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Ola-Uber की गाड़ियों में एसी चलना बंद, ड्राइवरों ने बताई डराने वाली वजह!

ये बात सामने आई है कि कैब बुक होने पर ड्राइवर्स फोन करके कस्टमर से पूछते हैं कि क्या वो एसी के बिना यात्रा कर पाएंगे. अगर उन्हें हां में जवाब मिलता है, तो वो कैब लेकर आ जाते हैं. अगर ना में मिलता है तो वो फिर से पूछते हैं कि क्या कस्टमर एसी के लिए एक्स्ट्रा पैसे दे सकता है.

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कस्टमर्स की शिकायतों पर Ola और Uber की तरफ से प्रतिक्रियाएं आई हैं. (फोटो: ट्विटर)

पेट्रोल-डीजल और सीएनजी की बढ़ती कीमतों के बीच ओला और ऊबर की कैब में एसी ना चलाए जाने का मुद्दा सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. अलग-अलग शहरों से लोग शिकायत कर रहे हैं कि ओला और ऊबर के ड्राइवर कैब में एसी नहीं चला रहे हैं या फिर एसी चलाने के लिए किराए से ज्यादा पैसे मांग रहे हैं, जबकि कंपनी की ऐसी कोई नीति नहीं है. राहुल नाम के एक यूजर ने ट्विटर पर एक वीडियो डालते हुए लिखा,

"ओला, आपका ड्राइवर एसी नहीं चला रहा है. इसके लिए उसने कोविड का हवाला दिया है. जबकि खुद उसने मास्क नहीं पहन रखा है. जब हमने कैब बुक की थी, तो बताया गया था कि जरूरत पड़ने पर एसी उपलब्ध है. अगर एसी नहीं चलती है, तो मैं ऑटो लेना पसंद करूंगा."

@Olacabs @bhash Your cab driver in Bang do not switch on AC citing comp diktat due to covid & they do not wear mask.On raising complain no action or part refund is done. When we book a cab it is implied that it will have ac if needed. I would rather take an auto if it isnt so. pic.twitter.com/K46sIN3uQO

— RAHUL SHUKLA (@RAHULSHUKLA2009) April 7, 2022

दीप्ति नाम की एक यूजर ने ओला और ऊबर को टैग करते हुए ट्वीट किया,
 

“आप लोग अपने ग्राहकों के प्रति सहानुभूति क्यों नहीं दिखाते? गर्मी बहुत पड़ रही है और आपके कैब ड्राइवर्स एसी नहीं चला रहे हैं. ये किस तरह का रवैया है?”

#oladelhi #CAB @Olacabs @Uber @ridexuber Why are you guys not empathetic with your customers ?? Your cab drivers are not switching on AC's these days & in this scrotching heat!!!! What kind of attitude is this towards your own business and customers service? — Dipti vasudev (@vasudev_dipti) April 7, 2022

 

इसी तरह कुछ कस्टमर्स ने ऐसी फोटो भी पोस्ट कीं, जिनमें कार की सीट पर 'नो एसी' का प्लेकार्ड टंगा था या फिर पोस्टर चिपका हुआ था. कई पोस्टर में एसी चलाने के लिए एक्स्ट्रा पैसे मांगे गए थे. इधर कस्टमर्स की इस तरह की शिकायतों पर ओला और ऊबर की तरफ से जवाब भी आए हैं. ओला की तरफ से 7 अप्रैल को एक ट्वीट करते हुए कहा गया,

"आपकी सहूलियत हमारे लिए बहुत जरूरी है. कृपया इस बात को लेकर निश्चिंत रहिए कि कैब में एसी चलाने को लेकर कोई पाबंदी नहीं है. अगर आप ऐसी किसी दिक्कत का सामना कर रहे हैं, तो हमारे साथ अपनी CRN डिटेल शेयर करिए. ताकि हमारी टीम इसका समाधान निकाल पाए."

Your comfort is of utmost importance to us. Please be assured that there is no restriction on switching on the AC during your ride. Please share the CRN details of this ride with us so that our team can look into this concern and assist you aptly. https://t.co/6DHSELSc7K

— Ola Support (@ola_supports) April 7, 2022

 

ऐसा ही कुछ जवाब ऊबर की तरफ से भी दिया गया. कंपनी की तरफ से मीडिया को बताया गया,

"कंपनी ड्राइवर्स से अपेक्षा रखती है कि वो राइड के दौरान एसी चालू रखेंगे. अगर ड्राइवर ऐसा नहीं करते हैं, तो कस्टमर्स हमारी सपोर्ट टीम से संपर्क कर सकते हैं. अगर ड्राइवर्स की तरफ से लगातार ऐसा किया जाता है, तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है. इसके तहत उनसे ऐप का एक्सेस भी वापस लिया जा सकता है."

क्यों नहीं चल रही है एसी?

इस सवाल के जवाब के लिए हमने बात की व्यावसायिक ड्राइवर कल्याण समिति के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष भरत भूषण से. उन्होंने बताया कि इस तरह की समस्या पेट्रोल-डीजल और सीएनजी के पैसे बढ़ने के कारण हो रही है. उन्होंने बताया,

"पेट्रोल-डीजल और सीएनजी की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ी हैं. एसी चलाने से ईंधन ज्यादा खर्च होता है. कैब कंपनियों की तरफ से ड्राइवर्स के पैसे नहीं बढ़ाए गए हैं. ऐसे में उनके पास एसी बंद करने के अलावा कोई चारा नहीं है. हमने सरकार से कई बार मांग की है कि कैब ड्राइवर्स के लिए पैसे फिक्स किए जाएं. महंगाई दर के हिसाब से उनमें बढ़ोतरी की जाए. दिल्ली सरकार ने साल 2017 में ऐसी कुछ नीतियां बनाई थीं, लेकिन वो अभी तक लागू नहीं हुई हैं. इसी तरह से कैब कंपनियां भी पैसे बढ़ाने की मांग नहीं मान रही हैं."

भरत भूषण ने आगे बताया कि कैब ड्राइवर्स को प्रति किलोमीटर 8 से 9 रुपये मिलते हैं, जबकि कंपनियां लगभग 25 फीसदी कमीशन भी काटती हैं. एसी चलाने से ड्राइवर को प्रति किलोमीटर 4 से 5 रुपये का नुकसान हो रहा है. ऐसे में उनके पास कमाई के नाम पर ज्यादा कुछ नहीं बचता.

मीडिया रिपोर्ट्स में ये बात सामने आई है कि कैब बुक होने पर ड्राइवर्स फोन करके कस्टमर से पूछते हैं कि क्या वो एसी के बिना यात्रा कर पाएंगे. अगर उन्हें हां में जवाब मिलता है, तो वो कैब लेकर आ जाते हैं. अगर ना में मिलता है तो वो फिर से पूछते हैं कि क्या कस्टमर एसी के लिए एक्स्ट्रा पैसे दे सकता है. कस्टमर के मना करने पर राइड कैंसिल कर दी जाती है.

दो सप्ताह पहले तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन ने 'नो एसी' कैंपेन की शुरुआत की थी. इस अभियान के तहत गाड़ियों में 'नो एसी' के पोस्टर चिपकाए गए. अभियान का उद्देश्य कैब ड्राइवर्स की परेशानियों को लोगों को सामने रखना था. इसके अलावा तेलंगाना में इस मुद्दे को लेकर ड्राइवर्स की अलग-अलग यूनियन्स ने 28 और 29 मार्च को हड़ताल भी की थी.

दिक्कतें हैं और दलीलें हैं. बस सबके अपने-अपने समाधान दरकार हैं.

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