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CBI कैसे पहुंची मनीष सिसोदिया तक, क्या हैं पर्दे के पीछे के राज?

सिसोदिया की गिरफ़्तारी पर बीजेपी ने क्यों कहा 'अभी तो सिर्फ शुरुआत है'?

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मनीष सिसोदिया (फोटो: इंडिया टुडे)

साल 2012. भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से एक पॉलिटिकल पार्टी का उदय होता है. नाम- आम आदमी पार्टी. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, खेल के नियम बदलने की बात करती थी. कट्टर ईमानदारी के साथ दवाई और पढ़ाई पर जोर देने की बात कहने वाली यही पार्टी पिछले दो दिनों से चर्चा में है शराब घोटाले को लेकर. शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. लेकिन शराब बेचना सरकारी राजस्व के लिए काफी फायदेमंद होता है. सरकारी कमाई का एक बड़ा हिस्सा शराब से आता है. यही वजह है कि राज्य सरकारें समय-समय पर शराब नीति को लेकर बदलाव करती रहती हैं. ऐसा ही एक बदलाव दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने किया. जिस पर पिछले 8 महीनों से भयानक बवाल चल रहा है. इसी मामले में बीते दिन दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को CBI ने गिरफ्तार कर लिया.

सबसे पहले समझते हैं शराब बेचने के नियम कानून क्या हैं?

शराब बेचने के लिए सरकार लाइसेंस जारी करती है. हर राज्य सरकार के अपने-अपने नियम हैं. दिल्ली में भी है. दिल्ली सरकार दो तरह के लाइसेंस जारी करती है. L1 और L10. L1 लाइसेंस उन दुकानों को दिया जाता है जो DDA अप्रूव्ड मार्केट्स, लोकल मार्केट्, डिस्ट्रिक्ट सेंटर और कम्यूनिटी सेंटर में चलती हैं. L10 लाइसेंस, शॉपिंग मॉल के वाइन शॉप के लिए हैं. ये नियम 2003 से चला आ रहा है. पुरानी पॉलिसी के तहत दिल्ली में शराब की कुल 864 दुकानें थीं. इसमें 475 सरकारी दुकानें थीं.

अब हुआ ये कि 2020 में दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति प्रस्ताव रखा. जिसे 17 नवंबर 2021 को लागू किया गया. नई आबकारी नीति में शराब का कारोबार पूरी तरह से प्राइवेट कर दिया गया. यानी दिल्ली सरकार ने शराब के व्यवसाय से खुद को अलग कर लिया. दिल्ली को 32 अलग-अलग जोन में बांट दिया गया. हर जोन में अधिकतम 27 दुकानें खुल सकती थीं. इस तरह दिल्ली में कुल 849 दुकानें खुलीं. शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 कर दी गई. ड्राई डे यानी ठेके बंद होने के दिन कम कर दिए गए. सरकार ने लाइसेंसधारियों के लिए भी नियमों में काफी ढील दी. अब वे सरकार द्वारा तय किए MRP पर बेचने की बजाय छूट दे सकते थे और अपने स्तर कीमतें निर्धारित कर सकते थे. इसके बाद दुकानदारों ने डिस्काउंट ऑफर चलाया. जिससे भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी. इस फैसले के पीछे दिल्ली सरकार ने माफिया राज खत्म करने का तर्क दिया. साथ में ये भी दावा किया कि इससे सरकार के राजस्व में इजाफा होगा. नई आबकारी नीति लागू होने के बाद दिल्ली सरकार ने राजस्व बढ़ने का दावा भी किया.

इसी बीच मई 2022 में दिल्ली कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें मंत्रियों के एक समूह ने कुछ और बदलावों का प्रस्ताव रखा. इसमें शराब की होम डिलीवरी, सुबह 3 बजे तक दुकान खोलने और लाइसेंसधारियों को और छूट देने की अनुमति देने का प्रस्ताव शामिल था. प्रस्ताव लागू होने से पहले दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से होकर गुजरती है. दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव हैं नरेश कुमार. एक महीने पहले ही यानी अप्रैल 2022 में उनकी नियुक्ति हुई थी. नरेश कुमार ने प्रस्ताव पर गौर किया तो उन्हें नई शराब नीति में कई खामियां और अनियमितताएं दिखीं.

8 जुलाई 2022 को नरेश कुमार ने आबकारी विभाग संभाल रहे मनीष सिसोदिया को एक रिपोर्ट भेजी और कुछ सवालों के जवाब मांगे. रिपोर्ट की एक कॉपी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी वीके सक्सेना को भी उसी दिन भेजी गई. इसके अलावा मुख्य सचिव ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW को शराब के कारोबार में कथित अनियमितताओं और गड़बड़ियों के बारे में बताते हुए जांच करने के लिए कहा.

चीफ सेक्रेटरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सिसोदिया ने बिना उप-राज्यपाल की मंजूरी के आबकारी नीति में बदलाव किए. नियम ये है कि अगर किसी नीति में बदलाव किया जाता है जो पहले ही लागू हो चुकी है तो आबकारी विभाग को उन्हें कैबिनेट के सामने रखना होगा. और अंतिम मंजूरी के लिए उप-राज्यपाल के पास भेजना होगा. कैबिनेट और उप-राज्यपाल की मंजूरी के बिना किया गया कोई भी बदलाव अवैध है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सिसोदिया के सीधे आदेश के बाद आबकारी विभाग ने कोविड महामारी के बहाने टेंडर लाइसेंस शुल्क पर लगभग 145 करोड़ रुपए की छूट देने का फैसला किया. इसके लिए उप-राज्यपाल या कैबिनेट की अनुमति नहीं ली गई. चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि सिसोदिया ने विदेशी शराब की दरों में बदलाव करके लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ दिया. रिपोर्ट के अनुसार, इसने विदेशी शराब और बीयर को खुदरा के लिए सस्ता कर दिया, जिससे सरकारी खजाने को राजस्व का नुकसान हुआ. यानी शराब तो खूब बिक रही थी. लेकिन सरकारी खजाने को तगड़ा नुकसान हो रहा था. कैसे?

इंडिया टुडे में जांच एजेंसियों के हवाले से छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर 750 ML की एक बोतल का दाम पुरानी शराब नीति में 530 रुपए  है तो इसमें रिटेल मार्जिन 33 रुपए, 233 .89 रुपए एक्साइज ड्यूटी होती थी. नई नीति में बोतल का दाम बढ़कर बढ़कर 560 रुपए हो गया. एक्साइज ड्यूटी हो गई 1 रुपए 88 पैसे की और रिटेल मार्जिन हो गया 363 रुपए. रिटेल मार्जिन यानी दुकानदार को होने वाला मुनाफा. एक्साइज ड्यूटी या एक्साइज टैक्स, चीजों के प्रोडक्शन और बिक्री पर लगता है. एक्साइज ड्यूटी सरकार की कमाई का एक बड़ा जरिया है. लेकिन नई शराब नीति की वजह से इसे तगड़ा झटका लगा था. यानी शराब खूब बिक रही थी. लेकिन इस पर फायदा सरकार को नहीं हो रहा था बल्कि प्राइवेट रिटेल दुकानदारों को हो रहा था.  

मुख्य सचिव नरेश कुमार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इसमें टॉप पॉलिटिकल लेवल पर वित्तीय लेन-देन के संकेत मिलते हैं. आरोप ये भी लगते हैं कि ये जो पैसों का लेन-देन हुआ उसका इस्तेमाल पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी ने किया. मुख्य सचिव की रिपोर्ट को देखते हुए 22 जुलाई 2022 को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मामले की जांच CBI से कराने की सिफारिश की. 6 दिन बाद 28 जुलाई 2022 को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई नीति को वापस लेने का ऐलान किया. यानी नवंबर 2022 में लागू आबकारी नीति वापस ले ली गई.

>> 17 अगस्त 2022 को CBI ने नई आबकारी नीति 2021-22 में धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी के आरोप में मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आबकारी विभाग के अधिकारियों और कारोबारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.

>> 19 अगस्त को CBI ने मनीष सिसोदिया और 3 अन्य लोगों के घर छापा मारा. दिल्ली-NCR में कई जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया.

>> 22 अगस्त को मामले में ईडी दाख़िल होती है. ED ने CBI से मिली जानकारी के आधार पर आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया. यानी काले पैसे को सफेद बनाने के आरोप लगे.

>> 30 अगस्त 2022 को CBI ने सिसोदिया के बैंक लॉकर्स की तलाशी ली. सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को लॉकर में कुछ नहीं मिला.

>> 6 और 16 सितंबर को ED ने देश भर में 35 जगहों पर छापेमारी की. दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ मुंबई पंजाब, तेलंगाना में छापेमारी हुई.

>> 19 सितंबर को आप विधायक दुर्गेश पाठक से ईडी ने 10 घंटे तक पूछताछ की.

>> 27 सितंबर को CBI ने आम आदमी पार्टी के कम्यूनिकेशन इंचार्ज विजय नायर को गिरफ्तार किया. उन्हें इस मामले में प्रमुख साजिशकर्ता बताया गया.

>> अगले 28 सितंबर को ED ने शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया. महेंद्रू पर आरोप है कि उसने मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगियों को करोड़ों रुपए का भुगतान किया.  17 अक्टूबर को CBI ने मनीष सिसोदिया से 9 घंटे तक पूछताछ की. सिसोदिया ने आरोप लगाया कि उन पर बीजेपी में शामिल होने का दबाव बनाया डाला गया.

>> 25 नवंबर को ED ने पहली चार्जशीट दायर की. जिसमें मनीष सिसोदिया का नाम नहीं था. चार्जशीट में विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था.

>> 30 नवंबर को मनीष सिसोदिया के करीबी अमित अरोड़ा को गिरफ्तार किया गया. अरोड़ा गुरुग्राम के एक बड़े रिटेल के डायरेक्टर हैं. इसी दिन ED ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को नामजद किया. ED ने दावा किया कि कविता ने विजय नायर को करीब 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी.

>> 11 दिसंबर को CBI ने के कविता से हैदराबाद में उनके आवास पर पूछताछ की.

14 जनवरी, 2023 को CBI ने ये कंप्यूटर सिसोदिया के दफ्तर से जब्त किया. कथित तौर पर ज्यादातर फाइल्स डिलीट की जा चुकी थीं, लेकिन जांच एजेंसी ने फॉरेंसिक टीम की मदद से रिकॉर्ड्स रिकवर कर लिए. फॉरेंसिक जांच से पता चला कि फाइल बाहरी नेटवर्क से बनाई गई है और और वॉट्सऐप के जरिए मिली थी. दरअसल  CBI ने पिछले साल 19 अगस्त को आबकारी विभाग से एक डिजिटल डिवाइस जब्त किया था. डिवाइस की जांच हुई, तो एजेंसी को एक्साइज पॉलिसी ड्राफ्ट का एक दस्तावेज एक ऐसे कम्प्यूटर में मिला, जो एक्साइज विभाग नेटवर्क का था ही नहीं. इसके बाद CBI ने आबकारी विभाग के एक अधिकारी से पूछताछ की. एजेंसी को सिसोदिया के दफ्तर के कंप्यूटर का सुराग मिला. इसके बाद CBI ने 1996 बैच के दादर-नागर हवेली सिविल सेवा (DANICS) कैडर के अफसर को तलब किया, जो सिसोदिया के सचिव थे. अफ़सर ने बताया,

"मार्च 2021 के बीच में सिसोदिया ने मुझे CM आवास पर बुलाया, जहां सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे. वहीं उन्होंने सत्येंद्र जैन को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर (GoM) रिपोर्ट की कॉपी दी."

असल में ये नए प्रस्ताव वही थे जो मई 2022 में नई शराब नीति में किए जाने थे. ये बदलाव मंत्रियों के एक समूह यानी ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने प्रस्तावित किए थे. कैबिनेट में ये रिपोर्ट पेश हुई मई 2022 में. और, इसका पहला ड्राफ्ट बन गया था मार्च 2021 में, जिसका जिक्र अफसर ने अपने बयान में किया.

इसी ड्राफ़्ट की कॉपी में '12% लाभ मार्जिन' का भी जिक्र था. बात 12% लाभ मार्जिन क्लॉज तक कैसे पहुंचे, इससे संबंधित किसी भी चर्चा या किसी भी फाइल का कोई रिकॉर्ड नहीं है.

CBI ने फरवरी, 2023 के पहले हफ्ते में CrPC की धारा-164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने उस अफसर का बयान दर्ज किया. ताकि उन्हें सरकारी गवाह बनाया जा सके. 2 फरवरी को ED ने अपनी चार्जशीट में खुलासा किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वीडियो कॉल पर समीर महेंद्रू से बात की थी और उन्हें विजय नायर पर भरोसा करने के लिए कहा था. 19 फरवरी को CBI ने फिर से सिसोदिया को पूछताछ करने के लिए बुलाया. सिसोदिया नहीं गए. एक दिन पहले ट्वीट कर कहा,  

CBI ने कल फिर बुलाया है. मेरे ख़िलाफ़ इन्होंने CBI, ED की पूरी ताक़त लगा रखी है, घर पर रेड, बैंक लॉकर तलाशी, कहीं मेरे ख़िलाफ़ कुछ नहीं मिला. मैंने दिल्ली के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा का इंतज़ाम किया है. ये उसे रोकना चाहते हैं. मैंने जाँच में हमेशा सहयोग किया है और करूंगा.

यानी पूछताछ होने से पहले उन्होंने एक हफ्ते का समय मांग लिया था. सिसोदिया दिल्ली के वित्त मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं इसलिए उन्होंने दिल्ली के बजट का हवाला देकर एक हफ्ते का समय मांगा था. CBI ने सिसोदिया की मांग को स्वीकार कर लिया और पूछताछ के लिए नई तारीख 26 फरवरी दी. और 26 फरवरी को क्या हुआ?

शराब घोटाले में आरोपी सिसोदिया, पूछताछ के लिए CBI के पास जाने से पहले राजघाट पहुंचे. समर्थकों के भारी हुजूम के साथ. महात्मा गांधी की समाधि पर नमन किया. और आप कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. लगभग 11 बजकर 15 मिनट पर मनीष सिसोदिया CBI ऑफिस पहुंचे और इस दौरान आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर थे. आठ घंटे तक चली पूछताछ के बाद CBI ने शाम 7 बजकर 15 मिनट पर मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद CBI ने कहा,

पूछताछ के दौरान मनीष सिसोदिया ने टालमटोल भरे जवाब दिए और जांच में सहयोग नहीं किया इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद मनीष सिसोदिया को दिल्ली में कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा.

मीडिया रिपोर्ट्स में लिखा गया कि CBI ने सिसोदिया पर सबूत मिटाने के आरोप भी लगाए हैं. गिरफ्तारी की ख़बर सामने के आने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भगवंत मान संग मनीष सिसोदिया के घर पहुंचे. यहां उन्होंने सिसोदिया की पत्नी से मुलाकात की और मुलाकात के बाद मीडिया से बात की. बातचीत में केजरीवाल ने कहा कि सिसोदिया ईमानदार हैं इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है.

गिरफ्तारी पर बीजेपी का कहना है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी एक शुरुआत भर है, अभी पूरे मामले के मास्टरमाइंड तक पहुंचना बाकी है.

सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद आज आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे. दिल्ली से लेकर पंजाब, बंगाल और उत्तर प्रदेश समेत पार्टी की अलग-अलग राज्य इकाइयों ने बीजेपी और जांच एजेंसियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. दिल्ली में तो आप का विरोध प्रदर्शन बीजेपी के दफ्तर तक जा पहुंचा. प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया है. आप नेता आतिशी ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को तानाशाही बताया है.

विरोध प्रदर्शन के बीच आज मनीष सिसोदिया को CBI ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया. इस दौरान CBI ने कोर्ट से 5 दिनों की कस्टडी मांगी थी जिसका कोर्ट में सिसोदिया के वकील ने विरोध किया. CBI के वकील ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा,

''पूरा केस प्रॉफिट का है. इसी पर हमारी आगे की जांच होनी है. सिसोदिया एक्साइज मिनिस्टर हैं और वो मंत्रियों के एक ग्रुप को लीड कर रहे थे.'' 

जवाब में सिसोदिया के वकील दयान कृष्णन ने कहा कि उप-राज्यपाल ने मई 2021 में पॉलिसी को हरी झंडी दी थी. प्रॉफिट मार्जिन के बारे में सारी बहस हो रही है, उसकी मंजूरी उप-राज्यपाल ने ही दी थी. सारे बदलाव उनकी सहमति के बाद किए गए थे. CBI कह रही है कि सिसोदिया गोलमोल जवाब दे रहे हैं. उनके पास यह अधिकार है. एक व्यक्ति के संवैधानिक अधिकार होते हैं. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने CBI की 5 दिन की रिमांड वाली बात को मान लिया है और अब मनीष सिसोदिया 4 मार्च तक CBI रिमांड पर रहेंगे.

पढ़ाई और दवाई. 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी इन्हीं दोनों को सुधारने का दावा करते हुए चुनाव में उतरी थी. और इसी के जरिए सत्ता में वापसी भी की. लेकिन आज तीन साल बाद दोनों ही विभागों के मंत्री जेल में हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पहले से ही जेल में हैं. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. अब सिसोदिया को भी CBI ने गिरफ्तार कर लिया है. सिसोदिया को आम आदमी पार्टी में नंबर दो और पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल का सबसे भरोसेमंद माना जाता है. पार्टी कह रही है कि सिसोदिया बच्चों को अच्छी पढ़ाई दे रहे हैं इस वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया. पार्टी सिसोदिया को देश का बेस्ट शिक्षा मंत्री बताते हुए खूब जोर-शोर से प्रदर्शन कर रही है.

फिलहाल सिसोदिया की गिरफ्तारी और शराब घोटाले को लेकर दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है. मामले में आगे जो भी अपडेट होगा. लल्लनटॉप आप तक पहुंचाता रहेगा. 

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: CBI कैसे पहुंची मनीष सिसोदिया तक, क्या हैं पर्दे के पीछे के राज?