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कर्ज के जाल में फंसाकर लोगों को आत्महत्या की ओर धकेल रहे चाइनीज लोन ऐप्स

लोन ऐप के कारण ब्लैकमेलिंग के बढ़ते मामलों को देखकर आज केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बैठक भी की है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो: पीटीआई)

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) का एक जिला है ईस्ट गोदावरी (East Godavari). यहां पड़ने वाले राजमुंदरी शहर में 7 सितंबर को एक दंपति ने आत्महत्या कर ली. 35 वर्षीय कोली दुर्गा राव अपनी पत्नी लक्ष्मी के साथ 7 सितंबर को अपने रिश्तेदार के यहां एक फंक्शन में जाते हैं और जब वहां से लौटते हैं तो अपने बच्चों को करीबियों के घर छोड़ देते हैं. इसके बाद दोनों एक लॉज में कमरा किराए पर लेते हैं और उसमें दाखिल होने के बाद कभी बाहर नहीं आते. इन दोनों ने जहर खाकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली थी.

मामले की जब जांच की गई तो पता चला कि दंपति ने ऑनलाइन लोन ऐप से पैसा उधार लिया था. और इसके बाद उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था. पेशे से दर्जी, दुर्गा राव अतिरिक्त कमाई के लिए पार्ट टाइम पेंटिंग का काम करते थे. लेकिन जब जरूरत पूरी नहीं हुई तो दुर्गा राव ने पिछले दिनों दो एप से 30 हजार का लोन लिया. दुर्गा राव ने धीर-धीरे लोन के कुछ पैसे तो चुका दिए थे लेकिन अभी भी लोन का कुछ हिस्सा बाकी था. स्थानीय पुलिस के मुताबिक, दुर्गा राव को पिछले दिनों से कुछ धमकी भरे फोन कॉल्स आ रहे थे. फोन करने वाले का कहना था कि अगर लोन की बकाया राशि नहीं चुकाई तो उसकी पत्नी के अश्लील वीडियो इंटरनेट पर फैला दिए जाएंगे. ये कहानी सिर्फ दुर्गा राव की नहीं है. देश के हजारों ऐसे परिवार हैं जिन्हें इन चाइनीज लोन एप्स से उधार लेने के बाद प्रताड़ित किया जा रहा है. इनमें से कुछ लोग प्रताड़ना की उस स्टेज पर पहुंच जाते हैं जहां उन्हें जीने से ज्यादा मरने का रास्ता आसान लगने लगता है.

22 अगस्त को इंदौर के अमित यादव ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, 'जीने की इच्छा मेरी भी है, पर मेरे हालात ऐसे नहीं है. आदमी मैं बुरा नहीं हूं. इसमें किसी की कोई गलती नहीं है. मेरी ही है. मैंने कई ऑनलाइन ऐप से लोन ले रखा है. पर लोन नहीं भर पा रहा हूं. इज्जत के डर से यह कदम उठा रहा हूं..' अमित ने पहले अपनी पत्नी और दो बच्चों को जहर दिया और फिर आत्महत्या कर ली.

17 अप्रैल को हैदराबाद के जियागुडा में रहने वाली कमलम्मा अपने घर लौटीं तो उम्मीद थी कि दरवाजा खटखटाते ही उनका बेटा राजकुमार गेट खोलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बाद में जब दरवाजा तोड़कर कमलम्मा और पड़ोसी कमरे में पहुंचे तो राजकुमार की लाश पंखे से लटकी मिली. जांच में पता चला कि लोन न चुका पाने के कारण राजकुमार ने आत्महत्या की है.

अकेले हैदराबाद शहर में साल 2020 से लेकर अब तक लोन ऐप के ब्लैकमेल के कारण 9 लोग आत्महत्या कर चुके हैं. लोन उगाही के इस धंधे के बहाने हो रही ब्लैकमेलिंग के खिलाफ काम कर रहे एनजीओ Save Them India foundation के आंकड़ों की मानें तो देश भर में लोन ऐप ब्लैकमेलिंग के चलते 52 लोग आत्महत्या कर चुके हैं.

अमूमन आप जब किसी बैंक से लोन लेने जाते हैं तो बैंक आपके बैकग्राउंड के बारे में एक-एक चीज वेरिफाइ करता है जबकि ऐप लोने में ऐसा नहीं है. मोबाइल फोन इस्तेमाल करते समय हमें अलग-अलग ऐप के सजेसन्श मिलते हैं. इन्स्टॉल होते ही ये ऐप यूजर से उसके फोन बुक, गैलरी, मैसेज, कैमरा वगैरह की परमिशन मांगते हैं. ज्यादातर बार यह परमिशन दिए बिना ऐप इन्स्टॉल नहीं होता है. इन्स्टॉलेशन के बाद यूजर से केवाइसी के बहाने आधार और पैन कार्ड ले लिए जाते हैं.  इसके बाद शुरू होती है लोन की प्रक्रिया.

यूजर को लोन दिया जाता है और इन लोन को चुकाने के लिए सात दिन की मोहलत दी जाती है. लेकिन पांचवे दिन ही लोन लेने वाले व्यक्ति के पास ऐप की तरफ से फोन आने लगते हैं. ब्याज, जीएसटी और दूसरे चार्ज जोड़कर यह रकम लगभग दोगुनी हो जाती है. पैसे न देने की सूरत में सबसे पहले यूजर की मॉर्फ्ड तस्वीरें उसके पास भेजी जाती हैं. इसके बाद ये मॉर्फ्ड तस्वीरें यूजर के करीबियों को भेजी जाती हैं. और अगर इससे भी बात नहीं बनी तो यूजर के पास कॉल आते हैं जिसमें गाली गलौज से लेकर आपत्तिजनक तस्वीरें वायरल करने की धमकी दी जाती है.

यहां पर आप सोच रहे होंगे कि अगर आपने ये रकम चुका दी तो आप बच जाएंगे तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. कई मामलों में पैसे चुकाने के बाद भी यूजर को ब्लैकमेल किया गया है. ब्लैकमेल को दो तरीके हो सकते हैं. पहला, यूजर को बिना बताए उसके अकाउंट में कर्ज के रूप में फिर से कुछ पैसे डाल दिए जाते हैं ताकि ब्लैकमेलिंग का धंधा फिर से शुरू किया जाए. दूसरा, आपने जो पैसे चुकाए उसे एप पर अपडेट ही न किया जाए. जिससे भुगतान में देरी के नाम पर आपके ऊपर पैनल्टी लगाई जाए और ब्लैकमेलिंग का खेल जारी रहे.

भारत में लोन का ये खेल भले ही नया हो लेकिन भारत के पड़ोसी देश चीन में ब्लैकमेलिंग के इस धंधे को लगभग एक दशक पूरा हो चुका है. चीन में 2012 के आस-पास इस तरह के इंस्टैंट लोन ऐप अस्तित्व में आए और 2016 आते-आते ये इंडस्ट्री 100 अरब डॉलर माने तकरीबन 70 लाख करोड़ की बन चुकी थी. इसके बाद चीन की सरकार इन ऐप के खिलाफ सक्रिय हुई और इस कारोबार को रोकने के लिए एक खास टीम बनाई. चीनी सरकार ने ऐप लोन वाली कंपनियों को अपने बाकी मामले निपटाने के लिए दो साल का समय दिया और इस तरह 2018 खत्म होते-होते इंस्टेंट लोन ऐप का खेल लगभग बंद हो गया था. ठीक इसी समय चीन से चलकर इस धंधे ने भारत में दस्तक थी. 

मौका था इंडोनेशिया फिनटेक समिट ऐंड एक्सपो 2019 का और इस समिट में चाइनीज सॉफ्टवेयर डेवलपर्स ने इंडियन इंवेस्टर्स को इंस्टेंट लोन ऐप का डेमो दिया. मौके पर मौजूद कुछ इंवेस्टर्स को आइडिया पसंद आया और भारत के रूप में लोन ऐप को एक नया ठिकाना मिल गया. कई मौकों पर पुलिस जांच में ये पता चला है कि लॉन ऐप के इस फ्रॉड में एक प्वाइंट पर किसी न किसी चीनी नागरिक का कनेक्शन सामने आ ही जाता है. हाल ही में एक नया ट्रेंड भी देखने को मिला है, पुलिस कार्रवाई उगाही के लिए चल रहे लोन ऐप के कॉल सेंटर नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी शिफ्ट हो रहे हैं.

'सेव देम इंडिया फाउंडेशन' के मुताबिक देश के अलग-अलग राज्यों में लोन ऐप के फ्रॉड को लेकर 40 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं. इनमें से
> तमिलनाडु में 7 हजार 526,
> महाराष्ट्र में 6 हजार 93,
> दिल्ली में 3 हजार 988,
> केरल में 4 हजार 925
> और कर्नाटक में 4 हजार 312 शिकायतें दर्ज की गई हैं.

लोन ऐप के कारण ब्लैकमेलिंग के बढ़ते मामलों को देखकर आज केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बैठक भी की है. बैठक में वित्त सचिव, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर और कार्यकारी निदेशक समेत वित्त मंत्रालय के दूसरे अधिकारी भी मौजूद रहे.

अब आप पूछेंगे कि इस गत से बचने के लिए क्या करें? सबसे पहले तो डायरेक्ट लिंक से डाउनलोड होने वाली कोई भी एप इन्स्टॉल न करें. किसी भी अनाधिकृत ऐप को गैलरी, कॉन्टैक्ट, कैमरा वगैरह की परमिशन न दें. सादी भाषा में, एप के हर सवाल पर ''यस'' नहीं दबाना है. अगर गलती से भी किसी भी तरह का ऐसा कोई ऐप आपके फोन में पहुंच जाता है तो सबसे पहले तो ऐप को अनइंस्टॉल कर दें और सेटिंग में जाकर परमीशन वाले सेक्शन को रीसेट करें.

किसी भी तरह के फ्रॉड से बचने के लिए सबसे जरूरी है सेल्फ सेन्सरशिप. अगर आप पर्याप्त जागरुक हैं तो इस तरह के स्कैम में फंसने के चांस कम हो जाते हैं फिर भी अगर आप इस तरह के लोन ऐप के जाल में फंस जाते हैं तो नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल की हेल्पलाइन 1-9-3-0 पर संपर्क करें और अपनी परेशानी बताएं. लेकिन ध्यान रखें कभी भी अपने जीवन को खत्म करने का फैसला न लें. जीवन बहुमूल्य है इसे जिएं और खूब खुश रहें.

वीडियो: चीनी लोन ऐप कैसे लोगों को कर्ज़ में फंसाकर खुदकुशी की तरफ धकेल रहे हैं