CBI की रडार पर कैसे आए मनीष सिसोदिया? 10 पॉइंट में जानिए अंदर की कहानी

08:32 PM Feb 27, 2023 | अभय शर्मा
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CBI ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को कथित शराब नीति घोटाला मामले में अरेस्ट कर लिया है. सोमवार, 27 फरवरी को CBI ने सिसोदिया को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया. जहां से उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया. मनीष सिसोदिया के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश), 477-A (धोखाधड़ी करने का इरादा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत FIR लिखी गई है. 10 पॉइंट में जानते हैं कि बीते डेढ़ महीने में मनीष सिसोदिया किस तरह CBI की रडार पर आ गए?

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1- CBI ने 17 अगस्त, 2022 को नई आबकारी नीति में धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी के आरोप में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों पर मामला दर्ज किया था. 19 अगस्त को उसने सिसोदिया और AAP के तीन अन्य सदस्यों के आवास पर छापा मारा.

2- आजतक से जुड़े मुनीष पांडे के मुताबिक आबकारी विभाग के कुछ अधिकारियों से पूछताछ के दौरान एजेंसी को सिसोदिया के दफ्तर के एक कंप्यूटर का सुराग मिला. 14 जनवरी को सीबीआई ने सिसोदिया के दफ्तर के इस कंप्यूटर को सीज किया. इसमें ज्यादातर फाइलों को डिलीट कर दिया गया था.

3-पुलिस ने फॉरेंसिक टीम की मदद से डिलीट की गई फाइलों को रिट्राइव किया. फॉरेंसिक जांच से पता चला कि ये फाइल एक्सटर्नली ऑरजिनेट की गई थीं और व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त हुई थीं.

4-इसके बाद सीबीआई ने 1996 के एक अधिकारी को समन भेजा. यह अधिकारी सिसोदिया का सेक्रेटरी था.

5-इस अधिकारी ने पूछताछ में बताया कि सिसोदिया ने मार्च 2021 में अरविंद केजरीवाल के आवास पर बुलाया था. यहां सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे. इस दौरान उन्हें जीओएम (Group of Ministers) ड्राफ्ट की कॉपी दी गई.

6-इस ड्राफ्ट कॉपी से '12 परसेंट प्रॉफिट मार्जिन क्लॉस' जोड़ा गया था. लेकिन इसके बारे में कोई रिकॉर्ड या चर्चा शामिल नहीं है कि कैसे '12 परसेंट प्रॉफिट मार्जिन क्लॉस' को जोड़ा गया.

7-सीबीआई को दिए अपने बयान में अधिकारी ने कहा था कि एक्साइज पॉलिसी तैयार करने में सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी और जीओएम के सामने आबकारी नीति रखने से पहले कुछ निर्देश भी दिए गए थे. सीबीआई ने फरवरी के पहले हफ्ते में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने अधिकारी के बयान दर्ज कराए और उसे गवाह बनाया.

8-आजतक के मुताबिक सिसोदिया के कार्यालय से जब्त कंप्यूटर और उनके सचिव के बयान की मदद से सीबीआई को सिसोदिया तक पहुंचने में मदद मिली. सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने जब इन सबको लेकर सिसोदिया से सवाल किए तो वे कोई जवाब नहीं दे सके.

9-सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी ने पूछताछ के दौरान उनके खिलाफ कई सबूत रखे. इसमें कुछ दस्तावेज और डिजिटल एविडेंस थे. इन पर सिसोदिया ने कोई जवाब नहीं दिया. सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को सबूतों को नष्ट करने का भी आरोपी पाया है. इसमें उनकी मिलीभगत सामने आई है.

10-शराब नीति में कुछ ऐसे प्रावधान जोड़े गए थे, जो पहले मसौदे का हिस्सा ही नहीं थे. इस पर सिसोदिया ये नहीं बता सके कि उन प्रावधानों को कैसे शामिल किया. ऐसे में CBI ने फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

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