सुनिए घड़ी के बिना लोग कैसे माप लेते थे वक्त. छोटे शहर से बड़े शहर आकर कैसा महसूस होता है? उस साइकल को पाने की चाहत क्या थी? क्या है हर शाम चलती चक्की के इर्द-गिर्द घूमती कहानियां? सुकून से मिलेगा वो बचपन और Nostalgia. सुनिए ग्रामीण के इस एपिसोड में सौरभ द्विवेदी की जुबानी, उनकी कहानी सिर्फ LT Baaja पर.