फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Report) जारी होने के बाद से भारतीय शेयर बाजार में काफी हलचल देखने को मिली है. सोमवार, 13 फरवरी को BSE सेंसेक्स 250 अंकों की गिरावट के साथ 60,431 अंकों पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 50 इंडेक्स 85 अंकों की गिरावट के साथ 17,700 पर बंद हुआ. टाइटन कंपनी के शेयरों में सबसे ज्यादा बढ़ते देखने को मिली. उधर, अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों में गिरावट जारी है.
हफ्ते के पहले ही दिन शेयर मार्केट गिरा, अडानी ग्रुप को कितना नुकसान हुआ?
हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप को लगातार नुकसान हो रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मूडीज ने अडानी ग्रुप के चार स्टॉक्स की रेटिंग घटा दी. इसका नतीजा ये हुआ कि 13 जनवरी को अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 7.5 फीसदी गिरे. जबकि अडानी पोर्ट्स के शेयर में 5.5 फीसदी की गिरावट आई. वहीं SBI और इंफोसिस के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली. दोनों में 2.5 फीसदी की गिरावट हुई.
इधर, मार्केट से कुछ कंपनियों के लिए अच्छी खबर भी आई. टाइटन, L&T, NTPC और बजाज ऑटो के स्टॉक्स में बढ़त देखी गई. टाइटन कंपनी के शेयरों में सबसे ज्यादा दो फीसदी की बढ़त हुई. वहीं सबसे ज्यादा घाटा अडानी एंटरप्राइजेज को हुआ. सेक्टर्स की बात करें तो NIFTY FMCG सेक्टर ने सबसे ज्यादा फायदा देखा. सेक्टर में 0.04 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
रुपये में भी गिरावट जारी है. सोमवार, 13 फरवरी को रुपया 0.26 प्रतिशत गिरकर 82.71 यूएस डॉलर पर बंद हुआ. शुक्रवार, 10 फरवरी के दिन रुपया डॉलर के मुकाबले 82.49 रुपए पर बंद हुआ था.
अडानी ग्रुप के शेयर्स में गिरावटअडानी ग्रुप के शेयरों में सोमवार, 13 फरवरी को इंट्रा-डे ट्रेडिंग में 9 फीसदी तक की गिरावट आई. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रुप की तीन कंपनियों ने SBI की एक कंपनी SBICAP में कुछ अतिरिक्त शेयर गिरवी रखे हैं. अडानी ग्रुप की कंपनियों की बात करें, तो अडानी टोटल गैस, अडानी पावर, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी, NDTV और अडानी विल्मर के शेयरों में 5 फीसदी की गिरावट आई.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी पोर्ट्स के 75 लाख शेयर SBICAP में गिरवी रखे गए हैं. ये SBICAP के सभी शेयरों का कुल एक फीसदी है. वहीं, अडानी ग्रीन के कुल 60 लाख शेयरों को गिरवी रखा गया है. इसके अलावा अडानी ट्रांसमिशन के 13 लाख शेयर SBICAP में गिरवी रखे गए हैं.
अडानी ग्रुप की समस्याओं की शुरुआत हिंडनबर्ग की 24 जनवरी को जारी हुई एक रिपोर्ट से शुरू हुई थी. 106 पन्नों की इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर टैक्स हैवन के ‘अनुचित’ इस्तेमाल और भारी-भरकम कर्ज को लेकर कई सवाल खड़े किए गए थे.
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