'भारतीय क्रिकेट के लिए इतना कुछ योगदान देने के बाद मुझे सो कॉल्ड आदरणीय जर्नलिस्ट से ये दिन देखना पड़ रहा है. पत्रकारिता कितनी गिर गई है.'
'मेरे साथ एक इंटरव्यू करो. अच्छा होगा. अगर लोकतांत्रिक बनना चाहते हो तो मैं जबरदस्ती नहीं करूंगा. उन्होंने एक विकेटकीपर को चुना है. जो बढ़िया है. आपने 11 पत्रकारों को चुनने की कोशिश की जो कि मेरे हिसाब से बेस्ट नहीं है. उन्हें चुने जो आपकी मदद कर सकता है.'इसके बाद उस जर्नलिस्ट ने ऋद्धिमान साहा को व्हाट्सएप कॉल किया. और साहा ने कॉल का कोई जवाब नहीं दिया. खिसियाते हुए जर्नलिस्ट ने साहा को धमकी देते हुए लिखा,
'तुमने कॉल नहीं किया. मैं दोबारा तुम्हारा इंटरव्यू नहीं करूंगा. मैं इस बेइज्जती को हल्के में नहीं लूंगा. और इसे याद रखूंगा. तुम्हें ये नहीं करना चाहिए था.'बता दें कि ऋद्धिमान साहा के इस खुलासे पर सोशल मीडिया पर काफी बवाल मच गया. क्रिकेट फैन्स और पूर्व क्रिकेटर्स ने नाराज़गी जाहिर की और साहा के समर्थन में उतरे. टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज विरेंदर सहवाग ने लिखा,
'काफी दुखी हूं. न तो वह आदर का पात्र है और न ही पत्रकार, बस चमचागिरी. मैं आपके साथ हूं ऋद्धि.'
'ऋद्धि आप बस नाम बताओ ताकि क्रिकेट कम्युनिटी को भी पता चले कि कौन ऐसे काम करता है. नहीं तो अच्छे लोगों को भी शक के घेरे में ले लिया जाएगा. यह किस तरह की पत्रकारिता है?'
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