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किताबवाला: जेएनयू को ठुकराया, शादी छोड़ कैंची भागे कवि वीरेन डंगवाल ने 40 रुपये में जन्नत कैसे ख़रीदी?

किताब 'यही तुम थे' दिवंगत लेखक वीरेन डंगवाल की याद में लिखी गई है. इस किताब में वीरेन के जीवन और साहित्य में उनके अनेको योगदानों के बारे में बताया गया है.

किताबवाला(Kitabwala) के इस एपिसोड में बात करेंगे, पंकज चतुर्वेदी(Pankaj Chaturvedi) की किताब 'यही तुम थे'(Yahi tum the). ये किताब दिवंगत लेखक वीरेन डंगवाल की याद में लिखी गई है. इस किताब में वीरेन के जीवन और साहित्य में उनके अनेको योगदानों के बारे में बताया गया है. जानते हैं किताब के लेखक पंकज चतुर्वेदी ने किताब पर क्या-क्या बताया. देखें वीडियो.