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आनंद महिंद्रा के बाद हर्ष गोयनका और टाटा के चेयरमैन ने भी 'अग्निवीरों' से किया नौकरी का वादा

बायोकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार ने भी जॉब मार्केट में अग्निवीरों के लिए अपार संभावनाएं होने की बात कही.

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महिंद्रा ग्रुप के चेयरपर्सन आनंद महिंद्रा, आरपीजी इंटरप्राइजेस के चेयरपर्सन हर्ष गोयनका और टाटा संस के चेयरपर्सन एन चंद्रशेखरन (बाएं से दाएं)

देश के कई बड़े कॉरपोरेट घराने और दिग्गज उद्योगपति केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के समर्थन में आगे आए हैं और अग्निवीरों को नौकरी में प्राथमिकता देने का ऐलान कर रहे हैं. महिंद्रा ग्रुप के चेयरपर्सन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) के बाद आरपीजी इंटरप्राइजेस (RPG Enterprises) के चेयरपर्सन हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) ने भी अग्निवीरों के लिए नौकरी की पेशकश की है. इस फेहरिस्त में ताजा नाम टाटा संस  (Tata Sons) के चेयरपर्सन एन चंद्रशेखरन ( N Chandrasekharan) का भी जुड़ा है. उन्होंने न सिर्फ इस योजना की तारीफ की, बल्कि ये भी कहा कि टाटा समूह की कंपनियां अग्निवीरों को 4 साल की सेवा के बाद नौकरी में प्राथमिकता देंगी.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक चंद्रशेखरन ने एक बयान में कहा,

'अग्निपथ योजना युवाओं के लिए सिर्फ देश के सैन्य बलों में सेवा प्रदान करने का शानदार अवसर नहीं है, बल्कि यह टाटा समूह समेत पूरे उद्योग जगत के लिए बेहद अनुशासित व प्रशिक्षित युवा भी उपलब्ध कराएगी. टाटा समूह में हम सभी अग्निवीरों की क्षमताओं से अवगत हैं और उन्हें इस संबंध में अवसर प्रदान करने का स्वागत करते हैं.'

वहीं इससे पहले आरपीजी इंटरप्राइजेस के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने आनंद महिन्द्रा के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए कहा था,

आरपीजी ग्रुप भी अग्निवीरों को रोजगार देने के अवसर का स्वागत करता है. मैं आशा करता हूं कि अन्य कॉरपोरेट्स भी इस संकल्प में हमारे साथ जुड़ेंगे और हमारे युवाओं को उनके भविष्य के लिए आश्वस्त करेंगे.

हर्ष गोयनका के इस ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए बायोकॉन लिमिटेड (Biocon Limited) की एग्जिक्यूटिव चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ ने लिखा,

मुझे पूरा विश्वास है कि इं​डस्ट्रियल जॉब मार्केट की भर्ती में अग्निवीरों को एक विशिष्ट लाभ रहेगा.

आनंद महिंद्रा ने क्या कहा था?

इन सबसे पहले आनंद महिंद्रा ने 20 जून को अग्निपथ योजना के समर्थन में एक ट्वीट किया था. इसमें उन्होंने लिखा,

अग्निपथ योजना को लेकर हो रही हिंसा को लेकर दुखी हूं. पिछले साल जब इस योजना पर विचार हो रहा था, तो मैंने कहा था और उसे दोहरा रहा हूं कि अनुशासन और कौशल अग्निवीरों को उत्कृष्ट रूप से रोजगार योग्य बनाएगा. महिंद्रा ग्रुप ऐसे प्रशिक्षित और सक्षम युवाओं को भर्ती करने की राह देख रहा है.

लोगों का सवाल- 'अब तक कितने पूर्व सैनिकों को नौकरी दी?'

हालांकि, अग्निवीरों के लिए रोजगार के मौके की घोषणा करने वाले उद्योग जगत के दिग्गजों से कई लोगों का यही सवाल है कि उनकी कंपनी में अभी तक सेना से रिटायर कितने लोगों की भर्ती की गई.

आनंद महिंद्रा के ट्वीट पर पूर्व नेवी चीफ अरुण प्रकाश ने लिखा था,

इस नई योजना का इंतजार क्यों? क्या महिंद्रा ग्रुप ने अब तक हजारों हाइली स्किल्ड और अनुशासित पूर्व सैनिकों (जवानों और अधिकारियों) से बात करने की कोशिश की, जो हर साल रिटायर हो रहे हैं और दूसरे करियर की तलाश में हैं. अगर आपकी कंपनी इस पर कोई आंकड़ा दे दे तो अच्छा रहेगा.

एडमिरल अरुण प्रकाश (रि.) का ये ट्वीट आनंद महिंद्रा पर एक तंज की तरह आया था. वहीं पूर्व एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने भी आंनद महिंद्रा से आंकड़े मांगे. उन्होंने ट्वीट किया,

क्या हम आपके संस्थान में पूर्व सैनिकों को मिली नौकरी के आंकड़े देख सकते हैं सर? जैसा कि पूर्व नेवी चीफ ने मांग की थी. मैंने अपनी 40 साल की सर्विस में इस तरह के बहुत से वादे सुने हैं.

संदीप कुमार नाम के एक ट्विटर यूज़र ने आनंद महिंद्रा से पूछा था कि वो अग्निवीरों को महिंद्रा ग्रुप में किस पद पर नौकरी देंगे. संदीप के सवाल पर आनंद महिंद्रा ने जवाब दिया,

कॉरपोरेट सेक्टर में अग्निवीरों के रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. लीडरशिप, टीमवर्क और फिज़िकल ट्रेनिंग के साथ अग्निवीर पेशेवर के तौर पर बाज़ार के लिए बिल्कुल तैयार हैं. इन्हें इंडस्ट्री में ऑपरेशन्स, प्रशासन या सप्लाई चेन कहीं भी लगाया जा सकता है.

अग्निपथ स्कीम के तहत सेना में चार सालों के लिए युवाओं की भर्ती की जाएगी. इन्हें ही ‘अग्निवीर’ कहा जा रहा है. चार साल बाद इनमें से सिर्फ 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थाई नौकरी मिलेगी. बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों को नौकरी छोड़नी पड़ेगी. हालांकि उन्हें अलग-अलग सशस्त्र बलों और अन्य सेक्टरों में नौकरी दिए जाने के वादे सरकार और कॉरपोरेट की तरफ से की गई है.