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IS की दुलहन ने क्या राज़ ज़ाहिर कर दिए?

शमीमा बेग़म 15 साल की उम्र में ब्रिटेन से भागकर सीरिया चली गई थी.

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शमीमा बेग़म 15 साल की उम्र में ब्रिटेन से भागकर सीरिया चली गई थी.

शमीमा बेग़म 15 साल की उम्र में ब्रिटेन से भागकर सीरिया चली गई थी. वहां जाकर उसने इस्लामिक स्टेट ज्वाइन कर लिया था. उसे ‘ISIS की दुल्हन’ के नाम से भी जाना जाता है. 2019 में इस्लामिक स्टेट को एक कोने में समेट दिया गया, तब से शमीमा और उसके जैसी हज़ारों लड़कियां सीरिया की जेलों और डिटेंशन सेंटर्स में बंद हैं. 2019 में ब्रिटेन सरकार ने उसकी ब्रिटिश नागरिकता रद्द कर दी थी. शमीमा ब्रिटेन की अपनी नागरिकता वापस पाने के लिए केस भी लड़ रही है. ताकि वो ब्रिटेन आकर वापस रह सके. लेकिन आज शमीमा के ज़िक्र की वजह बना है, BBC के साथ आया उनका एक पॉडकास्ट. BBC ने शमीमा के साथ एक लंबी बातचीत की है, जिसमें उसने कुछ अनसुने राज़ जाहिर किए हैं.

शमीमा ने BBC को बताया कि वो जानती हैं कि उन्हें अब ब्रिटेन की जनता एक ख़तरे की तरह देखती है. लेकिन मैं वो इंसान नहीं हूं जो वे सोचते हैं. मीडिया ने मेरे चरित्र को ग़लत ढंग से पेश किया है. मैं कोई बुरी इंसान नहीं हूं. पॉडकास्ट में शमीमा से पूछा गया कि समाज में उनके प्रति जो गुस्सा है, क्या वो उसको समझती हैं,
उसके जवाब में शमीमा ने कहा कि

‘हां मैं उस गुस्से को भी समझती हूं लेकिन वो गुस्सा मुझसे ज़्यादा इस्लामिक स्टेट के प्रति है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि जब भी IS का ज़िक्र आता है तो लोग मेरे बारे में सोचने लगते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि मीडिया ने मुझे हमेशा IS के साथ पेश किया है. लेकिन वो सब पहले हुआ था. मीडिया इस कहानी को लंबा खींचना चाहती है क्योंकि उन्हें तो उन्हें एक कहानी मिल गई है. हमने IS ज्वाइन किया. और ये बात अब खत्म हो चुकी है. इससे ज़्यादा और क्या कहा जा सकता है?'

शमीमा ने पॉडकास्ट में इस बात का ज़िक्र भी किया कि जब वो सीरिया जाने वाली थीं तो उन्हें क्या सलाहें मिलती थीं, शमीमा ने बताया

इंटरनेट पर लोग हमें कई तरह की सलाह दे रहे थे. जैसे हमें वहां जाकर क्या करना है और क्या नहीं करना है? अगर हम पकड़े जाते हैं तो क्या कहानी बनानी है? लोगों ने हमें निर्देशों की एक लंबी लिस्ट थमा दी थी. लेकिन हमने इंटरनेट पर खुद अपने काम की जानकारी समेट ली थी. हमने इंटरनेट से सीरिया तक पहुंचने की ट्रेवल कॉस्ट के बारे में जानकारी ली. और तुर्किए की भाषा के कुछ अंश सीखे. क्योंकि इसकी ज़रूरत हमको बॉर्डर क्रॉस करने में पड़ने वाली थी. हमने रास्ते में रोशनी के लिए लाइट्स भी रखीं. और ‘मिंट चॉकलेट बार’ का स्टॉक भी जमा कर लिया था, मुझे पता था कि हम सीरिया में ये चॉकलेट बार नहीं ख़रीद पाएंगे. उस देश में आपको बहुत कुछ मिल जाएगा लेकिन मिंट चॉकलेट नहीं मिलेगी. हमें ये भी कहा गया कि वहां पहनने के लिए अच्छे कपड़े रखो ताकि अपने पति के लिए पहन सको. हमसे IS के लड़ाकों से शादी करने की उम्मीद जताई गई थी.

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