- पांच राज्यों के 28.4% नवनिर्वाचित विधायकों ने मतदाताओं से जुड़ने के लिए कू ऐप का उठाया फायदा. - पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान बीते दो माह के भीतर बहुभाषी कू पोस्ट (MLK) में जबर्दस्त ढंग से 442 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला, जो मुख्यतः हिंदी और पंजाबी में थे. - योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव, अपर्णा यादव, चरणजीत सिंह चन्नी, भगवंत मान जैसे प्रत्याशी रहे सबसे ज्यादा चर्चा में.
कू ऐप ने पहली बार उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों से संबंधित जानकारियां जारी की हैं. ये आंकड़े उन भारतीयों की भावना को दर्शाते हैं, जिन्हें पहली बार कम्यूनिटीज बनाने और माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर अपनी मातृ भाषा का इस्तेमाल करने का मौका मिला था. चूंकि इस बार वर्चुअल रैलियों और ई-प्रचार के जरिये प्रमुख रूप से डिजिटल चुनाव प्रचार देखने को मिला, जिसके चलते 10 मूल भाषाओं में ऑनलाइन अभिव्यक्ति को सक्षम बनाने वाले कू ऐप से प्रत्याशियों के जुड़ने का सिलसिला तेज होता दिखा. इसके साथ ही प्रत्याशियों ने क्षेत्रों में और स्थानीय भाषाओं में अपने मतदाताओं तक पहुंचने के लिए इसका जमकर फायदा उठाया. आंकड़ों से पता चलता है कि पांच राज्यों के 690 नवनिर्वाचित विधायकों में से लगभग 28.4 प्रतिशत यानी 196 उम्मीदवार चुनावी मौसम के दौरान इस मंच पर मौजूद थे. इन्होंने मतदाताओं के साथ रीयल टाइम में ई-कनेक्ट करने, अपडेट देने, प्रतिक्रिया जानने के लिए कू ऐप की बहुभाषी विशेषताओं का जमकर इस्तेमाल किया. भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में खुद की अभिव्यक्ति का अधिकार देकर सभी को एक साथ जोड़ने के Koo App के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए मंच पर इस दौरान कई फीचर्स पेश किए गए. इनमें चुनाव अपडेट, चैट रूम और लाइव फीचर जैसे विशेष टैब शामिल रहे, जो मतदाताओं के बीच उमीदवारों को अपनी बात ऑनलाइन रखने और सार्वजनिक चर्चा में जुड़ने में मदद करते हैं.
कू पर अकाउंट वाले राज्यवार विजयी उम्मीदवार
राज्य |
कुल विजयी प्रत्याशी (कू खाते वाले) | कुल विधानसभा सीटें |
कुल सीटों का प्रतिशत |
उत्तर प्रदेश |
154 |
403 |
38.2% |
पंजाब |
23 |
117 |
19.7% |
गोवा |
11 |
40 |
27.5% |
उत्तराखंड |
7 |
70 |
10.0% |
मणिपुर |
1 |
60 |
1.7% |
कुल | 196 | 690 |
28.4% |
उत्तर प्रदेश के लिए पार्टीवार विजयी उम्मीदवार
राजनीतिक दल |
विजयी प्रत्याशी (कू खाते वाले) |
कुल प्रत्याशी (कू खाते वाले) |
कुल सीटों का प्रतिशत |
भाजपा |
137 |
155 |
88.4% |
समाजवादी पार्टी |
13 |
31 |
41.9% |
राष्ट्रीय लोकदल |
2 |
5 |
40.0% |
अपना दल |
1 |
2 |
50.0% |
कांग्रेस |
1 |
40 |
2.5% |
कुल |
154 |
233 |
66.1% |
पंजाब के लिए पार्टीवार विजयी उम्मीदवार
राजनीतिक दल |
विजयी प्रत्याशी (कू खाता) |
कुल प्रत्याशी (कू खाता) |
कुल सीटों का प्रतिशत |
आम आदमी पार्टी |
15 |
15 |
100.0% |
कांग्रेस |
6 |
18 |
33.3% |
शिरोमणि अकाली दल |
1 |
6 |
16.7% |
कुल |
22 |
39 |
56.4% |
"कू ने सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को भारतीय भाषाओं की ताकत का इस्तेमाल करने में सक्षम बनाया है और पांच राज्यों के नवनिर्वाचित विधायकों में से एक चौथाई से अधिक ने अपने मतदाताओं तक पहुंचने के लिए हमारे मंच का लाभ उठाया है. MLK फीचर का इस्तेमाल हमारे इस विश्वास को और दोहराता है कि बहुभाषी भारत को एक बहुभाषी मंच की जरूरत है जिस पर खुद को अभिव्यक्त किया जा सके. एक पारदर्शी, निष्पक्ष और तटस्थ ऐप के रूप में कू ने न केवल उम्मीदवारों और मतदाताओं के बीच बातचीत और जुड़ाव को सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि जागरूकता बढ़ाने और मतदाताओं को एक सजग फैसला लेने के लिए संवेदनशील बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा, कू ऐप लोगों के मूड का आइना है, जो फर्जी खातों और बॉट्स द्वारा बिना किसी छेड़छाड़ के सामने आता है. 95 प्रतिशत से अधिक कू यूजर्स ने मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके अपना खाता बनाया है, जिससे प्लेटफॉर्म पर बॉट्स की मौजूदगी सीमित हो गई है. इसलिए, यह डेटा भारतीयों के लिए अपनी मूल भाषा में अपने राय और विचारों को साझा करने के लिए पसंद के मंच के रूप में कू ऐप के उभरने की शुरुआत करता है.”चुनावों के दौरान मुख्य रूप से यूपी और पंजाब से, कू ऐप पर चर्चा ने मतदाताओं की संवेदनशीलता को प्रतिबिंबित किया. जबकि यूपी के मतदाता बड़े पैमाने पर योगी आदित्यनाथ की वर्तमान भाजपा सरकार को फिर से चुनने के लिए बातचीत में लगे हुए थे; चर्चाओं में योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, राहुल गांधी और अपर्णा यादव जैसे प्रमुख नेताओं का भी नाम जमकर सामने आया. इस बीच, पंजाब के कू यूजर्स के बीच सत्ता-विरोधी लहर में काफी तेजी देखने को मिली, जिसमें यूजर्स सरकार में बदलाव के बारे में बातचीत कर रहे थे. पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान, पूर्व सीएम चरण सिंह चन्नी, अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे नेताओं के बारे में राज्य के कू यूजर्स द्वारा व्यापक रूप से चर्चा की गई. कू के बारे में Koo App की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके. भारतीय भाषाओं में अभिव्यक्ति के लिए एक अनोखे मंच के रूप में Koo App भारतीयों को हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में खुद को ऑनलाइन मुखर बनाने में सक्षम बनाता है. भारत में, जहां 10% से अधिक लोग अंग्रेजी में बातचीत नहीं करते हैं, Koo App भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति के लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है. मंच की एक अद्भुत विशेषता अनुवाद की है जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है, जो यूजर्स की पहुंच को बढ़ाता है और प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता तेज़ करता है. प्लेटफॉर्म 2 करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर छू चुका है और राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के मशहूर लोग अपनी मूल भाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का लाभ उठाते हैं.
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