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अडानी-अंबानी में डील हो गई, इनके यहां नौकरी करने वाले कहां जाएंगे?

आखिर इतना बड़ा फैसला क्यों लिया गया?

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अंबानी और अडानी में अपने कर्मचारियों को लेकर हुई बड़ी डील | फाइल फोटो: आजतक

देश के दो सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप रिलायंस (Reliance) और अडानी (Adani) ने एक समझौता किया है. इसके तहत इनके कर्मचारियों को एक-दूसरे के यहां नौकरी नहीं मिलेगी. इस नए समझौते का नाम है- ‘नो-पोचिंग एग्रीमेंट’. बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक नो-पोचिंग एग्रीमेंट (No-Poaching Pact) इस साल मई से लागू हो गया है और ये उनकी सभी ग्रुप कंपनियों पर लागू होगा.

कई Business में Ambani-Adani आमने-सामने

रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में दोनों समूहों ने उन क्षेत्रों में प्रवेश किया है, जहां दूसरे की अच्छी खासी मौजूदगी है. पिछले साल अडानी समूह ने अडानी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के साथ पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में प्रवेश की घोषणा की, जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज की बड़ी उपस्थिति है. दूसरा क्षेत्र जहां उनके रास्ते टकराते हैं, वो है हाई-स्पीड डेटा सेवाएं. अडानी ने 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई है.

अडानी ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हाल ही में अपने रिटेल कारोबार को भी बढ़ावा देने के लिए बड़ा निवेश करने की घोषणा की है. ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अडानी विल्मर लिमिटेड ने अपने फूड ऑपरेशन को बढ़ावा देने के लिए अपने आईपीओ से 5 अरब रुपये निर्धारित किए हैं. हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी उपभोक्ता वस्तुओं का व्यवसाय शुरू करने की अपनी योजना की घोषणा की थी.

भारत में स्किल्ड लेबर की कमी

‘मैनपॉवर टैलेंट शॉर्टेज सर्वे’ के मुताबिक, भारत दुनिया के उन टॉप 4 देशों में शामिल है, जहां सबसे ज्यादा स्किल्ड कर्मचारियों की कमी है. यही वजह है कि भारत में बड़ी कंपनियों के सामने तेजी से ‘वॉर फॉर टैलेंट’ बढ़ रहा है. जिन देशों में कम स्किल्ड कर्मचारी हैं, वहां मैनपॉवर तेजी से महंगा हो रहा है. ऐसे में भारत में भी अब कंपनियों के बीच इस तरह के एग्रीमेंट हो रहे हैं. इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में बड़ी कंपनियों के बीच और भी इस तरह के एग्रीमेंट देखने को मिल सकते हैं.

वीडियो देखें: आखिर क्यों अनिल अंबानी ने गौतम अडानी पर ठोका केस?