये संभावित रूप से थोड़ा अधिक संक्रामक हो सकता है. हालांकि अभी इसकी जांच चल रही है."
इस वैरिएंट को लेकर आजतक ने सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के पूर्व डायरेक्टर राकेश मिश्रा से बात की. उन्होंने बताया है कि अभी इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि डेल्टा वैरिएंट की तुलना में AY.4.2 ज्यादा संक्रामक है. इसके भी सबूत नहीं हैं कि AY.4.2 के कारण ब्रेकथ्रू इन्फेक्श या री-इन्फेक्शन या संक्रमण बढ़ सकता है. राकेश मिश्रा ने कहा कि AY.4.2 कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट का ही सब-लीनिएज है, लिहाजा अभी सबको कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करना होगा.
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भारत में कुल 6 राज्यों से नए वैरिएंट के मरीजों की पुष्टि हो गई है. त्योहार के माहौल में इसे खतरे की घंटी कहा जा रहा है. (फोटो-पीटीआई)
दुनिया में कहां-कहां परेशान कर रहा है AY.4.2 इस वैरिएंट की सबसे ज्यादा मार ब्रिटेन पर पड़ी है. वहां के वैज्ञानिकों ने इसे 'वैरिएंट अंडर इन्वेस्टिगेशन' के रूप में क्लासिफाई किया है. यूके के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, AY.4.2 की ग्रोथ रेट डेल्टा की तुलना में 17 प्रतिशत ज्यादा है. यूके में 23 अक्टूबर को 50 हजार से ज्यादा कोविड मामले दर्ज किए गए, जो कि 17 जुलाई के बाद सबसे ज्यादा हैं.
ब्रिटेन के अलावा रूस और इजरायल में कोरोना के केसेज़ तेजी से बढ़ रहे हैं. ये बढ़ोतरी इस स्ट्रेन के चलते ही मानी जा रही है. जर्मनी में भी संक्रमण ने पिछले 5 महीनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. वहां प्रति एक लाख लोगों पर कोरोना के 100 नए मामले दर्ज किए गए हैं जो मई के बाद से सर्वाधिक है. कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में बेल्जियम और आयरलैंड भी शामिल हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक नए वैरिएंट की वजह से बेल्जियम में प्रति 10 हजार लोगों में कोरोना के 325 संक्रमित मिले हैं, जबकि आयरलैंड में ये आंकड़ा 432 के आसपास है. बेल्जियम के स्वास्थ्य मंत्री फ्रैंक वांडरब्रुक ने भी माना है कि उनका देश कोरोना की चौथी लहर का सामना कर रहा है.
नए कोरोना वैरिएंट के चलते दुनिया के इन देशों में लॉकडाउन वापस आ गया है-
# यूक्रेन की राजधानी कीव में लॉकडाउन लगा दिया गया है. # चीन के दो शहरों लैनझाऊ और ईजिन में लॉक डाउन फिर से लगा दिया गया है. # मास्को में लॉकडाउन शुरू हो गया है, वहां पर गैरजरूरी सर्विसेज को 11 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. # वहीं इजरायल में भी लॉकडाउन लगाया गया है.
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ब्रिटेन में फिर से कोरोना के केसेज़ तेजी से बढ़ रहे हैं जिससे लॉकडाउन का खतरा खड़ा हो गया है.
भारत में क्या हाल हैं? बाकी दुनिया की तरह भारत भी कोरोना के बाद स्थितियों को सामान्य करने की कोशिश कर रहा है. इनके तहत विदेशों से आने-जाने के नियम-कायदों में ढील दी जा रही है. यूके से आने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानें फिर से शुरू हो गई हैं. भारत ने यूके को उन देशों की लिस्ट से भी हटा दिया है जहां से आने वाले यात्रियों के लिए 14 दिन का क्वारंटीन और RT-PCR टेस्ट कराना जरूरी था. अब निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मंजूर किया जा रहा है.
भारत में भी नए वैरिएंट के मामले सामने आने से फिर से सवाल खड़े होने लगे हैं. हालांकि जानकारों का मानना है कि यहां AY.4.2 मौजूद तो है लेकिन काफी कम संख्या में. CSIR इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया,
‘AY.4.2 संशोधित परिभाषा के आधार पर भारत में मौजूद है, लेकिन बहुत कम संख्या में, 0.1 फीसदी से भी कम. आगे के विवरण और भारत में AY.4.2 की सही संख्या जल्द ही उपलब्ध होगी.’
एक ओपन-सोर्स GISAID
पर अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत के छह राज्‍यों तक कोरोना वायरस का नया वैरिएंट AY.4.2 पहुंच चुका है. ये राज्य हैं महाराष्‍ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, जम्‍मू-कश्‍मीर और तेलंगाना शामिल हैं. अब तक देश में इसके कुल 17 मामले दर्ज किए गए हैं. आंध्र प्रदेश में 7, केरल में 4, तेलंगाना और कर्नाटक में 2-2 और महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में 1-1 मामले सामने आए हैं. WHO क्या कह रहा है? WHO के अनुसार दुनिया के 42 देशों में AY.4.2 वैरिएंट के तकरीबन 26 हजार मरीज मिले हैं. उसका मानना है कि इसके फैलने की क्षमता ओरिजिनल डेल्टा वैरिएंट से 15 फीसदी ज्यादा है. हर बार की तरह डब्ल्यूएचओ ने इससे लड़ने के लिए तैयार रहने की बात कही है. WHO की तरफ से मेरी वान केरखोवा ने इस बात को माना कि ब्रिटेन सहित दूसरे देशों में कोरोना वायरस के नए म्यूटेशन पाए गए हैं. इनमें से AY.4.2 पर WHO भी नजर बनाए हुए है.
हालांकि केरखोवा ने इस बात पर खुशी जताई कि फिलहाल इस तरह की कोई जानकारी नहीं है कि इस वैरिएंट पर वैक्सीन बेअसर हो रही है. इसलिए जिन्हें भी वैक्सीन लेने का मौका मिल रहा है वो जरूर वैक्सीन लें.