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गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुई नाग मिसाइल, दुश्मन अब सावधान हो जाएं

नाग मिसाइल पर डॉ. अब्दुल कलाम आज़ाद की अगुवाई में काम शुरू हुआ था.

1983 में IGDMP प्रोग्राम की शुरुआत हुई. IGDMP माने The Integrated Guided Missile Development Programme. इस प्रोग्राम के तहत पांच मिसाइल तैयार की जानी थीं, जिसमें नाग मिसाइल भी शामिल थी. मिसाइल मेन के नाम से पहचाने जाने वाले डॉ अब्दुल कलाम आज़ाद की अगुवाई में इसपर काम शुरू हुआ. नाग के अलावा जो मिसाइल इस प्रोजेक्ट का हिस्सा थीं उनके नाम हैं- पृथ्वी, अग्नि, आकाश, और त्रिशूल.

नाग अब पूरी तरह से तैयार है. इसको बनाने का मकसद है दुश्मन के टैंक को नेश्तनाबूद करना. 26 जनवरी को कर्तव्य पथ से भारत की ताकत को दुनिया के सामने रखा गया. इससे पहले नाग मिसाइल को डेवलपमेंट फेज के दौरान डीआरडीओ ने शोकेस किया था, लेकिन ये पहला मौका था जब इस मिसाइल की यूज़र यानी थलसेना इसके साथ दिखी. ये मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी है.