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अडानी कैसे पैसा कमाते हैं? उनकी कंपनियां क्या-क्या काम करती हैं?

घर के राशन से लेकर सीमेंट, रेलवे और हवाई अड्डे तक, हर जगह गौतम अडानी

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अडानी की कंपनियां लगभग हर तरह का वैध बिजनेस करती हैं | फ़ाइल फोटो: आजतक

'हिंडनबर्ग रिसर्च' की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयर (Adani group share) भरभराकर गिर गए हैं. पिछले तीन दिनों में अडानी ग्रुप को 66 बिलियन डॉलर यानी करीब 5.38 लाख करोड़ रुपये का घाटा झेलना पड़ा है. इसका सीधा असर गौतम अडानी की नेटवर्थ पर पड़ा और एक झटके में ही वे दुनिया के टॉप-10 अमीरों की लिस्ट में चौथे पायदान से खिसककर सातवें नंबर पर पहुंच गए. आइए जानते हैं कि गौतम अडानी (Gautam Adani) जिन कंपनियों से पैसा कमाते हैं, वे क्या-क्या काम करती हैं.

अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड

गौतम अडानी ने 1988 में अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड बनाकर बिजनेस की दुनिया में कदम रखा था. अडानी इंटरप्राइज लिमिटेड धातु, कृषि उत्पाद और कपड़ा जैसे उत्पादों की कमोडिटी और ट्रेडिंग करती है.

अडानी पोर्ट्स

साल 1995 में गौतम अडानी ने पोर्ट के बिजनेस में एंट्री की. इस वक्त भारत के 7 समुद्री राज्यों में 13 बंदरगाहों में अडानी पोर्ट स्थित हैं. अडानी ग्रुप का मुंद्रा पोर्ट आज भारत का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह है. गौतम अडानी के बेटे करण अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं.

अडानी पावर

अडानी पावर की शुरुआत 22 अगस्त 1996 को हुई थी. अडानी पावर लिमिटेड विद्युत ऊर्जा के उत्पादन से सम्बन्धित परियोजनाएं लगाती है. इसका मुख्यालय गुजरात के अहमदाबाद में है. कंपनी ने देश के छह राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और चंडीगढ़ में 12,410 मेगा वॉट कैपेसिटी का थर्मल पावर लगाया है. अडानी पावर देश की सबसे बड़ी प्राइवेट थर्मल पावर प्रोड्यूसर है.

अडानी-विल्मर

अडानी ग्रुप ने जनवरी 1999 में विल एग्री बिजनेस ग्रुप विल्मर के साथ मिलकर खाने के तेल के बिजनेस में एंट्री की. आज देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला फॉर्च्यून ऑयल अडानी-विल्मर कंपनी बनाती है. तेल के अलावा अडानी विल्मर राशन की जरूरत का लगभग हर सामान बनाती है. अडानी विल्मर के शेयर आसमान छूते हैं, लेकिन 'हिंडनबर्ग रिसर्च' की रिपोर्ट के बाद से इनकी भी हालत खराब है.

अडानी टोटल गैस

अडानी टोटल गैस वाहनों को सीएनजी और घरों-फैक्ट्रियों में पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) का रिटेल कारोबार करती है. अडानी टोटल गैस की गैस मीटर बनाने वाली कंपनी स्मार्ट मीटर्स टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (SMTPL) में 50 फीसदी हिस्सेदारी है. अडानी टोटल गैस का वितरण नेटवर्क गुजरात के वडोदरा और अहमदाबाद, हरियाणा के फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश के खुर्जा में है. इसके अलावा इलाहाबाद, चंडीगढ़, एर्नाकुलम, पानीपत, दमन, धारवाड़ और उधम सिंह नगर में गैस वितरण का काम अडानी टोटल गैस लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पास है.

अडानी ग्रीन एनर्जी

अडानी ग्रीन एनर्जी देश की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी है. जिसकी कुल क्षमता 12.3 GW है. अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) समूह की अक्षय ऊर्जा शाखा है जिसके पोर्टफोलियो में पवन (Wind) और सौर ऊर्जा (Solar Power) संयंत्र हैं. अडानी ग्रीन एनर्जी साल 2025 तक 25 गीगा वॉट की कैपेसिटी पूरा करना चाहती है.

Adani ट्रांसमिशन

अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (ATL) भारत की सबसे बड़ी निजी बिजली वितरण कंपनी है. इसकी स्थापना 2006 में हुई थी. अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड का मुख्यालय गुजरात के अहमदाबाद में है, जो भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी बिजली ट्रांसमिशन कंपनियों में से एक है. इसकी उपस्थिति भारत के सभी क्षेत्रों में है.

अडानी एयरपोर्ट

2019 में अडानी समूह ने हवाई अड्डे के क्षेत्र में प्रवेश किया. गौतम अडानी के बेटे करण अडानी इस काम को देखते हैं. वे इस कंपनी के निदेशक हैं. अहमदाबाद, लखनऊ, मंगलुरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम के छह हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण और संचालन की जिम्मेदारी अडानी समूह के पास है.

अडानी सीमेंट

साल 2022 में अडानी ग्रुप ने अंबुजा सीमेंट्स में 63.15 फीसदी और एसीसी में 56.69 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. अंबुजा सीमेंट और एसीसी लिमिटेड की संयुक्त क्षमता 66 मिलियन टन सालाना है. इस डील के बाद अडानी एक झटके में भारत में सीमेंट सेक्टर के दूसरे सबसे बड़े प्लेयर बन गए. अंबुजा सीमेंट के देश में 6 सीमेंट प्लांट हैं, जबकि 8 सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट हैं. अंबुजा सीमेंट की अकेले सालाना प्रोडक्शन कैपेसिटी 3.1 करोड़ टन है.

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