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बजट 2023 से पहले इकोनॉमिक सर्वे में मोदी सरकार ने महंगाई पर क्या आंकड़ा बताया?

BRS और AAP ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार क्यों किया?

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सांकेतिक फोटो

बजट यानी साल भर का हिसाब-किताब. कल है 1 फरवरी और इसी दिन भारत सरकार 2023-24 के लिए बजट पेश करने वाली है. इसी से तय होगा कि साल भर सरकार कहां कितना पैसा खर्च करेगी. क्या महंगा होगा, क्या सस्ता होगा. सब कल ही पता चलेगा. अब आप कह सकते हैं कि जब सब कल पता चलेगा तो आज चर्चा क्यों हो रही? इस सवाल का जवाब है इकॉनमिक सर्वे. बजट से पहले सरकार ने इकॉनमिक सर्वे पेश किया है. बताया है कि जो साल बीत गया उसमें क्या-क्या काम हुआ. क्या रह गया. आगे क्या करना है.

आज बजट सत्र का पहला दिन था. सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन परिसर में मीडिया से बात की. और कहा कि सदन में तकरार हो लेकिन तकरीर भी जरूरी है.
सत्र की शुरुआत हुई राष्ट्रपति के अभिभाषण से. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों को संबोधित किया. अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने सर्जिकल स्ट्राइक, आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी करने, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से लेकर राजपथ का नाम कर्तव्यपथ करने आदि का जिक्र किया. 

राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान भारत राष्ट्र समिति और आम आदमी पार्टी के सांसद सेन्ट्रल हॉल में मौजूद नहीं थे. दोनों पार्टियों ने अभिभाषण का बहिष्कार किया. बीआरएस का कहना था कि केन्द्र सरकार शासन के सभी मोर्चे पर विफल रही है इसलिए बहिष्कार कर रहे हैं. जबकि आम आदमी पार्टी ने अडानी ग्रुप में LIC निवेश को मुद्दा बनाकर पीएम से जवाब मांगा है. दूसरी तरफ बीजेपी ने इसे देश की सफलता का बॉयकॉट बता दिया. करीब 1 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे 2023-24 पेश किया.

अब ये आर्थिक सर्वे क्या होता है?

मान लीजिए कि आपको अपना अगले साल का बजट बनाना है. यानी ये तय करना है कि आने वाले साल में कहां कितना खर्च करना है, किन चीजों पर खर्च करना है. और इसके लिए पैसे कहां से आएंगे. ये सारी चीजें तय करनी है तो सबसे पहले आपको अपने अपनी हिसाब-किताब वाली डायरी देखनी होगी. देखना होगा कि पिछले साल घर किस तरह चला? हालत सही रही या गड़बड़? कहां खर्च हुआ? कहां बचत हुई? ये भी फ़ैसला करना होता है कि आगे कितना हाथ दबाकर चलना है? किस जगह खर्च करना है? अनुमान लगाया जाता है कि हालत कैसी रहने वाली है?

अब यहां घर की जगह देश कर दिया जाए तो हिसाब-किताब की डायरी ही इकॉनमिक सर्वे होगी.

आर्थिक सर्वे में क्या होता है?

दो तरह की बातें होती हैं - पहली तो ये कि पिछले एक साल में देश की अर्थव्यवस्था कैसी रही. सरकार का पैसा किस सेक्टर में कितना गया, देश में उद्योगों की हालत कैसी रही, रोज़गार कितना रहा, कृषि क्षेत्र का हाल क्या है, कितना हमने आयात-निर्यात किया. इन सब चीजों का डेटा होता है. दूसरा, आर्थिक सर्वे में अगले साल की अर्थव्यवस्था का अनुमान दिया जाता है. ये बताया जाता है कि किस सेक्टर में कितनी ग्रोथ हो सकती है, और उसकी वजह बताई जाती हैं. यानी नए वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था तेज़ी से दौड़ेगी तो क्यों दौड़ेगी उसकी वजह बताई जाती है, या खराब रहेगी तो क्यों रहेगी, ये वजह बताई जाती है. एक तरह से आर्थिक सर्वे बजट का आधार तय करता है. बजट में सरकार ने किस सेक्टर को कितना फंड अलोकेट किया है, इसका तर्क आर्थिक सर्वे के आंकड़ों में खोजा जाता है.

कुल मिलाकर इसमें बीते साल के हिसाब-किताब के साथ आने वाले साल के लिए सुझाव, चुनौतियां और समाधान होते हैं. और जरूरी बात ये है कि साल शुरू होता है 1 अप्रैल से और खत्म होता है 31 मार्च को. इसे फाइनेंशियल ईयर या वित्तीय वर्ष कहते हैं. आगे हम जहां साल कहेंगे वहां हमारा मतलब वित्तीय वर्ष से ही होगा.

आर्थिक सर्वे को कौन तैयार करता है?

वित्त मंत्रालय में एक डिपार्टमेंट है, डिपार्टमेंट ऑफ इकॉनमिक अफेयर्स यानी DEA. DEA का इकॉनमिक डिवीजन ही इकॉनमिक सर्वे तैयार करता है. देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार की देख-रेख में. इस समय देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं वी. अनंत नागेश्वरन. इकॉनमिक सर्वे तैयार होने के बाद इसे वित्त मंत्री अप्रूव करती हैं. पहला इकॉनमिक सर्वे 1950-51 में पेश किया गया था. 1964 तक इसे बजट के साथ ही पेश किया जाता था. इसके बाद इसे बजट से एक दिन पहले इसे पेश किया जाने लगा.

एक चीज और है. 2010-11 से पहले तक ये एक ही पार्ट में होता था. लेकिन 2010-11 से 2020-21 के दौरान इसे दो पार्ट में रिलीज किया जाने लगा था. 2021-22 के बाद से फिर से ये एक ही पार्ट में आने लगा. आज 31 जनवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये इकॉनमिक सर्वे पेश किया. बजट 2023 से एक दिन पहले. और क्या खास है इस साल के इकॉनमिक सर्वे में-

1. पहला GDP. इकॉनमिक सर्वे के मुताबिक अगले साल यानी 2023-24 में भारत का GDP ग्रोथ रेट 6.0 से 6.8 प्रतिशत तक रहेगा. GDP यानी सकल घरेलू उत्पाद. GDP देश भर में होने वाले उत्पादन को बताता है.

2. दूसरा विकास दर. सर्वे के मुताबिक साल 2022-23 में 7 प्रतिशत की दर से अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी. पिछले वित्त वर्ष के दौरान विकास दर 8.7 प्रतिशत रही थी.

3. तीसरा रोजगार. सर्वे कहता है कि शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में लेबर मार्केट, मुश्किलों से उबर चुका है और कोरोना काल से पहले के स्तर पर पहुंच गया है. बेरोजगारी दर साल 2018-19 के 5.8 प्रतिशत से घटकर साल 2020-21 में 4.2 प्रतिशत रह गई है.

4. चौथा अनाज उत्पादन. भारत में खाद्यान्न उत्पादन में लगातार बढ़त देखने को मिला है और साल 2021-22 में यह बढ़कर 315.7 मिलियन टन यानी 31 करोड़ 57 लाख टन हो गया है.

5. पांचवा निर्यात. यानी कितना माल भारत ने दूसरे देशों को भेजा. सर्वे के मुताबिक अप्रैल-दिसम्बर 2022 के दौरान व्यापार निर्यात 27 लाख करोड़ रुपए रहा. भारत ने ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और सऊदी अरब के लिए अपने निर्यात में बढ़ोत्तरी की.

6. छठां इलेक्ट्रॉनिक्स. सर्वे के मुताबिक भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में 94 हजार करोड़ रुपए का इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स निर्यात किया. साथ ही भारत वैश्विक स्‍तर पर मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता बन गया है.

7. सातवां है सड़क. सर्वे कहता है कि नेशनल हाइवे और सड़कों के निर्माण में तेजी आई है. वित्त वर्ष 2016 में 6061 किलोमीटर की तुलना में वित्त वर्ष 2022 में 10457 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों/सड़कों का निर्माण किया गया.

8. आठवां सरकारी प्रोजेक्ट्स. सर्वे के मुताबिक कुल 141.4 लाख करोड़ रुपये के 89,151 प्रोजेक्ट्स प्रोसेस में हैं. यानी कार्य प्रगति पर है. जबकि इस साल 5.5 लाख करोड़ रुपये की 1009 परियोजनाएं पूरी की गईं.

9.  नौवां महंगाई. समीक्षा में कहा गया है कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 में औसत महंगाई दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. अप्रैल 2022 में ये 7.8 तक पहुंच गई थी. हालांकि दिसंबर 2022 तक ये 5.7 प्रतिशत तक गिर गई थी.

10.दिसम्बर, 2022 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार  46 लाख 63 हजार करोड़ रुपए पर रहा. नवंबर 2022 के अंत तक भारत विश्व में छठा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार धारक था. सर्वे में कहा गया है कि विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है.

आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब कोविड महामारी से आगे बढ़ चुकी है. यानी जो झटका लगा था उससे उबर चुकी है और तेजी से आगे बढ़ने के लिए तैयार है. हमने इकॉनमिक सर्वे के बारे में आपको बताया. ये भी बताया कि कल यानी 1 फरवरी को बजट आएगा. तो ये था आर्थिक सर्वे यानी बीते साल का लेखा. अब आगे सरकार की क्या प्लानिंग है इसके बारे में हमें कल पता चलेगा. जब बजट पेश किया जाएगा. दी लल्लनटॉप कल पूरे दिन बजट से जुड़ी खबरें आप तक पहुंचाता रहेगा. 

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: बजट 2023 से पहले इकोनॉमिक सर्वे में मोदी सरकार ने महंगाई पर क्या आंकड़ा बताया?