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वक्फ बोर्ड मामले में अमानतुल्ला खान अरेस्ट, करीबी के घर मिले थे पिस्टल और कैश

अमानतुल्ला के ठिकानों पर छापेमारी के बाद ACB ने कहा कि वक्फ बोर्ड घोटाला मामले में अमानतुल्ला खान का हाथ होने के पर्याप्त सबूत मिले हैं.

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अमानतुल्ला खान. (फाइल फोटो: PTI)

दिनभर चली छापेमारी की कार्रवाई के बाद दिल्ली पुलिस के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) को गिरफ्तार कर लिया. ACB के मुताबिक, अमानतुल्लाह खान के ठिकानों पर हुई कार्रवाई में वक्फ़ बोर्ड मामले में उनका हाथ होने के पर्याप्त सबूत मिले हैं.

इससे पहले 15 सितंबर को ACB ने अमानतुल्लाह के घर के अलावा जामिया, ओखला, गफूर नगर स्थित अन्य 5 ठिकानों पर छापेमारी की. आजतक से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, रेड के दौरान अमानतुल्लाह के बिजनेस पार्टनर हामिद अली के घर से एक पिस्टल ब्रेटा (Baretta) मिली है. इस पिस्टल का लाइसेंस नहीं है. छापेमारी के दौरान 12 लाख रुपये कैश भी मिला है. जांच टीम ने अमानतुल्लाह खान से पूछताछ के बाद ये रेड की. ये पूरी कार्रवाई वक्फ बोर्ड से जुड़े मामले में की जा रही है.

क्या है वक्फ बोर्ड का मामला?

अमानतुल्लाह खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप हैं. अमानतुल्लाह खान पर वक्फ बोर्ड के बैंक खातों में वित्तीय गड़बड़ी और वाहनों की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप है. नियमों का उल्लंघन करते हुए 33 लोगों की अवैध नियुक्ति का आरोप भी उन पर लगा है. इस संबंध में ACB ने जनवरी 2020 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और IPC की अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. CBI ने इसी साल मई में अमानतुल्लाह खान पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी.

Amanatullah Khan का क्या कहना है?

AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने खुद पर लगे आरोपों पर आजतक से कहा,

'CEO वक्फ बोर्ड की शिकायत पर ये सब हो रहा है. कॉन्ट्रैक्ट के लिए नहीं, परमानेंट स्टाफ के लिए नियुक्ति हुई थी. मुझसे पहले 24 लोगों को भर्ती किया गया. सबको मेरिट बेस पर लिया गया. उसी CEO ने इन लोगों को भी रखा, जिसने शिकायत की है. ये 2022 के रिकॉर्ड मांग रहे हैं, जो हमने दे दिए. रिलीफ कमेटी 2020 में बनी, FIR उससे पहले हो गई. ना मैंने किसी केस को प्रभावित किया, ना कुछ गलत किया. मैंने सभी मानदंडों का पालन किया है. मेरे खिलाफ 23-24 FIR हैं.'

अमानतुल्लाह खान ने आगे कहा,

'मैंने 125 स्थाई कर्मचारियों के लिए प्रस्ताव भेजा था, लेकिन वो मंजूर नहीं हुआ. मुझे उस काम के लिए संविदा कर्मचारियों को काम पर रखना पड़ा, मैंने मानदंडों का पालन किया था.'

अमानतुल्लाह खान के मुताबिक भर्ती समिति ने योग्यता के आधार पर लोगों को नियुक्त किया था. इसलिए ये नहीं कहा जा सकता कि उनके रिश्तेदारों को वरीयता दी गई.

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