The Lallantop
Logo
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

तारीख़: जब समुद्री लुटेरों की एक गलती ने उन्हें इंडियन नेवी के हत्थे चढ़ा दिया!

1971 में इस समस्या के हल के लिए नागचौधरी कमिटी का गठन किया गया.

शुरुआत आज की तारीख यानी 1 फरवरी से. क्या हुआ था इस रोज़. साल 1977 में इसी दिन भारतीय तटरक्षक बल यानी इंडियन कोस्ट गार्ड की स्थापना हुई थी. कोस्ट गार्ड का विचार पहली बार 1960 के दौर में उपजा. सख्त आयात नियमों के चलते मुंबई जो तब बॉम्बे हुआ करता था, उसके तटों पर स्मगलिंग काफी बढ़ गयी थी. जिसके चलते कस्टम डिपार्टमेंट को बार-बार पेट्रोलिंग के लिए नेवी की मदद लेनी पड़ती थी. 1971 में इस समस्या के हल के लिए नागचौधरी कमिटी का गठन किया गया. कमिटी की सिफारिशों के तहत नेवी से कुछ लोगों को रिक्रूट कर इस काम में लगाया गया. हालांकि ये तरीका ज्यादा दिन चल नहीं पाया क्योंकि इस काम का रिलेशन स्मगलिंग आदि कानूनों से था. जबकि नेवी लॉ एनफोर्समेंट से जुड़े मुद्दों पर सीधे तौर पर सम्मिलित नहीं हो सकती थी. इसलिए तब चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल सुरेंद्र नाथ कोहली ने डिफेन्स सेक्रेटरी को एक सुझाव भेजा. सुझाव ये था कि भारत की समुद्री सीमा की देख रेख के लिए एक अलग फ़ोर्स बनाई जाए. एडमिरल कोहली की सिफारिश पर सितम्बर 1974 में कैबिनेट ने रुस्तमजी कमिटी का गठन किया गया. जिसे हेड कर रहे थे KF रुस्तमजी. रुस्तमजी इससे पहले BSF की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दे चुके थे. और पुलिस सेवा में उनका लम्बा अनुभव था. देखिए वीडियो.