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मणिपुर में जहां गोलियां और बम चल रहे, वहां पहुंच लल्लनटॉप ने क्या देखा?

होटल के बाहर गोली और बम चलने की आवाजें आ रही हैं.

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मणिपुर में पुलिस से हथियार लूटे जा रहे हैं, आगजनी हो रही है, लोग मारे जा रहे हैं (फोटो सोर्स- आज तक)

मणिपुर में इस महीने की शुरुआत से ही हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी (Manipur Violence) की घटनाएं जारी हैं. ये सब तब शुरू हुआ, जब मणिपुर हाईकोर्ट ने मैतेई सुमदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किए जाने को लेकर राज्य सरकार को निर्देश जारी किए थे. नगा और कुकी समुदाय पहले से ST में आते हैं. सो उन्होंने मैतेई समुदाय का ST दर्जा मिलने का विरोध शुरू कर दिया. बीते कुछ दिनों में कई लोग मारे गए हैं. मीडिया और सरकार के दिए आंकड़ों में भी अंतर है.

ग्राउंड ज़ीरो पर स्थितियां कैसी हैं? क्या चल रहा है, इसे समझने के लिए लल्लनटॉप के पत्रकार सिद्धांत मोहन और विजय मणिपुर में हिंसा ग्रस्त इलाके में मौजूद हैं. उन्होंने ताजा हालात पर जो कुछ बताया जान लेते हैं-

अभी मणिपुर में क्या स्थिति है?

सिद्धांत बताते हैं,

“इम्फाल और चुराचांदपुर की बात करें तो इम्फाल कल (28 मई) से पहले काफी संभली स्थिति में था. कर्फ्यू में ढील दी जा रही थी. अमित शाह के दौरे से ठीक पहले इम्फाल फिर जल उठा. कई जगह मैतेई समुदाय के लोग गाड़ियां रोककर जांच कर रहे थे. वो ये जांच कर रहे थे कि कहीं कोई कुकी समुदाय को मदद तो नहीं पहुंचाया जा रहा है. उनसे हमने बात भी की. उनका आरोप है कि कुकी समुदाय के लोगों में कुछ अलगाववादी भी शामिल हैं.”

सिद्धांत जिस होटल में रुके थे. उसके बाहर गोलियां चलने की आवाजें आ रही थीं.

सिद्धांत बताते हैं,

"हम जिस होटल में रुके हैं वहां अधिकतर पत्रकार ठहरे हुए हैं. होटल के बाहर रात भर फायरिंग की आवाज, बम फूटने की आवाज सुनाई दे रही थी. कुछ देर के लिए शांति थी और सुबह से फिर ये शुरू हो गया. इम्फाल में कर्फ्यू लगा दिया गया है. टोटल लॉकडाउन है. इम्फाल शहर पूरी तरह से बंद है. इम्फाल में मुख्यत: मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं. भीड़ पुलिस से हथियार छीनने की कोशिश कर रही है. अभी होटल के बाहर ये घटना सुनाई दी, जहां भीड़ ने पुलिस से हथियार लूटने की कोशिश की. इसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की.

मौतों का सही आंकड़ा क्या है?

नेशनल मीडिया में खबर चल रही है कि दो लोगों की मौत हुई है 12 लोग घायल हुए हैं. इस पर स्थानीय मीडिया का कहना अलग है. सिद्धांत बताते हैं,

"इम्फाल फ्री प्रेस अखबार के पहले पन्ने पर 12 लोगों की मौत की खबर छपी है. इसमें कुकी और मैतेई समुदाय समेत सुरक्षाबल भी शामिल हैं. कम से कम 24 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं."

आख़िरी सवाल, मणिपुर के सीएम ताजा संघर्ष का दौर उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच है, ये कहना कितना सही होगा जैसा कि सीएम दावा कर रहे हैं?

सिद्धांत के मुताबिक,

"सीएम के दावों पर बहुत ज्यादा भरोसा किया नहीं जा सकता. सीएम ने अभी पुलिस को छूट दी है जबकि 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है. सीएम क्या कर रहे थे, ये पूछा जाना चाहिए. दोनों समुदाय के लोग सुरक्षाबलों पर आरोप लगा रहे हैं. मैं कुकी समुदाय के नेता से मिला, उन नेताओं से मिला, जिन्हें अलगाववादी बताया जा रहा है. उनके मुताबिक आर्मी मैतेई समुदाय के साथ है और मैतेई समुदाय कहता है कि आर्मी कुकी समुदाय के साथ है. कोई भी क्लियर लाइन नहीं है."

हमने सिद्धांत से उनके आगे के शेड्यूल के बारे में पूछा कि अब वो मणिपुर में कहां जा रहे हैं? इस पर सिद्धांत कहते हैं कि हमारे पीछे फायरिंग हो रही है. हम ग्राउंड जीरो पर हैं, जहां फायरिंग हो रही है. हम अभी मोइरांग जा रहे हैं, जहां लोगों को बसाया जा रहा है. हम उन लोगों से भी मिलने वाले हैं.

तो मणिपुर में जो चल रहा है उसकी परिणति क्या होगी, अभी कहना मुश्किल है. हां ये कहा जा सकता है कि मणिपुर की सरकार हिंसा रोकने में नाकाम रही है. आगे जो भी अपडेट आएगा, हम आपसे साझा करते रहेंगे.

वीडियो: मणिपुर हिंसा के बीच ग्राउंड जीरो पहुंचा दी लल्लनटॉप, जानिए असल हालात