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"अब कोई अड़ंगा नहीं लगा पाएगा"- AAP नेता सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद और क्या बोले?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर दिल्ली सरकार का अधिकार है.

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सुप्रीम कोर्ट में जीत को लेकर AAP नेताओं ने खुशी जाहिर की (फोटो- आजतक)

दिल्ली की AAP सरकार और उपराज्यपाल के बीच लंबे समय से टकराव चल रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने ताजा फैसले में मामला सुलटा दिया है (AAP on Supreme Court Decision Delhi). कहा है कि दिल्ली में अब अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर दिल्ली सरकार का अधिकार होगा. दिल्ली सरकार ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर ये अधिकार उसके हाथ में देने की मांग की थी. अपनी जीत को लेकर AAP के तमाम नेताओं ने खुशी जाहिर की है.

पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने ट्वीट में लिखा,

सत्यमेव जयते. दिल्ली की जीत हुई. माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले से एक कड़ा संदेश जाता है कि दिल्ली सरकार के साथ काम करने वाले अधिकारी चुनी हुई सरकार के माध्यम से दिल्ली के लोगों की सेवा करने के लिए हैं. ना कि वो जो बिना चुने हुए केंद्र के सपोर्ट से आए हों.

आप सरकार में मंत्री आतिशी ने लिखा,

सालों की लड़ाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को उसका हक दिलवाया है. दिल्ली की जनता के काम में अब कोई अड़ंगा नहीं लगा पाएगा. ये ऐतिहासिक निर्णय दिल्ली की जनता की जीत है. अब दिल्ली दोगुनी गति से तरक्की करेगी. सबको बधाई!

आप सांसद संजय सिंह ने लिखा,

लंबे संघर्ष के बाद जीत. अरविंद केजरीवाल जी के जज्बे को नमन. दिल्ली की दो करोड़ जनता को बधाई.

AAP सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने लिखा,

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 8 साल तक दिल्ली की जनता की लड़ाई अदालत में लड़ी और आज जनता जीत गई.

इससे पहले इस पूरे मामले पर फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिफ डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान पीठ जस्टिस भूषण के 2019 के फैसले से सहमत नहीं हैं, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार का ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर से ऊपर के अफसरों पर कोई अधिकार नहीं है. इस पीठ का मानना है कि भले ही नेशनल कैपिटल टेरिटरी यानी दिल्ली पूर्ण राज्य ना हो, लेकिन यहां की चुनी हुई सरकार के पास भी ऐसे अधिकार हैं कि वो कानून बना सकती है.

फैसले की बड़ी बातें
-केंद्र और राज्य दोनों के पास कानून बनाने का अधिकार है, लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाए कि केंद्र का इतना ज्यादा दखल ना हो कि वो राज्य सरकार का काम अपने हाथ में ले ले. इससे संघीय ढांचा प्रभावित होगा.

- अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा.

- चुनी हुई सरकार के पास प्रशासनिक सेवा का अधिकार होना चाहिए.

- अगर चुनी हुई सरकार के पास प्रशासनिक व्यस्था का अधिकार नहीं होगा, तो फिर ट्रिपल चेन जवाबदेही पूरी नहीं होती.

- उपराज्यपाल को सरकार की सलाह पर ही काम करना होगा.

- पुलिस, पब्लिक आर्डर और लैंड का अधिकार केंद्र के पास रहेगा.

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