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फ्री बिजली, फ्री इलाज, OPS...पायलट और BJP के साथ पूरा राजस्थान ऐसे साधने की कोशिश में गहलोत

गहलोत जानते हैं कि जनता को साधे बिना ना रणनीति काम आयेगी ना ही राजनीति. और इसीलिए गहलोत उन स्कीमों को लागू कर रहे हैं जिनका असर सीधे लोगों पर पड़े.

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100 यूनिट फ्री बिजली के अलावा 500 रुपये में गैस सिलेंडर दे रही है गहलोत सरकार. (फोटो- PTI)

नेशनल एडवाइज़री कमेटी की मीटिंग चल रही थी. बैठक की अध्यक्षता सोनिया गांधी कर रही थी. बात राजस्थान पर हो रही थी. सोनिया गहलोत की तारीफ करते हुए कहती हैं कि आपने राज्य में अच्छी योजनाएं लागू की हैं. तभी NAC की मेंबर और पूर्व ब्यूरोक्रैट अरूणा रॉय कहती हैं कि गहलोत जी योजनाएं तो अच्छी लागू करते हैं लेकिन सत्ता में पार्टी की वापसी नहीं करा पाते.

ये किस्सा एक वरिष्ठ पत्रकार ऑफ दी रिकॉर्ड सुनाते हैं. 

कट टू 31 मई, 2023. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ट्वीट कर कहते हैं कि- 'आज रात 10.45 पर प्रदेशवासियों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा करूंगा.' तय समय पर गहलोत आते हैं और घोषणा करते है. वो ऐलान करते हैं कि आज से राजस्थान में 100 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी. कुछ चार्जेज़ जो पहले वसूले जा रहे थे, वो भी नहीं लिए जाएंगे. रात में गहलोत ने ये घोषणा की और अगली सुबह अखबारों के पहले पेज पर गहलोत की तस्वीर के साथ फुल पेज इश्तेहार चस्पा था. इन इश्तेहारों से राजस्थान की जनता के साथ-साथ दिल्ली भी एक संदेश पहुंच जाता है.

ये पहला मौका नहीं था जब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार वेलफेयर स्टेट की बात करते हुए लोकलुभावन स्कीम लेकर आ रही हो. गहलोत जानते हैं कि पार्टी के अंदर और बाहर के विरोधियों पर तो काबू पाना ही है, लेकिन जनता ने साथ नहीं दिया तो कुछ महीने बाद नाम के आगे पूर्व मुख्यमंत्री लिखा होगा. और यही वजह है कि बीते कुछ महीनों में अशोक गहलोत एक के बाद एक ऐसी स्कीम लेकर आ रहे हैं जिनका असर लोगों पर सीधे पड़ता हो.

24 अप्रैल से राजस्थान सरकार कैंप लगाकर एक ‘मुख्यमंत्री गैरंटी कार्ड’ बांट रही है. इसके अंतरगत 10 योजनाएं हैं. इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क घरेलू बिजली योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क कृषि बिजली योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, कामधेनू बीमा योजना, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना मुख्यमंत्री गारंटी कार्ड.

फ्री बिजली

कार्ड में दर्ज मुख्यमंत्री निशुल्क घरेलू बिजली योजना को गहलोत अब बड़े स्तर पर लेकर आए हैं. उन्होंने कल अपने बयान में ये कहा भी कि राहत शिविरों के आंकलन के बाद इस योजना का विस्तार किया जा रहा है. 100 यूनिट फ्री बिजली मिलेगी. 200 यूनिट खर्च करने पर 100 यूनिट माफ रहेंगी. बाकी पर चार्च लगेगा. पहले वसूले जाने वाला फ्यूल चार्ज भी नहीं देना पड़ेगा. जाहिर है मीडिल क्लास पर इस योजना का बड़ा असर पड़ेगा. दिल्ली में आम आदमी पार्टी के लिए फ्री बिजली स्कीम काफी लाभकारी बताई जाती है.

सस्ता गैस सिलेंडर

इस योजना को 1 अप्रैल को लागू किया गया. राजस्थान सरकार ने उज्जवला योजना और बीपीएल कार्डधारकों को 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देने का ऐलान किया. हर साल 12 सिलेंडर मिलेंगे. देश भर में रसोई गैर के दाम एक हजार से ज्यादा हैं. लेकिन गहलोत अपनी जनता को आधे से कम दाम पर गैस मुहैया करा रहे हैं. घर की रसोई से जुड़ा मुद्दा है. सिर्फ पुरुष ही नहीं महिला वोटरों पर भी असर पड़ता है.

चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना 

इस योजना के तहत गरीब परिवारों को 25 लाख का बीमा कवर मिलेगा. गहलोत की 10 योजनाओं में से सबसे ज्यादा यही लोकप्रिय हो रही है. इसी के साथ कुछ दिन पहले राजस्थान सरकार राइट टू हेल्थ बिल लेकर आई थी. इस बिल में लोगों को जरूरत के समय किसी भी अस्पताल में नि:शुल्क इलाज कराने का अधिकार मिला. हालांकि डॉक्टरों ने इस बिल का काफी विरोध किया. और सरकार ने कुछ बदलाव भी किए.

OPS 

ओल्ड पेंशन स्कीम अब हर चुनाव में मुद्दा बनता है. हिमाचल प्रदेश चुनाव में भी ये बड़ा मुद्दा बना और यूपी में भी इस पर खूब बात हुई. लेकिन गहलोत ने चुनाव से एक साल से ज्यादा समय रहते अपने राज्य में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर दी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में साढ़े 5 लाख से ज्यादा रिटार्यड लोग रहते हैं. जिनको सीधे-सीधे इस योजना का लाभ मिलेगा.

बताया जाता है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी जब राजस्थान पहुंचे तो उन्होंने गहलोत की लाभकारी योजनाओं के बारे में पूछा. गहलोत ने 10 योजनाएं गिनवाईं. राहुल ने अपनी टीम को काम पर लगाया. उसके बाद जब राहुल ने माइक संभाला तो उन योजनाओं का जिक्र करते हुए गहलोत की तारीफ की, जो जमीन पर ज्यादा लोकप्रिय थी. उनमें चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, OPS और इंग्लिश मीडियम स्कूल शामिल थे.

इंडिया टुडे के वरिष्ठ संवाददाता आनंद चौधरी कहते हैं कि ये बात सही है कि पिछले डेढ़ दो साल से राजस्थान में जमीन पर माहौल बदला है. पहले जितनी एंटी इन्कंबेंसी गहलोत सरकार के लिए दिखती थी उतनी अब नहीं दिखती. हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि गहलोत के पक्ष में पूरा माहौल हो. लेकिन एंटी भी नहीं है.

हालांकि इतने भर से गहलोत का काम नहीं बनेगा. बीजेपी की पूरी मशीनरी राजस्थान में जुटी है ही. साथ ही गहलोत को पार्टी के अंदर मुश्किलें पैदा कर रहे सचिन पायलट को भी साधना है. बीते कुछ दिनों से पायलट भी गहलोत पर हमलावर हैं. पायलट ने तो सीधे-सीधे गहलोत पर बीजेपी की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भ्रष्टाचार के मामले में बचाने का आरोप लगा दिया. अपनी ही सरकार के खिलाफ यात्रा निकाली.

पायलट पर काबू पाने के लिए गहलोत अलग रणनीतियां तो बना ही रहे होंगे. सूत्र बताते हैं कि पायलट जब राहुल गांधी से मिले, उन्हें आश्वासन मिला कि उनको नज़रअंदाज नहीं किया जाएगा. लेकिन पायलट की मीटिंग से पहले ही गहलोत राहुल गांधी से लंबी मुलाकात कर चुके थे.  

गहलोत जानते हैं कि जनता को साधे बिना ना तो रणनीति काम आयेगी ना ही राजनीति. और इसीलिए गहलोत उन स्कीमों को लागू कर रहे हैं जिनका असर सीधे लोगों पर पड़े. साथ ही गहलोत ये भी जानते हैं कि इन स्कीमों को बिना जनता तक पहुंचाएं काम नहीं चलेगा. और इसीलिए वो 24 अप्रैल से हर रोज़ राजस्थान के अलग-अलग जिलों का दौरा कर अपनी स्कीमों का प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं.

हालांकि राजस्थान की राजनीति को समझने वाले ये भी कहते हैं कि इस तरह की लोकलुभावन योजनाएं गहलोत पिछले कार्यकालों में भी लागू कर चुके हैं. लेकिन चुनाव में इसका फायदा मिलता नहीं है. और सत्ता में वापसी नहीं हो पाती. जिसका जिक्र अरुणा रॉय ने NAC की बैठक में किया था.

वीडियो: सचिन पायलट पर सवाल उठा तो अशोक गहलोत ने कांग्रेस आलाकमान से जोड़कर क्या कह दिया?